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शक्कर कारखानों का निजीकरण, किसान विरोधी तुग़लकी फ़रमान – विष्णु लोधी

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डोंगरगढ़ – छत्तीसगढ़ लोधी समाज के प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता विष्णु लोधी ने राज्य सरकार द्वारा सहकारी शक्कर कारखानों के निजीकरण के फैसले को “किसानों के साथ अन्यायपूर्ण और तुग़लकी फ़रमान” बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा सूरजपुर, बालोद और अब कवर्धा के पंडरिया स्थित शक्कर कारखानों के निजीकरण का सरकार का निर्णय हज़ारों गन्ना किसानों, मजदूरों और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी साबित होगा। पंडरिया शक्कर कारखाने में 7,250 से अधिक किसान गन्ना बेचते हैं, जिनका 53 करोड़ रुपये का भुगतान अटका हुआ है । निजीकरण से इन किसानों को समर्थन मूल्य न मिलने और मुनाफे से वंचित होने की आशंका है। उन्होंने कहा निजीकरण से कारखानों में कर्मचारियों की संख्या कम होगी, जिससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैलेगी। पंडरिया कारखाना क्षेत्र के हजारों परिवारों की आजीविका का आधार है । सहकारी शक्कर कारख़ाने स्थानीय विकास, रोजगार और किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करता है, जबकि निजीकरण केवल मुनाफे पर केंद्रित होगा । सरकार ने सहकारी कारखानों को घाटे का झूठा बहाना देकर निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की है। बैठकों में यह स्वीकार किया गया कि बालोद और सूरजपुर के कारखानों को “घाटे में” बताया गया, लेकिन इन्हें सुधारने के बजाय निजी हाथों में सौंपा जा रहा है ।

विष्णु लोधी ने इस फैसले का पुरज़ोर विरोध किया है और सरकार की इन नीतियों को “किसान-विरोधी” बताया । विष्णु लोधी ने सरकार से तत्काल निजीकरण की प्रक्रिया रोकने और किसानों के बकाया भुगतान जारी करने और शक्कर कारखानों को मजबूत करने के लिए तकनीकी उन्नयन, प्रबंधन सुधार और किसानों के साथ समन्वय बढ़ाने की माँग की है। उन्होंने कहा सरकार बेरोजगारी बढ़ाने और किसानों को लूटने का षड्यंत्र रच रही है। निजीकरण से कारखानों का मुनाफा कॉर्पोरेट घरानों को जाएगा, जबकि किसानों को उनके हक से वंचित किया जाएगा।

Nemish Agrawal
Nemish Agrawalhttps://tv1indianews.in
Tv Journalist Media | Editor | Writer | Digital Creator | Travel Vlogger | Web-app Developer | IT Cell’s | Social Work | Public Relations Contact no: 8602764448

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