1 मिनट पहले
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10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेशों में 93 तिमाही मंगलवार (7 मई) को 67.93% वोटिंग हुई। ये आंकड़े बुधवार सुबह 5 बजे तक के हैं। इनमें से कुछ अंश हो सकते हैं।
- इस बीच सोशल मीडिया पर वोटिंग से लेकर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दावा किया गया है कि पंजाब सरकार, सेना से फर्जी वोट डलवा रही है।
- इस दावे से जुड़े ट्वीट्स कई वेरी परमॅर और नॉन वेरी परमॅपर एक्स उपभोक्ता शेयर कर रहे हैं।
संतोष कुमार यादव पूर्व दिग्गजों ने अपने ट्वीट में लिखा- लोकतंत्र खत्म हो गया, तानाशाह इतना नीचे गिरा दिया गया कि सेना के युवाओं को फर्जी वोट के लिए वोट दिया गया… हार का डर!
ट्वीट देखें:
संतोष की एक्स बायो के अनुसार वे समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं और वर्तमान में पार्टी के सोशल मीडिया में शामिल के राष्ट्रीय समन्वयक हैं। एक्स पर संतोष को 21 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
ऐसा ही एक ट्वीट, सेना की फ़र्ज़ी बिल्डिंग से जुड़ा एक ट्वीट, कॉम्प्लेक्सलाइव्स नामित एक वेरी डेमोक्रेसी एक्स नाममात्र का व्यक्ति था। ट्वीट में लिखा था- यह देखो अब बीजेपी ने सेना को भी अपना वोट डलवाने के काम में लगा दिया है, यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है क्या? फौजी के चेहरे की शर्मिंदगी बता रही है कि ये काम जबरदस्ती उठाया जा रहा है।
ट्वीट देखें:
वहीं, वेरी डेमोक्रेसी एक्स डेमोक्रेट डॉक्टर अरुणेश कुमार यादव अपने ट्वीट में लिखा है, ‘लोकतंत्र का न्यूनतम स्तर देखें 😡 सेना के जवानों को फर्जी वोट डालने की जिम्मेदारी दी गई! अब यह कहने की जरूरत नहीं है कि बैसाखी पर यह सब हो रहा है, क्योंकि वोट बीजेपी के पक्ष में डलवाए जा रहे हैं!! सिर्फ एक चुनाव जीतने के लिए बीजे पार्टी के लोगों की राजनीति का स्तर कितना गिरेगा? लोकतंत्र को कितना शर्मसार करेंगे? आम जनमानस को किस बारे में बताएं?
ट्वीट देखें:
एक्स पर डॉक्टर अरुणेश कुमार यादव को 31 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। वहीं, डेवलपर्स की एक्स बायो के अनुसार, वे कांग्रेस के प्रवक्ता हैं और वर्तमान में कांग्रेस के एकांत विभाग के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं।
क्या है दावा दावा सच?
वायरल दावे के दौरान सामने आया कि यह वीडियो अभी का नहीं बल्कि साल 2019 का है। जांच के दौरान हमें न्यूज एजेंसी एएनआई का एक आलेख मिलाप। इस लेख की हेडलाइन थी-सेना के अधिकारियों का दावा, पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें वोट दिया; दर्ज शिकायत
देखें प्रशिक्षण:

क्या था पूरा मामला?
एएनआई ने अपने लेख में लिखा था कि ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर में कुछ युवा अपने समर्थकों के साथ 29 अप्रैल 2019 को कटंगा, जबलपुर में वोट डाले गए थे। इस दौरान कुछ अज्ञात बदमाशों ने ना सिर्फ इन पोल्स के वोटर कार्ड छीनने की कोशिश की बल्कि वोट भी खो दिया। बाद में गलत दावे के साथ सोल्जर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, जिससे सेना की छवि धूमिल हो गई।
जांच के दौरान हमें एएनआई का ट्वीट भी मिला जिसमें सेना द्वारा दर्ज की गई शिकायत की कॉपी भी साझा की गई थी।
ट्वीट देखें:
यह स्पष्ट है कि सेना के शेयरों द्वारा फर्जी वोटिंग करने का दावा पूरी तरह से गलत और निराधार है। वीडियो मौजूदा में चल रहे नोमा चुनाव का ना कहा साल 2019 में नोमा इलेक्शन का था।
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