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- जम्मू कश्मीर भूमि डूबने की स्थिति अपडेट; चिनाब घाटी परियोजना | रामबन किश्तवाड़
रामबन (जम्मू)13 घंटे पहलेलेखक: मुदस्सिर राइटर
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
रामबन के पेरनोट गांव में जमीन धंसकने से कई घर पूरी तरह से टिकाऊ हो गए हैं।
जम्मू-कश्मीर की चिनाब घाटी का 120 किमी क्षेत्र धंस रहा है। हर दिन जमीन एक इंच से आधा फीट तक खिसकती जा रही है। इसका सबसे ताजा उदाहरण रामबन है, जहां शुक्रवार को 800 मी. इलाके में जमीन धंसने से 70 घर स्थिर हो गए।
यहां रह रहे करीब 400 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करना शामिल है। पानी और बिजली सम्राट 7 दिन से बंद है। घाटी में एक साल में तीन मिशेल डोडा, रामबन और किश्तवाड़ में जमीन धंसने की छह घटनाएं हो चुकी हैं। करीब 900 घरों में पटाखे हैं।
प्राथमिक जांच में जमीन धंसने की दो वजहें सामने आईं…
- प्रथम- यहां चल रहे करीब 25 हजार करोड़ रु. के चार प्रोजेक्ट.
- दूसरा- डोडा और किश्तवाड़ का भूकंप जोन-4 में होना। इन आंकड़ों में 5 साल में 3.5 दांत तक के 150 सिक्के आ गए हैं।
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मार्च में भी धंसी थी जमीन, पुरअनावृक्ष खतरनाक में है
रामबन के जिला विकास आयुक्त बसीर उल हक चौधरी ने कहा कि जिस जमीन से तेजी से बारिश हो रही है, उसे देखकर हम भी हैरान हैं। गैजेट और विशेषज्ञ की एक टीम जमीन की स्थिति की जांच कर रही है। गुल इलाके के 30 साल के जावेद अहमद ने कहा कि मार्च में भी गुल इलाके के 40 साल की ज़मीन खिसकी थी। हम जनवरी से प्रशासन से शिकायत कर रहे हैं। न हमें स्थानांतरित किया गया, न ही प्रोजेक्ट रोका गया। अब जब घर टूट गया, तब 8 किमी दूर दूरसंचार केंद्र टूट गया। हम मुश्किल से दिन गुज़ार रहे हैं।
बड़ा सवाल: जब पूरी चाइना वैली की मूर्ति तो फिर बड़ा प्रोजेक्ट क्यों?
भूविज्ञानी फ़ज़ाज़ अहमद के अनुयायी पूरी चिनाब घाटी में बहुत ही भावुक हैं। इसके बावजूद यहां स्ट्रीट, टनल और सिलिकॉन प्रोजेक्ट शुरू हो गए। डोडा और किश्तवाड़ भूकंपीय क्षेत्र हैं, फिर भी वहां विस्फोट जारी है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर 16 हजार करोड़ रुपये का फोन लिया जा रहा है। 300 से 500 मी. लंबे 8 टनल बन बने हुए हैं। जबकि रेलवे 11 किमी लंबी दो टनल बन रही है, जो जाम से तय होगी।
पर्यावरणविद सरफराज भट कहते हैं कि वैली के पहाड़ बहुत ही प्यारे हैं, फिर भी हैवी से काम हो गया। तीन शिक्षण जोन में तीन बड़े प्रोजेक्ट जमीन पर उतारे जा रहे हैं। इसका नतीजा हमारे सामने है।
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जम्मू में रामबन-गूल रोड पर गुरुवार (26 अप्रैल) की शाम से भूमि दर्शन हो रहे हैं। रामबन से 6 किलोमीटर दूर पेरनोट गांव के करीब 1 किलोमीटर तक की जमीन धंसने के बाद करीब 30 किलोमीटर तक के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भूमि आवंटन के बाद स्थानीय प्रशासन ने 55 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर रखा है। लेकिन इलाके में बारिश के कारण खतरनाक हालात पैदा हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…