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- रोल्स रॉयस ने पहले इलेक्ट्रिक युद्धपोत के लिए भारतीय नौसेना के साथ साझेदारी की, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम का प्रदर्शन किया
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ब्रिटिश कंपनी रोल्स-रॉयस ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर भारत की पहली इलेक्ट्रिक वॉरशिप बनाने की इच्छा जताई है। कंपनी ने कहा है कि उसने भारत के लिए इलेक्ट्रिक जंगी जहाज बनाया और पूरा सहयोग सहयोग शुरू किया।
रोल्स-रॉयस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अभिषेक सिंह ने कहा कि हमारे पास भारतीय नौसेना के लिए हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक और फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम (जहाज को बनाने वाली प्रणाली) हैं। यह सिस्टम लॉन्च ऑपरेशन और स्केल रेंज के लिए बनाए गए हैं।
इससे पहले 9 अक्टूबर को यूनाइटेड किंगडम से कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी), एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स नाम का जंगी जहाज लेकर मुंबई पहुंचा था। इस जहाज में रोल्स-रॉयस के MT30 गैस टरबाइन इंजन का इस्तेमाल किया गया है।
छोटे शहर की बिजली MT30 इंजन बनाती है
कंपनी का MT30 गैस टरबाइन इंजन एक पावरफुल और कॉम्पेक्ट इंजन है। एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स जहाज में दो एमटी 30 गैस टरबाइन अल्टरनेटर, चार डीजल इंजनों के साथ मिलकर 109 पॉवर बिजली का जन्म हुआ है।
यह एक छोटे शहर में बिजली आपूर्ति के लिए काफी है। सीएसजी में एचएमएस रिचमंड और एक सबमरीन भी हैं, जो रोल्स-रॉयस के स्पे मैरिन गैस टरबाइन और रीडर सिस्टम से रॉकेट हैं।

एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स जहाज में दो एमटी 30 गैस टरबाइन अल्टरनेटर, चार डीजल इंजनों के साथ मिलकर 109 पॉवर बिजली का जन्म हुआ है।
टेक्नोलॉजी भारत लाया गया जहाज़
रोल्स-रॉयस के निदेशक एलेक्स जिनो ने कहा कि ब्रिटेन के जंगी जहाज का भारत दौरा, भारतीय रक्षा अधिकारियों के लिए एक शानदार अवसर था। इन्हें कंपनी की दुनिया की सबसे बेहतरीन नौसैनिक तकनीक को करीब से देखने का मौका मिला।
रोल्स-रॉयस का मानना है कि यह तकनीक भारतीय नौसेना के ऑपरेशनल रीच, डेमोलम और रेडीनेस को कई गुना बढ़ा सकती है।
भारत में 90 साल से काम कर रही है रोल्स-रॉयस
रोल्स-रॉयस भारत में करीब 90 साल से काम कर रही है और भारत में अपनी स्टेरॉयड चेन, मैन्युफैक्चरिंग और बिल्डिंग को लगातार बढ़ावा दे रही है।
भारतीय वायु सेना, नौसेना और सेना के 1,400 से अधिक मंच रोल्स-रॉयस के इंजनों पर लगे हुए हैं, और भारत में उनके 4,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
रोल्स-रॉयस दुनिया भर में एडवांस टेक्नोलॉजी के जहाज बनाने वाले सिस्टम बनाने वाली मार्केट लीडर कंपनी है। कंपनी का फोकस इलेक्ट्रिक स्कॉलरशिप और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर है।