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Tag: Chhattisgarh Dongargarh

“धर्मायतन” से राष्ट्र तथा धर्म की पहचान होती है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज जी

राजनंदगांव दि. जैन मंदिर परिसर में धर्मसभा को सम्वोधित करते हुये निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज ने जैनधर्म का इतिहास बताते हुये कहा...

आत्मा ही पवित्र होकर के परमात्मा बनती है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज जी

"बीज के अंकुरण से ही पौधा बनता है जो धीरे - धीरे विशाल वृक्ष का रुप धारण करता है| " नदि जब अपने उदगम स्थल...

“साधु संत जिस दिन धरा उसी दिन दिवाली और दशहरा” – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज जी

मुनि श्री समतासागर महाराज का मंगल विहार राजनांदगांव की ओर प्रातः मंगलप्रवेश संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य पंचम निर्यापक श्रमण...

दिगम्बर जैन मुनि संघ का डोंगरगांव में हुआ भव्य मंगल प्रवेश, जो प्राप्त है वही पर्याप्त है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज...

डोंगरगढ़ : निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज एवं मुनि श्री पवित्रसागर एवं निर्यापक श्रमण मुनि श्री वीरसागर महाराज स संघ का डोंगरगांव में...

विनय बहुत महान गुण है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज जी

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्थल "चंद्रगिरी" से निर्यापक श्रमण मुनिश्री समतासागर, मुनि श्री पवित्रसागर, मुनि श्री वीरसागर महाराज स संघ का...

“चंद्रगिरी” डोंगरगढ़ अपने आप में छत्तीसगढ़ का महातीर्थ क्षेत्र है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज जी

"चंद्रगिरी" डोंगरगढ़ अपने आप में छत्तीसगढ़ का महातीर्थक्षेत्र है इस पहाड़ी से जैन पुरातत्व की विशेषताऐं और प्राचीनता जुड़ी हुई है" उपरोक्त उदगार निर्यापक...

जीवन के परिवर्तन के लिये केवल अच्छे विचार ही जरूरी नहीं सेवा और सहयोग भी आवश्यक है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज

" जीवन के परिवर्तन के लिये केवल अच्छे विचार ही जरूरी नहीं सेवा और सहयोग भी आवश्यक है|" उपरोक्त उदगार निर्यापक श्रमण मुनि श्री...

“बूंद बूंद के मिलन से, जल में गति आ जाये” सरिता बन सागर मिले, सागर बूंद समाये” – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज

बिम्ब और प्रतिबिम्ब में केवल यही अंतर होता है की बिम्ब प्रत्यक्ष और प्रतिबिम्ब परोक्ष होता है | निर्यापक श्रमण मुनि श्री वीरसागर महाराज "कम बोलने...

“चरण” आचरण के कारण पूज्य बन जाते है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज

"माथे की धूल ही माथे पर नहीं लगाई जाती हमेशा उन चरणों की धूल ही माथे पर लगाया करते है जो चारित्र के साथ...

Dongargarh: 20 पेटी शराब के साथ मुड़िया सरपंच और भाजपा ग्रामीण महामंत्री गिरफ्तार

डोंगरगढ़: पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के पहले आबकारी विभाग की बड़ी कार्यवाही।मुखबिर की सूचना पर मध्य रात्रि 2 बजे आबकारी विभाग की कार्यवाही।सूत्रों...

Dongargarh: 7063 फर्जी सिम कार्ड और 590 मोबाइल फोन, करोड़ों रुपये के साइबर फ्रॉड?

अजय पहले ग्राहकों का भरोसा जीतता और फिर उनका डबल थंब स्कैन और आई-ब्लिंक करता था. इसके बाद, उसी ग्राहक के नाम पर कई...

शीशी और शिष्य में डाट लगाना जरूरी है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज

डोंगरगढ़ : रूढ़िवादी परंपराओं के कारण मुनिराजों के आहार, विहार तथा भगवान के अभिषेक एवं पूजा पाठ में युवा वर्ग कोई रूचि नहीं लेते...

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