डोंगरगढ़: राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित विश्व प्रसिद्ध मां बमलेश्वरी धाम में आदिवासी समाज के द्वारा बीते नवरात्र के पंचमी के दौरान पंचमी भेंट के बाद हुए आदिवासी समाज एवं मंदिर ट्रस्ट के बीच विवाद में अब नया मोड़ देखने को मिल रहा है जहां आज गोड आदिवासी समाज,कंवर समाज , हलबी समाज सहित गोड महासभा के पदाधिकारी ने नीचे स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर प्रांगण में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली और अपने ही समाज के द्वारा किए गए इस कृत्य का विरोध किया….

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एमडी ठाकुर ने कहा कि मां बमलेश्वरी मंदिर न केवल डोंगरगढ़ और छत्तीसगढ़ प्रदेश बल्कि पूरे देश के आस्था का केंद्र है और पंचमी भेंट के नाम पर यह जो आयोजन किया गया है यह हमने पहली बार देखा है, माता को बकरा और भेड़ नहीं बल्कि साड़ी फल फूल नारियल भेट किया जाना चाहिए, ट्रस्ट के नियम अनुसार यहां की व्यवस्था चल रही है शांति व्यवस्था चल रही है और इस कृत्य से पूरा समाज आहत है इसलिए हम आए हैं….
वही पंचमी भेंट के दौरान आदिवासी समाज को मंदिर ट्रस्ट के द्वारा दरकिनार करने के आरोप पर एम डी ठाकुर ने कहा कि ट्रस्ट के नियम के अनुसार जिनको भी सदस्यता ग्रहण करनी है करे उसमें कोई रोक टोक नहीं है और जो चुनाव होता है उसमें भाग ले जब मैं ट्रस्ट से पूछा तो उन्होंने बताया कि 55 से 60 आदिवासी समाज के सदस्य हैं तब कहा से समाज का अपमान हुआ ये अनावश्यक रूप से मंदिर को विवादित बनाना चाहते हैं वह ऐसा होने नहीं देंगे….
वही मंदिर को लेकर आदिवासी समाज द्वारा आगामी 15 नवंबर को बुलाए गए बंद पर एचडी ठाकुर ने कहा कि हम ऐसे किसी भी बंद का समर्थन नहीं करते हैं और समाज से भी अपील करते हैं कि इस बंद से दूर रहे.…
