नई दिल्ली32 मिनट पहले
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इंडिगो की एक महिला यात्री ने विमान के कर्मचारियों पर सवार यात्रियों को शुगर वाले यात्रियों पर जबरन आरोप लगाने के लिए कहा और पूछा कि एविएशन मिनिस्टर क्या कर रहे हैं।
भारत से सिएटल जाने वाली स्वाति सिंह ने 10 मई को इंडिगो के साथ अपने बुरे अनुभव साझा करते हुए लिखा- एक दिन पहले मेरी उड़ान रद्द हो गई, जिससे मुझे काफी नुकसान हुआ। अगले दिन दोपहर 3 बजे फ्लाइट मीटिंग वाली थी, लेकिन फ्लाइट रात साढ़े नौ बजे के बाद एयरपोर्ट पर आ गिरी। ”मुझे 6 घंटे तक की उड़ान का इंतजार करना पड़ा।”

मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री खाना नहीं मिला
स्वाति ने आगे लिखा कि इंतजार के दौरान एयरपोर्ट स्टाफ ने पानी तक नहीं मांगा। यात्रियों को ख़राब गुणवत्ता वाला खाना दिया गया। कुछ यात्री डायबिटिक थे, उन्हें बिना शुगर वाला खाना दिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन लोगों ने मजबूरी में वही खाना खाया जो सभी के लिए था।
स्वाति ने लिखा है कि आम लोगों के पास इस तरह की एयरलाइंस में यात्रा करने के लिए कोई पद नहीं है, लेकिन एवेलिवेशन मिनिस्ट्री को इस तरह की मिस रिजर्वेशन वाली एयरलाइंस पर बजट की जरूरत है।
वहीं, स्वाति के एयरलाइंस के साथ हुए एक्पीरियंस इंडियो ने कहा कि हम चाहते हैं कि हम इस तरह के एक्पीरियंस यात्रियों को न दें। एयरलाइन ने यात्रियों की सहायता करने की बात भी कही।

क्रू की कमी से एयर-इंडिया एक्सप्रेस की कई उड़ानें रद्द हो गईं
एयर इंडिया एक्सप्रेस के करीब 200 क्रू-मेंबर्स 7 मई की रात अचानक छुट्टी पर चले गए थे। इन सभी कर्मचारियों ने एक साथ सिक लीव अप्लाई की थी और मोबाइल भी बंद कर लिया था। ऐसे में क्रू की कमी के कारण विमान को 80 से अधिक उड़ानें कैंसिल करनी पड़ीं।
इसके बाद 10 मई को भी केबिन क्रू की कमी के कारण लगभग 75 उड़ानें कैंसिल की गईं। फ्लाइट कैंसिलेशन के कारण विमान को तीन दिनों में करीब 30 करोड़ का नुकसान हुआ था। पूरी खबर पढ़ें…
