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Rohith Vemula not a Dalit Telangana Police closure report Claims| Rohith Vemula Case | तेलंगाना पुलिस का दावा- रोहित वेमुला दलित नहीं था: 8 साल बाद केस बंद किया, इसमें लिखा- जाति उजागर होने के डर से खुदकुशी की

Published:


राज5 मिनट पहले

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जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की मौत हो गई थी।  इसमें देश-भाईचारे का प्रदर्शन किया गया।  - दैनिक भास्कर

जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की मौत हो गई थी। इसमें देश-भाईचारे का प्रदर्शन किया गया।

तेलंगाना के छात्र रोहित वेमुला की मौत के 8 साल बाद हैदराबाद पुलिस ने मामले की पूरी जांच की। तेलंगाना उच्च न्यायालय पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट जमा की। इसमें कहा गया है कि रोहित हिट नहीं थे।

मामले की जांच बंद करते हुए पुलिस की ओर से तेलंगाना के उच्च न्यायालय में यह दावा किया गया कि रोहित के बारे में यह कहा जा रहा है कि वह दोषी नहीं था। जाति की पहचान को उजागर करने के डर से वह अतिउत्साहित होने लगा था।

जनवरी 2016 में रोहित वेमुला की मौत के खिलाफ़ अपराधियों में कैदियों के साथ भेदभाव को लेकर देश भाईचारे का प्रदर्शन किया गया था।

रोहित को अपनी जाति के सामने आने का डर था- पुलिस जांच में खुलासा
पुलिस की जांच में सामने आया कि रोहित ने अपनी सही जाति के डर से आत्महत्या की थी। उन्होंने स्वयं को पासपोर्ट जाति वर्ग (ST) से संबंधित बताया था। पुलिस को अपनी जांच में पता चला कि रोहित को अपनी जाति की सच्चाई सामने आने का डर था, क्योंकि वो एसटी से बाहर नहीं था।

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तेलंगाना के हाई कोर्ट ने रोहित को गिरफ्तार कर लिया है और कहा है कि उनकी मां ने उन्हें जेल में बंद कर दिया था।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रोहित ने इसी स्थान के माध्यम से अपनी शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल कीं। रोहित वेमुला को डर था कि अगर उनकी जाति की सच्चाई सामने आई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

रोहित वेमुला मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 3 मई को प्रदर्शन किया।

रोहित वेमुला मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 3 मई को प्रदर्शन किया।

पूर्व सांसद और पूर्व वीसी को क्लीनचिट
पुलिस की ओर से फार्मासिस्ट की गई क्लोजर रिपोर्ट में अलेक्जेंडराबाद के न्यूनतम राहे बंदारू दशत्रेय, विधान परिषद के सदस्य एन रामचन्द्र राव, पूर्व अध्यक्ष अप्पा राव, एबीवीपी नेताओं समेत कई राजनीतिक प्रमुख छात्रों के बीच असमानता बताई गई है।

रोहित सहित पांच नौकरों को बाहर निकाला गया था
17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने रेजिडेंट यूनिवर्सिटी में अपने कॉमरेड रूम में सुसाइड कर ली थी। इस आत्महत्या के बाद यूनिवर्सिटि यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। रोहित वेमुला एक संगठन के सदस्य थे। वे हैदराबाद विश्वविद्यालय के पांच छात्रों में शामिल थे, जिनमें से सभी को निकाल दिया गया था।

रोहित समेत इन पांच छात्रों पर साल 2015 में आरोप लगा था कि उन्होंने एबीवीपी के सदस्य पर हमला किया था. यूनिवर्सिटी ने शुरुआती जांच में पांचों छात्रों को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन बाद में अपना फैसला पलट दिया था।

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