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झारखंड कैश कांड में ED ने कोर्ट में किया बड़ा दावा, ‘रिश्वत का पैसा अधिकारियों और नेताओं के बीच बांटा जाता था बराबर’

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ताज़ा कैश कांड में पैसे मिले- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: पीटीआई
झारखंड कैश कांड में पैसे मिले

झारखंड कैश कांड में नवजात संजीव लाल और जहां गीर आलम के खिलाफ़ डॉक्यूमेंट्री कॉपी में ईडी ने बड़ा दावा किया है। ईडी ने आज फर्जीवाड़ा के लिए अदालत में पेश किया, जहां एजेंसी ने अदालत को बताया कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि ग्रामीण विकास विभाग के दौरान सहायक अभियंता राम जोखा के पद पर मुख्य अभियंता के पद पर थे और वे सरकारी निविदा के नाम पर थे। 1.5 प्रतिशत कमीशन लेते थे। इसके बाद इन खिलाड़ियों के धन विभाग के पदाधिकारियों और राजनेताओं के बीच समानता रखी गयी।

संजीव लाल सभा कमीशन किया गया था

डीडी ने आगे बताया कि टेंडर से आया ये कमीशन संजीव लाल इकट्ठा हुआ था और बेयर कुमार राम ने पूछताछ के दौरान यह जानकारी दी थी कि संजीव लाल को उनके रिलीज टेंडर के ऑफर सितंबर 2022 तक करोड़ों रुपये की मोटी रकम मिली है। इसके अलावा जांच में एक और मनोवैज्ञानिक इंजीनियर का नाम भी सामने आया है। इसी आधार पर 6 मई को ईडी की टीम ने रांची में रेड की कई तस्वीरें निकालीं।

मील थे 35 करोड़ से ज्यादा रुपये

एचडी ने कहा कि रेड के दौरान संजीव लाल के नौकर से जहां जागीर आलम के घर से 32.20 करोड़, एक अन्य रिश्तेदार के घर से 2.93 करोड़ रुपये और संजीव लाल के घर से 10.5 लाख रुपये की वसूली की गई। जांच में सामने आया कि संजीव लाल घटिया लोगों के आधार पर सरकारी टेंडर से आने वाले कमीशन की चाहत रखते थे। बरामद नगदी अपराध से आय अर्जित की गई है। नवीनतम रिकॉर्ड में अंतिम चरण में कोई सहायक नहीं था, इंजीनियर आवश्यक थे। एडी ने बताया कि अभी बरामदगी का संबंध किस-किस से है, साथ ही कुछ और चल-अचल संपत्ति के बारे में भी जांच की गई है और कुछ अन्य लोकसेवकों के नाम सामने आए हैं, यह जांच की जानी है।

कमीशन का पैसा सरकारी अधिकारियों तक भी प्रकाशित होता है

ग्रामीण विकास मंत्री आलम जागीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के घरेलू नौकर जहां जागीर आलम की मांगते हुए ईडी ने अदालत को बताया कि संजीव लाल ने कुछ आदिवासी लोगों की ओर से कमीशन का काम किया है और युवाओं की प्रतिष्ठा में युवाओं से काम लिया है। कमीशन में अहम भूमिका है। इतना ही नहीं ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि कमीशन का पैसा सरकारी अधिकारियों तक ही सीमित है। इसके अलावा ईडी ने बताया कि जांच के दौरान कई अपराधियों और आरोपियों के नाम सामने आए हैं, जिनकी जांच चल रही है।

ईडी ने यह भी बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से लेकर नीचे तक के कई अधिकारी इस गठजोड़ में शामिल हैं और टेंडर के जरिए रिश्वत लेने का खेल चल रहा था। इस मामले में हमें कुछ ब्यूरोक्रेसी और व्हाइटपॉश ​​के बारे में पता चला है, जिसकी जांच की जा रही है।

अरेस्ट राम ने इमानदारी से कही ये बात

ईडी के मुताबिक टेंडर से मिलने वाले करोड़ रुपये का कमीशन संजीव लाल तक ही जुटा था, साथ ही जांच के दौरान गिरफ्तार मुख्य अभियंता इंजीनियर राम ने यह भी बताया कि सितंबर 2022 में उसने टेंडर से मिलने वाले करोड़ रुपये का कमीशन संजीव लाल तक रखा था। मूल जहां पैसा जागीर आलम के घर से जो मिले हैं वो संजीव लाल के दर्शन पर रखे थे, जहां उन्होंने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से इकट्ठा किया था। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अन्य इंजीनियर इंजीनियर भी टीयर से मिले थे और उनकी डिस्ट्रीब्यूशन में शामिल थे।

एडी ने कोर्ट को बताया कि 6 मई 2024 को रांची में हुए सर्च ऑपरेशन में कई फर्जी दस्तावेज और साथ में 32 करोड़ 20 लाख रुपये जहां से गीर आलम के घर से बरामद हुए हैं। साथ ही उनके अन्य साथियों के घर से भी करीब 2 करोड़ 93 लाख रुपये बरामद हुए हैं।

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