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Lok Sabha elections 2024: CM Mamata Banerjee alleges BJP manipulation, EVMs missing in Bengal polls | ममता बोलीं- BJP परिणामों से छेड़छाड़ कर सकती है: कई EVM गायब हैं, चुनाव आयोग से पूछा- मतदान के आंकड़े देने में देरी क्यों हुई?

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  • लोकसभा चुनाव 2024: सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर लगाया हेरफेर का आरोप, बंगाल चुनाव में ईवीएम गायब

कोलकाता22 घंटे पहले

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ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि जहां बीजेपी को कम वोट मिलते हैं, वहां बीजेपी के पक्ष में वोट डाले जा रहे हैं।  (फ़ैला चित्र) - दैनिक भास्कर

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि जहां बीजेपी को कम वोट मिलते हैं, वहां बीजेपी के पक्ष में वोट डाले जा रहे हैं। (फ़ैला चित्र)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फरक्का में रैली के दौरान ममता को खतरे में डाल दिया कि भाजपा के पतन का कारण बन सकता है, क्योंकि कई लापता लापता हो गए। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग की आलोचना के लिए चुनाव के आरंभिक दो चरण की वोटों के अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी की। उन्होंने आयोग से पूछा कि अंतिम डेटा देने में इतनी देरी क्यों हुई है।

ममता ने मतदान प्रतिशत में बढ़त पर चिंता भी व्यक्त की, कहा कि अचानक वृद्धि न सिर्फ चिंता करने वाली है, बल्कि ईवीएम की विश्वसनीयता के बारे में शक पैदा होता है।

असमंजस तय करने में देरी: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने कहा है कि वोट प्रतिशत कोई भी ‘वोट टर्न आउट’ ऐप तुरंत देख सकता है। ये आंकड़ें शेयर अगले दिन और कुछ चौथाई पर दो दिनों में अपडेट हो गए थे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोट प्रतिशत शाम 7 बजे तक बूथ से मिले आंकड़ों के आधार पर हैं, कई वोट वोट पर शाम 6 बजे के बाद भी चले।

अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर राज्यों के तटीय इलाकों वाले केद्रों से डेटा विवरण अपलोड किया गया। देरी की एक वजह यह भी रही कि आयोग यह तय कर रहा था कि डेटा किस आधार पर दिया जाए, ताकि टोक्यो को बेहतर जानकारी मिल सके।

पहले चरण में 66.14% तो दूसरे चरण में 66.71% मतदान
चुनाव आयोग ने मंगलवार को लोकसभा के पहले और दूसरे चरण के वोटों का फाइनल जारी किया। पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ।

चुनाव आयोग के पोल के अनुसार, पहले चरण में 66.22 प्रतिशत पुरुष और 66.07 प्रतिशत महिला मतदान करने आये। थर्ड जेंडर वोटर्स का मतदान प्रतिशत 31.32% रहा। दूसरे चरण में पुरुष मतदान 66.99% रहा, जबकि महिला मतदान 66.42% रहा। श्रद्धा जेंडर की वोटिंग 23.86% रही।

व्यावसायिक दल कांग्रेस, लोकतांत्रिक कांग्रेस और सीपीएम ने चुनाव आयोग पर अंतिम डेटा आने में देरी की। नामांकन का कहना है कि आम तौर पर यह पात्र मतदान के 24 घंटे के अंदर जारी किया जाता है। लेकिन इस बार यह काफी देर से रिलीज हुई है।

असल, 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण की वोटिंग 102 चरण 19 अप्रैल को हुई थी। वहीं, 26 अप्रैल को 88 सेकंड के चरण की वोटिंग हुई थी।

डेरेक ओब्रायन ने कहा- आंकड़ों में लगभग 6 प्रतिशत का अंतर है
टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने चुनाव आयोग के आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वोटिंग चरण के खत्म होने के चार दिन बाद अंतिम डेटा जारी किया गया। चुनाव आयोग द्वारा 4 दिन पहले जारी किए गए आंकड़ों में 5.75% की बढ़ोतरी हुई है। यह नाम क्या है? या फिर कुछ मिस कर रहा हूँ?

