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UGC NET exam date changed | UGC NET एग्‍जाम की डेट बदली: 18 जून को होगी परीक्षा, UPSC प्रीलिम्‍स से हो रही थी डेट क्‍लैश

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4 दिन पहले

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राष्ट्रीय मूल्यांकन एजेंसी यानी एनटीए ने यूजीसी-नेट परीक्षा की तारीख में बदलाव कर दिया है। 16 जून 2024 (रविवार) को यह परीक्षा अब 18 जून 2024 (मंगलवार) को होगी। यूजीसी साहिल एम जगदीश कुमार ने सोमवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नई तारीख की जानकारी दी।

एम जगदीश कुमार का ट्वीट।

एम जगदीश कुमार का ट्वीट।

एम.एम. एनटीए एक ही दिन में पूरे भारत में ओएमआर मॉड में यूजीसी-नेट परीक्षा देगा।

यूजीसी-नेट की परीक्षा का दबदबा यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा के साथ हो रहा था, जिसके कारण एनटीए ने इसकी अनुसूची में बदलाव किया है।

10 मई तक चॉकलेट्स अप्लाई करें
20 अप्रैल से यूजीसी-नेट के लिए आवेदन अलॉग जारी है। 10 मई आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख है। आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 11 मई है। जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) या आर्काइव प्रोफेसर के लिए एलिजिबल बाइसल्स इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन अप्लाय कर सकते हैं।

यूजीसी ने बदल दिया पीएचडी के नियमों का भुगतान
अब 4 साल का ग्रेज्यूएशन पूरा करके ही डॉक्टर्स, पीएचडी कर फ़ाइनी और नेट ए नोकिसिज़ाम दे फ़ाइनी। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने दी है।

ग्रेजुएशन में 75% मार्क जारी करना जरूरी होगा
नए नियमों के अनुसार अब जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए स्नातक को अपने चार साल के ग्रेजुएशन में कम से कम 75% नंबर प्राप्त होंगे। अभी तक नेट के लिए अभ्यर्थी को कम से कम 55% मार्क मार्क्स के साथ मास्टर्स डिग्री की जरूरत थी।

अब डॉक्युमेंट्स स्टूडेंट ग्रेजुएशन में भी 75% मार्क डॉक्युमेंट्री नेट और पीएचडी कर फीस। जिन डेज़र्ट्स ने 3 साल का ग्रेजुएशन किया है या ग्रेजुएशन में 75% से कम मार्क्स हैं, वे पहले की तरह 55% से कम मार्क्स के साथ माँ के स्टूडेंट हैं, जो नेट-पीएचडी कर फ़ायदेमंद हैं।

ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट से अलग सब्जेक्ट में भी दे नेट
इस बात में कहा गया है कि बेटियाँ ने कहा – अब चार साल की ग्रेजुएट डिग्री वाले अभ्यर्थी सीधे पीएचडी कर सकते हैं और नेट कर सकते हैं। इसके अलावा डेंटिस्ट्स को भी नेट ए स्कॉइक्जम लीज के लिए कोई अन्य वैलिड ग्रेजुएशन में कोई भी अन्य सामान की पढ़ाई हो सकती है।’ इसका मतलब यह है कि ग्रेज्यूएशन में सब्ज पैनल्स में ही नेट ए युसीओकेजम पढ़ना जरूरी नहीं होगा।

आगे ने कहा कि अब पीएचडी या नेट के लिए 4 साल या 8 साल या 8 साल के लिए सैमल के ग्रेजुएट डिग्री कोर्स में पास होने वाले के पास कुल मिलाकर कम से कम 75% मार्क होना चाहिए या उसके समकक्ष ग्रेड होना चाहिए।

ऑक्सिजन बाज़ार में 5% मार्क मार्क की छूट हो सकती है
यूजीसी के फैसले के मुताबिक एससी, एसटी, ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर), गरीब, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अन्य श्रेणी के लिए 5% की छूट दी जा सकती है। हालाँकि, इस पर अभी तक यूजीसी ने कोई निर्णय नहीं लिया है। नए नियम कब से लागू होंगे इसकी जानकारी यूजीसी के नोटिफिकेशन में दी जाएगी।

यूजीसी ने 2024-25 सत्र से पीएचडी छात्रों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट सर्टिफिकेट यानी नेट की परीक्षाएं कोर कंपल्सरी कर दी थीं। इससे पहले तक पीएचडी कोर्सेज में पीएचडी के लिए यूनिवर्सिटीज में अलग-अलग तरह की तीमारदारी आयोजित की जाती है। ऐसे में नई असामीव विचारधारा से अब पीएचडी चॉइसेट्स के लिए एक से एक राय ए क्युकीजैम्स नहीं देंगे।

ये फैसला NEP 2020 के तहत लिया गया है. 13 मार्च को आयोजित यूजीसी की 578वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। आई.एस.एस. एक ब्लॉकचेन पार्ट समिति द्वारा सुझाया गया था।

हालाँकि, पीएचडी के लिए, मेरिट लिस्ट में यूजीसी नेट का स्कोर 70 प्रतिशत और इंटरव्यू में 30 प्रतिशत का स्कोर दिया गया है।

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