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Why the immune system does not attack body parts Current Affairs Nobel in Medicine | इम्‍यून सिस्‍टम क्‍यों नहीं करता शरीर के अंगों पर हमला: क्‍या है ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस’ जिसकी खोज के लिए मिला मेडिसिन का नोबेल

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  • प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के अंगों पर हमला क्यों नहीं करती करंट अफेयर्स चिकित्सा में नोबेल
3 मिनट पहले

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6 अक्टूबर को नोबेल समिति ने चिकित्सा के नोबेल की घोषणा की। मैरी ई. ब्रैंको, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन सकागुची को ‘पेरिफ़ेरल इम्मॉन टॉलरेंस’ की खोज के लिए इस साल ये चीज़ें मिली हैं।

पेरिफेरल इमाम टॉलरेंस बॉडी के इम्युन सितारटम को नियंत्रित किया जाता है। हमारा इम्यून सिस्टम शरीर का सुरक्षा तंत्र है। यह वायरस, स्कैनर, फंगस जैसे बाहरी नीड को अपनी पहचान बताने के लिए ‘एंटीजन’ कहा जाता है। कभी-कभी इम्युनियन सितारम् शरीर के प्रयोगों को ही एंटीजन समझकर विचारधारा पर हमला कर देता है। इससे ऑटोइम्यून बीमारियां होती हैं। जैसे-

  • टाइप-1 कामगार
  • रूमेट गठिया
  • लूपस
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस

ऐसा नहीं है, इसके लिए 2 स्टार्स पर सेल्फ़ और नॉन-सेल्फ़ की पहचान करना सिखाया जाता है।

1. सेंट्रल टॉरेंस : हमारे शरीर में मौजूद थाइमस ऑक्सिटलैंड और बोन मैरो में इम्युन सेल कनेक्शन को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे आपके शरीर के कोष पर हमला न कर सकें।

2. पेरिफ़ेरल टॉलरेंस : जो सेल सिग्नल ट्रेनिंग से बचा जाता है, उसे कण्ठमाला से बाहर नियंत्रित या साइलेंस किया जाता है। इससे इमैजिन ओवररिएक्शन को शांत किया जाता है। ऐसा न होने पर इम्यूमिनेशन सितारम अपने शरीर से लड़ता रहेगा और ऑटोइम्यूमिन डिसीजेज खोलेगी।

कैंसर-ऑटोइम्यून के इलाज में औषधि

ब्रैंको, रैम्सडेल और साकागुची ने इमाम सिस्टम के ‘सुरक्षा गार्ड’ यानी रेगुलेटरी टी-सेल्स की पहचान की है, जो यह सुनिश्चित करता है कि इमाम सेल हमारे शरीर पर हमला न करें।

इसके आधार पर कैंसर और ऑटोइम्यून डीलरों के इलाज की खोज की जा रही है। इसके अलावा इन खोजों की मदद से क्रिटिक्स ट्रांसप्लांटेशन (आंग प्रत्यारोपण) में भी मदद मिल रही है। इसके अलावा कई इलाज अब क्लिनिकल ट्रायल के दौर से गुजर रहे हैं।

इन तीनों को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में 10.3 करोड़ रुपये, गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट के तौर पर दिया जाएगा।

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