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परीक्षा के परिणाम अंतिम नहीं, हिम्मत से काम लीजिए हजारों रास्ते आपका इंतजार कर रहे हैं – हेमंत सलामे प्रधान पाठक

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डोंगरगांव – शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चिरचारीकला,विकासखंड छुरिया,जिला राजनांदगांव का 2024- 25 वार्षिक परीक्षा परिणाम संस्था के प्रधानपाठक श्री हेमंत सलामे,शिक्षक श्रीमती सविता सलामे,संतोष कुमार निर्मलकर,देवेंद्र साहू व शाला प्रबंधन विकास समिति के अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र साहू की उपस्थिति में घोषित किया गया। इस मौके पर प्रथम तीन स्थानों पर आने वाले विद्यार्थियों को स्कूल की ओर से प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो पुरस्कृत भी किया गया। कक्षा 6वीं में प्रथम स्थान चंद्रभूषण,द्वितीय स्थान कु.शशि,तृतीय स्थान कु. दुर्गेश्वरी कक्षा 7वीं में प्रथम स्थान मूलकरण, द्वितीय स्थान लव कुमार, तृतीय स्थान ईशु कुमार 8वीं में प्रथम स्थान कु. चुकेश्वरी, द्वितीय स्थान मनोहर तृतीय स्थान कु.कंचन ने प्राप्त किया।इस अवसर पर प्रधान पाठक श्री हेमंत सलामे ने कहा कि इस सत्र का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा। उन्होंने इसके लिए बच्चों, अध्यापकों को उनकी मेहनत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बच्चों की वर्ष भर की मेहनत का परिणाम है। इसके साथ ही उन्होंने सबको जीवन में अपना लक्ष्य निर्धारित करने पुरजोर मेहनत करने का संकल्प भी दिलाया। सभी बच्चों से कहा कि जिंदगी में हम तमाम उतार-चढ़ाव से गुजरते हैं और रास्ते में आई मुश्किलों को अपनी हिम्मत और धैर्य से मात भी देते हैं। जीवन में जब भी कभी असफलता मिलती है, तो समझ नहीं आता कि उसका सामना हम किस तरह से करें। हम सभी के जीवन की पहली कड़ी और अथाह उम्मीदों से भरी होती है परीक्षा होती है बोर्ड की परीक्षा। छात्रों से अधिक उनके माता-पिता परिणामों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
प्राथमिक प्रधान पाठक श्री दुर्गेश मालेकर ने कहा कि जिस दिन रिजल्ट की घोषणा होती है, उसी दिन संभवतः पहली बार हमारे समाने सफलता और विफलता पर खुद को संभालने की चुनौती होती है। उसी दिन हमें पहली बार अपने धैर्य से स्थिति से निपटना होता है। असफल होने के बाद कुछ छात्र अनुचित कदम उठा लेते हैं, लेकिन उन्हें भी समझने की जरूरत है, यह महज जीवन का एक पड़ाव है। उन्हें यह समझना चाहिए कि बस एक और कोशिश असफलता की कड़वाहट को दूर कर सकती है। बस नाजुक समय में हिम्मत और धैर्य से काम लेना होगा। ऐसे में छात्रों को असफलताओं से परे अपने भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करनी चाहिए।इस परीक्षा में असफल हुए छात्रों को लेकर माता-पिता व अभिभावकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। शिक्षक देवेंद्र साहू ने कहा कि सकारात्मक बने रहें
ऐसे लोगों के बीच रहने की कोशिश करें जो आपका उत्साह बनाए रखे। सकारात्मक रहना हमें सफल बनाने में मदद करता है। सकारात्मकता से जीवन में नए दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलेगी।
शाला विकास प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री धर्मेंद्र साहू ने कहा कि असफलता हमें निराश जरूर करती है, लेकिन हमें उससे भी सबक सीखना चाहिए ताकि भविष्य में हम अपनी गलतियों को ना दोहराएं। आलसी न बन कर प्रत्येक कार्य जिम्मेदारी के साथ समय से पूरा करने की कोशिश करें क्योंकि आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। जीवन के लक्ष्य को पाने के लिए लगातार कड़ा परिश्रम करते रहें।

Nemish Agrawal
Nemish Agrawalhttps://tv1indianews.in
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