डोंगरगढ़ – राजनांदगांव ,छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा अपनी जायज़ मांगों को लेकर शुरू किया गया अनिश्चितकालीन आंदोलन पूरी तरह उचित और न्यायसंगत है।
विष्णु लोधी ने कहा कि यह आंदोलन उन कर्मचारियों के धैर्य का परिणाम है जिन्हें पिछले 18 वर्षों से अनुबंध पर काम करवाकर उनका आर्थिक, सामाजिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है।

विष्णु लोधी ने बताया कि जिले के सभी 96 उपार्जन केंद्रों में कामकाज ठप होना यह दर्शाता है कि कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। शासन और विभाग ने वर्षों से केवल आश्वासन दिए, लेकिन स्थायी नियुक्ति, वेतनमान और सेवा सुरक्षा जैसे बुनियादी अधिकार अब तक नहीं दिए गए — यह सरकार की संवेदनहीनता और कर्मचारी विरोधी रवैये को उजागर करता है। विष्णु लोधी ने कहा कि ये वही कर्मचारी हैं जो किसानों के धान उपार्जन से लेकर खाद-बीज वितरण तक की जिम्मेदारी निष्ठा और ईमानदारी से निभा रहे हैं। बावजूद इसके, उन्हें अस्थायी कर्मियों की तरह रखा जाना न केवल अन्यायपूर्ण बल्कि अमानवीय है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों को तत्काल स्वीकार करते हुए उन्हें नियमित करने, उचित वेतनमान देने और सेवा सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लेना चाहिए।
विष्णु लोधी ने कहा कि कर्मचारियों की आवाज़ को अनसुना करना, जनता की आवाज़ को दबाने के समान है। सरकार को जनहित और कर्मचारी हित में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए, अन्यथा यह आंदोलन जनआंदोलन का रूप ले लेगा।
