24.2 C
New York

किस तरह के कैंसर से जूझ रहे थे सुशील मोदी, ट्वीट किया था-अब बताने का समय आ गया है

Published:


बीजेपी नेता सुशील मोदी- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: फ़ाइल फ़ोटो
सुशील मोदी का निधन, कैंसर से थे पीड़ित

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का आज नामांकन हो गया। वोट के बाद एक दुखभरी खबर आई, जिससे हर किसी का दिल भर आया। बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी का दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे, कुछ समय पहले ही सीनियर ग्रुप लीडर सुशील मोदी ने खुद ट्वीट कर बताया था कि उन्हें कैंसर की बीमारी है जिसकी वजह से वह लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह की भूमिका नहीं निभाएंगे। इसके बाद पता चला कि वह गले के कैंसर से पीड़ित थी और पिछले छह महीने से वह इस खतरनाक बीमारी से जंग लड़ रही थी।

सुशील मोदी ने एक्स सोशल मीडिया के माध्यम से बताया था कि वह गले के कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं। न्यूज एजेंसी आईसीएओ में स्पष्ट खबर के मुताबिक सुशील कुमार मोदी के गले के कैंसर से पीड़ित थे। खबरों में कहा गया है कि कैंसर धीरे-धीरे उनके शरीर के दूसरे अंगों में भी फेल रहा था और अब लंग्स तक पहुंच गया था, जिस वजह से उनके शरीर में काफी परेशानी हो रही थी।

गले का कैंसर क्या है?

अगर किसी व्यक्ति को बार-बार खांसी आ रही हो या उसे खाना खाने में तकलीफ हो रही हो। इसके अलावा गले में ऐसा कोई संक्रमण हो सकता है जो काफी दिनों से ठीक नहीं हो रहा हो तो ऐसे किसी भी लक्षण को पहचानें नहीं क्योंकि यह गले में कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। एसोफैगल कैंसर को आमाशय की भाषा में गले का कैंसर कहा जाता है।

इसके लक्षण क्या हैं

आवाज में भारीपन के साथ-साथ आवाज में बदलाव

खाना खाते समय दर्द होना

गले में सूजन, दर्द

कान में दर्द

बार-बार गले में खराश होना

तेजी से वजन कम होना

खांसते वक्त बलगम या खून खोलना

कोई भी कैंसर एक गंभीर और जन्मजात बीमारी है। यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है और जब यह एक बार हो जाए तो इसका इलाज जरूरी है अन्यथा यह धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है। किसी भी तरह का गुट धीरे-धीरे-धीरे-धीरे ट्यूमर का रूप लेने लगता है।

ये हैं कारण

धूम्रपान या स्मोकिंग करना

तम्बाकू खाना

स्तर, बड़े पैमाने पर शराब

विटामिन ए की कमी

समर्थकों का कहना है कि गले का कैंसर जब लक्षण लगता है तो व्यक्ति की नली को ब्लॉक कर दिया जाता है और इसी कारण से बीमार व्यक्ति को खाने में तकलीफ होने लगती है। डॉक्टरों का मानना ​​है कि अगर अचानक से आवाज में किसी तरह का बदलाव हो, या मरीज को परेशानी हो या काफी दिनों से गले में खराश या दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। इसे इग्नोर ना करें।

नवीनतम भारत समाचार





Source link

Related articles

spot_img

Recent articles

spot_img