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ब्रिटेन के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पुरस्कार बुकर स्टोर्स के लिए अब साज़िशें भी शुरू हो जाएंगी। इसका नाम ‘चिल्ड्रन्स बुकर प्राइज’ होगा। बुकर प्राइज़ फाउंडेशन ने 24 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह बच्चों के साथ अपनी एस्ट इंग्लिश और अनुदित कथा साहित्य पुरस्कार भी शुरू कर रही है।
8 से 12 साल के सामान के लिए दस्तावेज़
ये पुरस्कार किसी भी देश के 8 से 12 साल के बच्चों को मिलेगा। अंग्रेजी पुस्तक प्रकाशित भी हो सकती है और अनुवादित भी। बुकर दस्तावेज़ों के नियमों के तहत, इसे यू.के. या आयरलैंड में प्रकाशित होना चाहिए।
फाउंडेशन का कहना है कि इसका उद्देश्य बच्चों के बीच अच्छे साहित्य को प्रतिष्ठित करना है। इस बच्चों के पुरस्कार की राशि 50,000 पाउंड यानी लगभग 67,000 अमेरिकी डॉलर होगी।
अगले साल से चिल्ड्रेन बुकर स्टोर शुरू होगा
यह पुरस्कार अगले वर्ष की शुरुआत में प्रस्तुतियों के लिए खुला और पहला पुरस्कार 2027 में दिया जाएगा। विजेता का चयन जमुरी के वोटों से होगा। ज्यूरी में बच्चे और व्यासक दोनों शामिल होंगे। यह ज्यूरी के प्रमुख ब्रिटेन के वर्तमान बच्चे लॉरेट और लेखक फ्रैंक कॉटरेल बॉयसुगे हैं। कॉटरेल बॉयज़ ने कहा- अब होने वाला है असली धमाका। चलो चिल्लाने की शुरुआत।

फ़्रैंक कॉटरेल बॉयज़ एक ब्रिट फिश मर्करीनराइटर, नॉवेली प्रतिमा और एक फ़्लैटर हैं।
मूल बुकर पुरस्कार की स्थापना 1969 में हुई थी। ये दुनिया की सबसे यादगार साहित्यिक किताबों में से एक है। इसके संस्करण में सलमान रुश्दी, मार्गरेट एटवुड, इयान मैकएवन, अरुंधति रॉय और हिलारी मेंटल शामिल हैं।
इस साल भारतीय लेखिका को मिला बुकर
भारतीय लेखक, वकील और एक्टिविस्ट बानू मुश्ताक की किताब ‘हार्ट लैप’ ने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। हार्ट लैब कन्नड़ भाषा में पहली लिखित पुस्तक है, जिसे बुकर पुरस्कार मिला है। दीपा भष्ठी ने इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया है।
बुकर प्राइज़ के लिए हार्ट लैंप्स को बायसा की छह दुकानों में से चुना गया। यह लघुकथा संग्रह (शॉर्ट स्टोरी कलेक्शन) वाला पहला लघु कथा संग्रह है। दीपा भष्ठी इस पुस्तक के लिए रिकॉर्ड वाली पहली भारतीय अनुवादक हैं।

दिल की धड़कन किताब के साथ बानो मुश्ताक (बाएं) और दीपा भश्ती (दाएं)।

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