नई दिल्ली7 दिन पहले
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वॉट्सऐप ने कहा- आईटी नियम 2021 उपभोक्ताओं के साथ गोपनीयता को कमजोर करता है।
व्हाट्सएप भारत में सेवा बंद हो सकती है। इंस्टेंट टेक्निशिंग प्लेटफॉर्म ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उन्हें मैसेजेज तोड़फोड़ के लिए मजबूर किया गया, तो वह भारत से चले जाएंगे।
मेटा के दो बड़े मंच व्हाट्सएप और फेसबुक के खिलाफ नए डिजाइन आईटी को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली HC में पोस्ट किया था।
कंपनी ने अदालत में कहा कि नए स्वामित्व से बिल्डरों की निजी संपत्ति खतरे में पड़ सकती है। मामले की सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस और जस्टिस मनमीत पीट सिंह अरोड़ा की बेंच कर रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय- समुद्र तट का रास्ता
व्हाट्सएप की ओर से एडवोकेट तेजस करिया और सरकार की ओर से कीर्तिमान सिंह डेली रख रहे थे। दोनों के बीच बहस के बाद उच्च न्यायालय ने बीच का रास्ता निकाला। केस की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
कोर्ट में व्हाट्सएप के वकील की 3 बड़ी बातें
- आईटी नियम 2021 निजीकरण के साथ उपभोक्ताओं की गोपनीयता को प्रभावित करता है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के अंतर्गत मूल अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।
- दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं, ब्राजील में भी नहीं। यह नियम किसी भी परामर्श के बिना पेश किया गया था।
- हमें एक पूरी सीरीज रखनी होगी और हमें नहीं पता कि किन संदेशों को सरकार की मांग हो सकती है। इसका मतलब यह है कि करोड़ों इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर तक स्टोर करना होगा।
एंड-टू-एंड मूर्ति क्या है?
एंड-टु-एंड रिवाइवल एक संचार प्रणाली है, जिसमें केबल नेटवर्क वाले और संदेश रसीद करने वाले के अलावा कोई अन्य शामिल नहीं है। यहां तक कि कंपनी भी एंड-टू-एंड यूजरशिप में यूजर के मैसेज नहीं देख सकती है।
यह व्हाट्सएप की निजी जानकारी में एंड-टु-एंड मूर्ति की जानकारी है। इसमें बताया गया है कि व्हाट्सएप और शेयर्ड-पार्टी ऐप आप फेसबुक पर ना पढ़ सकते हैं और ना ही सुन सकते हैं।
व्हाट्सएप ऐसे करता है संदेश का रिकार्ड
व्हाट्सएप के लिए व्हाट्सएप आपके मैसेज/डेटा को कॉम्प्लेक्स कंप्यूटर कोड में बदल देता है। इस नेटवर्क को अन्यत्र वितरित किया जा सकता है, जिसके पास सही एंकर-की समानता है। कंपनी के पास भी यह ऐक्सेसर नहीं है।
नए टेक्निकल टेक्निकल टेक्निकल टेक्नॉलजी में टेक्निकल नोटिफिकेशन होगा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने 2021 में फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) के नए उभरते अर्थशास्त्र को चुनौती दी है। इन वैध के तहत व्हाट्सएप पर चैट का पता लगाने के साथ-साथ यह भी पता लगाना होगा कि संदेश पहली बार जहां से कबीले के पास भेजा गया था।
सरकार बोली- कंपनी निजीकरण की रक्षा नहीं करती
इससे पहले, केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को निर्देश दिया था कि व्हाट्सएप और फेसबुक बिजनेस या कॉमर्शियल पर्पस के लिए उपभोक्ताओं के डेटा स्टॉक हैं। इसलिए, कानूनी तौर पर कंपनी पर यह दावा नहीं किया जा सकता है कि वह गोपनीयता की रक्षा करती है।
मामले में सरकार ने बताई 4 बड़ी बातें
- वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि इस ग्राउंड के पीछे के विचार का खुलासा हुआ था। वैसे भी, समय के अनुसार मैसेज को ट्रेस करने का कोई मैकेनिज्म होना ही चाहिए।
- सरकार ने कहा कि व्हाट्सएप भारत में उपभोक्ताओं को किसी भी विवाद समाधान का अधिकार देश के अंदर नहीं है, यह उनके मूल अधिकार का हनन है।
- यदि आईटी नियम 2021 लागू नहीं किया गया, तो शिक्षा को फर्जी दस्तावेजों के विवरण का पता लगाना होगा। ऐसे संदेश अन्य मंचों पर जाएं, जिससे समाज में शांति-सद्भाव स्थापित हो सके।
- इंटरनेट ओपन होना चाहिए, सेफ और ट्रस्टेड होना चाहिए और प्लेटफॉर्म के उपभोक्ता प्रति उत्तर होना चाहिए। किसी को भी भारतीय मूल के मौलिक अधिकारों की पहचान नहीं दी जा सकती।
वॉट्सऐप ने कहा- बीच का रास्ता के लिए सरकार से बात कर रहे हैं
इस पूरे मामले में वॉट्सऐप ने कहा, ‘हम अपने ग्राहकों की गोपनीयता का उल्लंघन करने वाले, वैश्विक स्तर पर विरोध करने के लिए नोकिया के साथ चर्चा कर रहे हैं। इस बीच हम भारत के साथ भी बीच का रास्ता के बारे में बात कर रहे हैं।
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