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- OpenAI ChatGPT एटलस लॉन्च: $150B अल्फाबेट स्टॉक प्लंज ने Google को हिला दिया | अक्टूबर 2025
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OpenAI ने मंगलवार (21 अक्टूबर) को अपना नया AI-पावर्ड वेब ब्राउज़र ‘चैटजेपीटी एटलस’ लॉन्च किया। इस लॉन्च के बाद Google की मूल कंपनी अल्फाबेट के स्टॉक में भारी गिरावट देखने को मिली। जिससे गूगल की मार्केट वैल्यू एक ही दिन में 150 डॉलर यानी 13.15 लाख करोड़ रुपए घट गई।
अल्फाबेट का शेयर 2.21% की गिरावट के साथ 251.34 डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान शेयर ने 244.67 डॉलर का मुनाफा कमाया, यानी डे हाई (255.38 डॉलर) से शेयर 4.19% कम हुआ। अभी कंपनी की मार्केट वैल्यू 3.03 लाख करोड़ डॉलर यानी 265.93 लाख करोड़ रुपये है।
OpenAI ने इस ब्राउजर को पेश करने के लिए पहले X पर एक छह सेकंड का वीडियो शेयर किया था, जिसमें ब्राउजर टैग गायब थे। इसके बाद सीईओ सैम ऑल्टमैन ने एक लाइवस्ट्रीम चैटजेपीटी एटलस को लॉन्च किया था।
चैटजेपी एटलस की प्रकृति क्या है?
एटलस कोई साधारण ब्राउजर नहीं है। यह गूगल क्रोम की तरह ही क्रोमियम टेक्नोलॉजी पर बना है, लेकिन इसमें चैटजेपीटी को हर वेबपेज में इंटीग्रेट किया गया है। यानी आपको कैटलॉग के लिए टैग स्विच करने या कॉपी-पेस्ट करने की ज़रूरत नहीं है।
इसकी सबसे खास खासियत है-एजेंट मोड, जिसमें AI आपके कर्सर और कीबोर्ड को कंट्रोल करके मुश्किल काम कर सकता है। जैसे- फ़्लैट बुक करना, प्रोडक्ट प्रोडक्ट्स करना या डॉक्यूमेंट्स एडिट करना। आप इसे बस देख सकते हैं या फिर काम ठीक करके भी जा सकते हैं।
एटलस अभी सिर्फ macOS पर अवेलेबल
यह सुविधा विशेष रूप से प्रो सब्सक्राइबर्स के लिए है, लेकिन फ़्रेंच ब्राउजर का मुफ़्त उपभोक्ता भी उपयोग कर सकते हैं। एटलस अभी macOS पर अवेलेबल है और जल्द ही इसका मोबाइल और विंडोज वर्जन भी आएगा।
ऑल्टमैन ने कहा, ‘हमारा मानना है कि एआई ब्राउजर पूरी तरह से बदल गया है।’ एटलस के लॉन्च के समय ऑल्टमैन के साथ वो इंजीनियर्स भी थे, जो पहले क्रोम और फायरफॉक्स जैसे ब्रॉजर्स बनाए गए थे।
गूगल पर क्यों हुआ असर?
एटलस के लॉन्च का गूगल पर असर का कारण यह है कि गूगल की कमाई का बड़ा हिस्सा एडवरटाइजिंग सर्च से आता है। लेकिन एटलस जैसे एआई-पावर्ड ब्राउजर्स और सर्च इंजन सीधे जवाब देने वाले गूगल के एडवर्टाइजिंग-बेस्ड मॉडल को चुनौती दे रहे हैं। OpenAI के पास पहले से ही 800 मिलियन वीकली चैटGPT ग्राहक हैं, जो एटलस को आसानी से अपना सकते हैं।
गूगल की क्या है तैयारी
गूगल ने हाल ही में अपने क्रोम ब्राउजर में जेमिनी एआई को एकीकृत किया है। साथ ही पिछले महीने गूगल एक कोर्ट केस में बिल्डर से भी बच गया था, जिसमें उसके ब्राउजर को अलग करने की मांग की गई थी।
अब 29 अक्टूबर को गूगल की तीसरी तिमाही की कमाई के नतीजे आने वाले हैं और निवेशक यह देख रहे हैं कि क्या एआई की यह जंग गूगल के सर्च बिजनेस को प्रभावित कर रही है।
क्या होगा?
चैटजी एटलस और गूगल क्रोम के बीच यह जंग टेक दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकता है। जहां OpenAI ब्राउजिंग को AI के जरिए आसान और तेज बनाने की कोशिश की जा रही है। वहीं गूगल अपने दबबे को बचाने के लिए हर कदम उठा रहा है।