सीताराम येचुरी बोले- वोटर्स की संख्या क्यों नहीं है?
सीपीआई (एम) नेता सिताराम येचुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि ईसीआई के पहले दो चरणों में मतदान का प्रारंभिक आंकड़ा काफी बड़ा है। उन्होंने पूछा कि हर संसदीय क्षेत्र में पुस्तकालय की पूरी संख्या क्यों नहीं बताई गई? जब तक यह पात्र पता न चले, पात्र बेकार है।

येचुरी ने कहा कि ग्रहों में संकट की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि गिनती के समय कुल कलाकारों की संख्या में बदलाव हो सकता है। 2014 तक प्रत्येक क्षेत्र में कोलोराडो की कुल संख्या हमेशा ईसीआई वेबसाइट पर उपलब्ध थी। आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए और इस डेटा का अवलोकन करना चाहिए।

वैकल्पिक होना जरूरी है: अर्थशास्त्री रमेश
इस आंकड़े के सामने आने से पहले कांग्रेस के महासचिव उपराष्ट्रपति रमेश ने कहा था कि ईसीआई को चुनाव से जुड़े सभी आंकड़ों के ढांचे को सार्वजनिक करना चाहिए।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स में लिखा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि पहले चरण के मतदान के 11 दिन बाद और दूसरे चरण के चार दिन बाद भी चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत का अंतिम डेटा जारी नहीं किया है। पहले चुनाव आयोग के मतदान के तुरंत बाद या 24 घंटे के भीतर मतदान प्रतिशत का अंतिम डेटा जारी किया गया था। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर क्षेत्रीय रुझान आंकड़े ही उपलब्ध हैं। इस देरी का कारण क्या है?

सेकंड चरण: 13 राज्य की 88 तिमाही में 66.12% वोटिंग हुई

26 अप्रैल को 13 राज्यों और केंद्र उपयोगों के 88 वें चरण में वोटिंग हुई। त्रिपुरा में सबसे ज्यादा करीब 78.63% वोटिंग हुई। महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे कम 54% के आसपास मतदान हुआ।

चुनाव आयोग के अनुसार, दूसरे चरण में 1,202 कैसीनो मैदान में हैं। इनमें 1,098 पुरुष और 102 महिला उम्मीदवार थीं। दो शंकालु जेंडर थे। इस चरण में राष्ट्रपति ओम बिड़ला, 5 केंद्रीय मंत्री, 2 पूर्व सीएम और 3 फिल्मी सितारे मैदान में थे। इसके अलावा राहुल गांधी, शशि थरूर और हेमा मालिनी की सीट पर भी वोटिंग हुई। पूरी खबर पढ़ें…

पहला चरण: 21 राज्य की 102 तिमाही में 63% वोटिंग हुई

19 अप्रैल को पहले चरण में 21 राज्यों-केंद्र विपक्ष की 102 खण्डों पर वोटिंग हुई। क्वेश्चन के खाते से यह सबसे बड़ा चरण है। शाम छह बजे से 63 प्रतिशत वोटिंग हुई। सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत वोट त्रिपुरा में डाले गए, जबकि बिहार में सबसे कम 48 प्रतिशत वोट डाले गए।
पहले चरण में 1,625 जिम्बाब्वे के बीच चुनावी मुकाबला। इनमें 1,491, 134 महिला पुरुष हैं। 8 केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल भी इस बार चुनावी मैदान में थे। पूरी खबर पढ़ें…

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भास्कर एक्सप्लेनर- कम वोटिंग से किसे नुकसान: 2019 के ब्लॉक में 90% वोटों से वोटिंग; गर्मी, शादियाँ या कोई दोस्त वजह

2024 के लोकसभा चुनाव ने एक-तिहाई रास्ता तय कर लिया है। कुल 543 ‍डिजिटल में से 190 ‍डिजिटल पर ‍डिजिटल होल है। 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 क्वार्टर पर वोटिंग हुई। 2019 में इनवेस्टमेंट के औसत वोट टर्न आउट से 4.4% कम है। वहीं, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 88 रिटर्न्स पर 61% वोटिंग हुई, जो 2019 के ब्लॉक में 7% कम है। दोनों स्टेज में इस बार वोटिंग घटने का ट्रेंड साफ नजर आ रहा है। पूरी खबर पढ़ें…

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