
डोंगरगढ़ दिनांक:25/4/25 हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए डोंगरगढ़ में एकत्रित हुए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारीयों,नागरिकों, सामाजिक संगठनों, युवाओं और वरिष्ठजनों ने मोमबत्तियाँ जलाकर गहरा शोक प्रकट किया।
सभा में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को नमन कर, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर अपनी भावनाएं व्यक्त की।
इस मौके पर श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित हुए छत्तीसगढ़ लोधी समाज के प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता विष्णु लोधी ने कहा—
“यह समय एकता और मानवता के मूल्यों को फिर से गहराई से समझने का है। निर्दोष पर्यटकों पर हुआ यह कायराना हमला न केवल उनके परिवारों के लिए, बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए एक गहरा आघात है। हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि हम एकजुट होकर ऐसी ताक़तों का विरोध करें जो हमारे देश की शांति को भंग करना चाहती हैं। आतंक का अंधकार कभी हमारे साहस और एकजुटता की रोशनी को बुझा नहीं सकता।”
विष्णु लोधी ने कहा “देशहित में हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना होगा। यह समय केवल संवेदना जताने का नहीं, बल्कि अपने राष्ट्र के प्रति एक दृढ़ संकल्प लेने का है। हम इस घटना की घोर निंदा करते हैं और संकल्प लेते हैं कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ जनजागृति और राष्ट्रीय एकता को और मज़बूत करेंगे।”
विष्णु लोधी ने कहा बार बार ऐसी घटनाओं के बाद केवल बयान बाजी चलती है क्या देश की सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ भाषणों से चल रही है क्या केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
आगे विष्णु लोधी ने कहा देश में अब ठोस कार्यवाही की जरूरत है जो भी सुरक्षा में चूक हुई है उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।
हमला सिर्फ टूरिस्टों पर नहीं, यह देश की आत्मा पर हमला — विष्णु लोधी
विष्णु लोधी ने आतंकी हमले को देश की आत्मा पर सीधा प्रहार बताया है। उन्होंने कहा, “जो मेहमान हमारे देश की खूबसूरती देखने, हमारे अपनत्व को महसूस करने आए थे — उन पर गोलियां चलीं। यह सिर्फ हमला नहीं, यह हमारे ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा पर हमला है।”
विष्णु लोधी ने भावुक होकर कहा कि इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
“उन मासूम लोगों का क्या कसूर था? क्या सरकार सिर्फ तब जागेगी जब हर घर का चिराग बुझ जाए? यह वक्त आँकड़े गिनने का नहीं, ज़मीर से जवाब माँगने का है।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जब हर रोज़ हम ‘सुरक्षित भारत’ का दावा सुनते हैं, तो ऐसी घटनाएं उन दावों को शर्मसार कर देती हैं। यह सरकार की जिम्मेदारी थी कि पर्यटकों को सुरक्षा मिलती, लेकिन अब सवाल उठता है — क्या यह सरकार संवेदनशील है भी?
विष्णु लोधी ने माँग की कि:
इस घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो।
शहीदों के परिजनों को सिर्फ मुआवजा नहीं, बल्कि सम्मानपूर्वक न्याय मिले।
और सबसे महत्वपूर्ण — देश की सुरक्षा नीति में मानवता और संवेदना का समावेश हो।
उन्होंने कहा,
“आज अगर हम चुप रहे, तो कल सवाल हम पर होंगे। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत, जो सहिष्णुता और प्यार का प्रतीक रहा है, वह किसी भी कीमत पर आतंक और नफ़रत के आगे झुके नहीं।”
सभा में शामिल सभी लोगों ने पीड़ित परिवारों के साथ अपनी एकजुटता प्रकट की और यह संदेश दिया कि भारतवासी हर परिस्थिति में एक साथ हैं, संगठित हैं, और आतंकवाद के विरुद्ध अडिग हैं।