डोंगरगढ़: आचार्य गुरुदेव विद्यासागर महाराज अनुशासन प्रिय थे,समयवद्धता एवं एकाग्रता से काम करते थे एवं शुद्धता का ध्यान रखते थे, स्वं भी अनुशासन में रहते थे और अपने शिष्यों को भी अनुशासन में ही रखना पसंद करते थे उपरोक्त उदगार निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज ने समाधि स्थल चंद्रगिरी डोंगरगढ़ मेंप्रातःप्रवचनसभा में व्यक्त किये।
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(अविनाश जैन विद्यावाणी)
मुनि श्री ने कहा कि आचार्य श्री अनुशासन, समयवद्धता,से काम करना अपने गुरूदेव आचार्य ज्ञानसागर महाराज से सीखा और हम लोगों को सिखलाया यही कारण है कि आज पूरा संघ अनुशासन के साथ उनके बताये हुये मार्ग पर आगे बड़ रहा है, समय पर कार्य करना गुरवर की प्राथमिकताऐं थी समय से पहले यदि कोई दर्शन करने कक्ष में आ जाऐ तो उसको बेरंग बापिस लौटना पड़ता मुनि श्री ने एक घटना सुनाते हुये कहा कि पूजन का समय 9 बजे का निर्धारित था एक दिन बाहर से कोई श्रैष्ठी गण आये हुये थे समय से 10 मिनट पहले दृव्य के थाल लेकर पहुंच गये तो आचार्य श्री ने घड़ी की तरफ देखा और उनकी तरफ देख लिया तो वह सभी समझ गये कि आखिर गुरदेव क्या कहना चाहते है,कि समय के पहले अतिक्रमण क्यों करना चाहते हो? सभी ने गुरु मुख की ओर देखा और तुरंत बाहर निकल गये।फिर जब नौ बजे पुन्हा सभी लोग कक्ष में पहुंचे तो गुरूदेव ने कहा अब आप सभी का समय आ गया मुनि श्री ने कहा कि आचार्य गुरुदेव ने आवश्यकों के करने और कराने में कभी ढिलाई नहीं बरती और बही बात जो आचार्य गुरुदेव ने आचार्य ज्ञानसागर महाराज से सीखा था वही अनुशासन और कट्टरता के साथ नियमों का पालन करना हम सभी को सिखाकर गये है,और हम सभी लोग उनके द्वारा बताऐ मार्ग पर ही आगे बड़ रहे है।
प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी तथा प्रचार प्रमुख निशांत जैन ने बताया कल माताजी का एवं ऐलक निश्चयसागर महाराज का दीक्षा दिवस है अतः दौपहर को 1:30 बजे से धर्म सभा में उन सभी के विचार हम सभी को सुनने मिलेंगे।
विद्यायतन के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या,महामंत्री मनीष जैन चंद्रगिरी तीर्थ क्षैत्र कमेटी के अध्यक्ष किशोर जैन महामंत्री चंद्रकांत जैन सप्रेम जैन,विवेक जैन लाभांडी, विनोद जैन कोयला विलासपुर, आदि समस्त पदाधिकारियों ने सभी से निवेदन किया है समय से सभी कार्यक्रम में पधारिये। अविनाश जैन एवं निशु जैन ने जानकारी देते हुये बताया कि जो भी महानुभाव आचार्य गुरुदेव विद्यासागरजी महामुनिराज के बनने जा रहे स्मारक में अपना योगदान दैना चाहते है वह अपनी राशी विद्यायतन समाधि स्थल चंद्रगिरी महातीर्थ
SHRI DJCTKT VIDYASAGAR SAMDHI STHALI DG
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(अविनाश जैन विद्यावाणी)