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- रोहित वेमुला सुसाइड केस अपडेट; समापन रिपोर्ट | तेलंगाना उच्च न्यायालय
राज8 मिनट पहले
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जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की मौत हो गई थी। इसमें देश-भाईचारे का प्रदर्शन किया गया।
तेलंगाना के छात्र रोहित वेमुला की मौत के 8 साल बाद रेजिडेंट पुलिस ने केसर फाइल की रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया है कि रोहित हिट नहीं थे।
पुलिस ने तेलंगाना उच्च न्यायालय में दावा किया कि रोहित के बारे में यह बात सामने आई है कि वह दलित नहीं था। जाति की पहचान को उजागर करने के डर से वह अतिउत्साहित होने लगा था।
रिपोर्ट में भाजपा के पूर्व सिकंदराबाद न्यूनतम और हरियाणा के स्थायी ग्रान्नर बंदारू सास्त्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचन्द्र राव, पूर्व पितृ पक्ष अप्पा राव, एबीवीपी नेताओं सहित कई प्रमुख राजनीतिक समानता के बारे में बताया गया है।
पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में रोहित वेमुला की मां और उनके भाई राजा वेमुला ने सवाल उठाया है। राजा वेमुला ने कहा कि एससी स्टेट्स पर जिला चयन होगा। हम सीएम रेवंत रेड्डी से मिलेंगे।
मां और बेटे की मौत के बाद तेलंगाना के राजकुमार ने कहा कि हम इस मामले की जांच करेंगे।

21 मार्च 2024 को फाइनल की अंतिम रिपोर्ट
मधापुर के नामांकित पुलिस आयुक्त रोहित वेमुला केस की जांच की गई। उन्होंने पिछले साल नवंबर 2023 में फाइनल क्लोजर रिपोर्ट तैयार की थी। यह रिपोर्ट 21 मार्च 2024 की फाइल है। इसमें कहा गया है, “रोहित वेमुला ने खुद को श्रेणी वर्ग (एसटी) से बताया था। वो एसटी वर्ग से नहीं था। रोहित को पता चला कि उनकी मां ने उन्हें श्रेणी वर्ग (एससी) का वर्गीकरण दिलवाया था।”
रोहित ने इसी सिद्धांत के माध्यम से अपनी एकेडमिक उपलब्धियां हासिल कीं। रोहित वेमुला को डर था कि अगर उनकी जाति की सच्चाई सामने आई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।”
रोहत वेमुला की मृत्यु के बाद उसका प्रदर्शन हुआ
जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की मौत के खिलाफ़ अपराधियों में कैदियों के साथ भेदभाव को लेकर देश भाईचारे का प्रदर्शन किया गया था।
तेलंगाना में इस समय कांग्रेस सरकार है। जिस समय घटना हुई (2016 में), तब राज्य में केशेखर राव की सरकार थी। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रदर्शनों का समर्थन किया। राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में भी उठाया था।

रोहित वेमुला मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 3 मई को प्रदर्शन किया।
रोहित सहित 5 दोस्तों को बाहर निकाला गया
17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने रेजिडेंट यूनिवर्सिटी में अपने कॉमरेड रूम में सुसाइड कर ली थी। इस आत्महत्या के बाद यूनिवर्सिटि यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। रोहित वेमुला एक संगठन के सदस्य थे। वे हैदराबाद विश्वविद्यालय के पांच छात्रों में शामिल थे, जिनमें से सभी को निकाल दिया गया था।
रोहित समेत इन पांच छात्रों पर साल 2015 में आरोप लगा था कि उन्होंने एबीवीपी के सदस्य पर हमला किया था. यूनिवर्सिटी ने शुरुआती जांच में पांचों छात्रों को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन बाद में अपना फैसला पलट दिया था।
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