डोंगरगढ रिपोर्टिंग राहुल ओझा :
मां बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ में शारदीय नवरात्र की आस्था व मेले की रौनक प्रदेश सहित देश भर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। माँ बम्लेश्वरी माता के दर्शन व मेले का आनंद लेने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु रेल,सड़क व पद-यात्री मार्ग के माध्यम से डोंगरगढ़ पहुंच रहे हैं।
पद यात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्ग मे कु-व्यवस्थाओं का आलम देखने को मिला। अछोली से लेकर बधिया टोला होते हुए छिरपानी प्रांगण पहुंचाने हेतु पदयात्रा मार्ग की व्यवस्था की गई है। जहां दूरदराज से पहुंच रहे पद यात्रियों को सही राह बताने वाला कोई प्रशासनिक कर्मचारी नहीं था।
बहुत से पदयात्री गलत राह में भटकते पाए गए जबकि प्रशासन द्वारा पुलिस सुरक्षा हेतु पोस्ट लगाए गए हैं। जिस पोस्ट पर कोई भी पुलिस कर्मचारी नहीं पाया गया। इसी प्रकार रेल्वे पुल में पानी भर जाने के कारण पद यात्रियों की यात्रा कठिन हो गई और वहां मोटरसाइकिल,कार पानी में फंस कर रह गए। जिससे पद यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा पदयात्रा मार्ग पर विद्युत व्यवस्था तो की गई है मगर पदयात्रा मार्ग पर श्रद्धालु के लिए सुगम मार्ग की व्यवस्था करना भुल गई है ।
इसी प्रकार बड़ी मंदिर में भगदड़ मचने से धमतरी निवासी 36 वर्षीय एक महिला की मौत का मामला भी सामने आया था। कुछ श्रद्धालुओं के घायल होने की खबर है। स्वास्थय संबंधित सुविधाओं का भी बुरा हाल है मलहम पट्टी की कमी कई पद यात्रियों ने बताई। मुख्य सड़क मार्ग व पद यात्री मार्ग को रिपेयरिंग करने के जगह पर बजरी मिट्टी डालकर खानापूर्ति किया गया जिसके कारण पदयात्रियों के पांव में कई तरह के जख्म व छाले देखने को मिले व कई वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर भी सामने आई।
जब सभी श्रद्धालुओं को एक ही मार्ग पर आवागमन करना था तो पदयात्री मार्ग किसके लिए बनाया गया। पदयात्री, मोटर-साइकिल तथा मोटर-कार सभी एक ही मार्ग पर यात्रा करने को मजबूर कई तरह की घटनाएं सामने आ रही है। पदयात्रा मार्ग पर छीरपानी से लेकर अछोली तक एक भी सुरक्षा कर्मी किसी भी पोस्ट पर नहीं पाया गया जबकि प्रशासन द्वारा निर्धारित पदयात्रा मार्ग काफी सुनसान व विरान क्षेत्रों से होकर गुजरता है। जिस पदयात्री मार्ग पर बड़े-बूढ़े,जवान ,महिला-पुरुष जवान बच्चे-बच्चियाँ पैदल यात्रा करते हैं वहां किसी भी प्रकार की कोई भी अनहोनी का जिम्मेवारी लेने वाला कोई नहीं मिला श्रद्धालुओं की आस्था व श्रद्धा श्रद्धालुओं पर ही छोड़ दिया गया है।