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यूपीपीएससी यानी उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन का पीसीएस प्रीलिम्स रविवार को हुआ। यह परीक्षा उत्तर प्रदेश के 75 डेयरी के 1,435 केंद्रों पर आयोजित की गई और 6 लाख से अधिक युवाओं ने यह परीक्षा दी।
पेपर के बाद डेली भास्कर ने बेस्ट बी.सिंह से बात की जो अध्ययन नेक्स्ट आईएएस एंड मेड इजी ग्रुप के सीएमडी हैं।
प्रश्न 1- यूपी पीसीएस प्री में कितने भाग होते हैं? इस बार इनमें से सबसे कठिन और आसान कौन सा है?
उत्तर 1- यूपी पीसीएस प्री परीक्षा में दो मानक शामिल हैं…
- पहला- जीएस पेपर-1 (सामान्य अध्ययन)
- दूसरा- CSAT पेपर-2 (योग्यता परीक्षा)
इस बार जीएस पेपर-1 का क्रॉनिकल, पॉलिटी और ऑनलाइन अफेयर्स सेक्शन सबसे मुश्किल रहा। वहीं, यूपी जीके और एनवायरनमेंट सेक्शन आसान बने हुए हैं। CSAT (पेपर-2) भी मॉडरेट था।
दोस्त ने अगर अफेयर्स, क्रॉनिकल्स, पॉलिटिकल साइंसेज और जियोग्राफी में अच्छा प्रदर्शन किया है तो उनका सिलेक्शन लगभग तय किया जा सकता है।
प्रश्न 2- पिछले साल का पेपर इस साल का पेपर मुश्किल था या आसान?
उत्तर 2- इस साल के पेपर में पिछले साल की तुलना में थोड़ा मुश्किल था क्योंकि आर्किटेक्चर में एलायंस और एनालिटिकल का अप्रोच बढ़ गया था। जबकि तथ्य-आधारित प्रश्न सीमित थे। पेपर का टोन मॉडरेट ही रही। हालाँकि इंटरनेट अफेयर्स और यूपी विशेष विषय में अधिक गहराई थी।

प्रश्न 3- पिछले कुछ वर्षों से यूपीएससी के पैटर्न पर यूपी पीसीएस का पेपर भी आ रहा है। इससे क्या फर्क पड़ता है?
उत्तर 3- पिछले कुछ सामग्रियां से पीसीएस प्री का पैटर्न यूपीएससी जैसा हो गया है, जिसके निर्देशक प्रश्न कम हो गए हैं और कॉन्सेपचुअल-एनालिटिकल प्रश्न पूछे गए हैं। इससे मेहनत और समझ दोनों की परीक्षा सख्त हुई है—अब रत्ने से काम नहीं, डीप अध्ययन जरूरी हो गया है।
प्रश्न 4- इस बार अटेंडेस कैसे कम हुए? इसकी क्या वजह है?
उत्तर 4- इस बार एटेंडेंस कम रही। इसका कारण है—सेंटर बहुत दूर होना, सटीक परीक्षण पैनल और प्रतियोगिता में विशाल पैमाने।
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