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Diwali Car Discounts 2025; Pre Delivery Inspection (PDI) Explained | फेस्टिव सीजन में कार की डिलीवरी से पहले जांच जरूरी: 7 स्टेप में PDI करने का तरीका समझें, नहीं तो डीलर डिफेक्टेड गाड़ी थमा सकता है

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नई दिल्ली9 मिनट पहले

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जीएसटी की नई परिभाषा 22 सितंबर से लागू होने की वजह से 4 साल पहले कार के दायरे में आ गई है। इसके अलावा अन्य भी दे रहे हैं।

ऐसे में अगर आप भी इस त्योहारी सीजन में नई कार का प्लान बनवा रहे हैं तो पहले से ही कुछ सावधानियां रखना जरूरी है।

यहां हम आपको बता रहे हैं कि कार के फीचर्स से पहले क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए। कार डीलरशिप से पहले प्री-स्टोरेज इंस्पेक्शन (पीडीआई) क्यों जरूरी है और इसे कैसे किया जाता है…

सबसे पहले जानिए PDI क्या होता है?

पीडीआई यानी प्री फ़्लोरिडा इंजेक्षन। यह एक अनोखा तरीका है, जिसमें कार की जांच से पहले इंस्पेक्शन की सुविधा शामिल है। इसमें कार के लैपटॉप, एक्सटीरियर, इंजन और सभी फीचर्स की जांच की जाती है कि वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। पीडीआई दो तरीकों से किया जाता है।

  • सबसे बड़ा खुद पीडीआई करता है। पूरी तरह से चेक करने के बाद कार पर पीडीआई बजा दिया जाता है, जिससे पता चलता है कि कार स्टॉक के लिए तैयार है।
  • सबसे पहले ग्राहक से कार की दुकान लेने से पहले ग्राहक भी अपनी कार की पीडीआई कर सकता है और अपने स्तर पर हर एक चीज की जांच कर सकता है।

पीडीआई क्यों जरूरी, कब और कहां करना चाहिए?

पीडीआई करने से पता चल सकता है कि कार में कोई परेशानी नहीं है। कार डिजायन को सबसे पहले पता चला कि कार में क्या मिला है और किस तरह का ग्राहक उससे छिपाना है। इसलिए गाड़ी होने का रजिस्टर से पहले ही गाड़ी का पीडीआई कर लेना चाहिए।

कार का पीडीआई ऐसी जगह करना चाहिए जहां रोशनी अच्छी हो। इस कार के सभी मानक को देखने में आसानी होती है। किसी भी मैकेनिक, मैकेनिक या गाड़ी के बारे में नॉलेज रिपेयर वाले को साथ ले जाना होगा। बेसिक न भी मिले तो खुद भी इसे कर सकते हैं। आइए जानते हैं पीडीआई कैसे करें…

स्टेप-1 : लिस्ट चेक करें

  • सबसे पहले एक चेक लिस्ट। इस लिस्ट में कार में चेक करने वाले एक-एक पॉइंट को नोट कर लें जैसे- इंजन, एक्सटीरियर, स्कूटर, टायर, फीचर्स, कार का पेंट आदि। इस लिस्ट का फायदा यह होगा कि कोई भी चीज छूट नहीं देगी।

स्टेप-2 : एक्सटेरियर

  • कार के चारों ओर घूमकर देखें कि इसमें कोई खरोंच या डेंट नहीं है। खासतौर पर बम्पर और कार के फीचर्स पर जरूर ध्यान दें।
  • छोटे-मोटे स्क्रेच को छुपने के लिए छोटी कार को स्मोक कर देते हैं। एक-दो बार वॉशिंग के बाद सामने आए ये स्क्रेच लुक।
  • इसके लिए कार की पूरी बॉडी पर हाथ फेर कर देखें। इससे डेंट या स्क्रेच होगा तो पकड़ में आ जाएगा। इससे पेंटवर्क दिखेगा।
  • शरीर को एकदम पास से और साइड एंगल से देखें। इससे यदि कहीं पुनःपेंट किया गया है तो रंग संरक्षण भेद निर्धारित किया गया है।
  • कार के सभी कोने जैसे- डोर के किनारे और सहायक गैप, ओर के किनारे और फ्रंट बंपर को ठीक से देखें।
  • जब कोई कार लंबे समय तक खड़ी रहती है, तो टायर फ्लैट हो जाते हैं। नई कार के टायर भी कट-फटे हो सकते हैं।
  • चारों टायर की जांच करें, रिम और एलॉय व्हील को भी देखें। स्टेपनी को ठीक से देखें, जैक और अन्य टूल्स भी चेक करें।

स्टेप-3 : लैपटॉप

  • कार के इनसाइड, अपहोल्स्ट्री, सीट और ग्लोवबॉक्स की ठीक से जांच करें।
  • फ्लोर की मैट हटाएं और जांचें कि क्या कारपेट में कोई मैट या कोई मैट है तो नहीं।
  • कार के सभी मिरर भी चेक कर लें कि कहीं उसमें कोई दरार या दरार तो नहीं है।
  • कार के सभी स्विच की जांच करें। यह देख लें कि ये सही से काम कर रहे हैं या नहीं।
  • एयर एनीकेन (एसी) चालू करें और जांचें कि केबिन जल्दी ठंडा हुआ है या नहीं।

स्टेप-4 : इंजन, ओडोमीटर और ईंधन

  • कार का बोनट ड्राइवर और उसके फ़्लूइड टायर्स की जांच करें। इंजन ऑयल, कूलेंट, ब्रेक फ़्लूइड और विंड स्क्रीनशिंग फ़्लूइड भरा जाना चाहिए।
  • गति धीमी करें और धीमी गति से स्थिर रहें। बोनट के नीचे देखें कि कोई लाइक तो नहीं है या कोई असामान्य आवाज या सामान्य दे रही है।
  • इसके अलावा एक्सिल ऑपरेटर पैडल पर पैर की अंगुली दो तीन बैरिल्रेट द्वारा इंजन की आवाज का उपयोग किया जाता है। इंजन से काला धुआं तो नहीं निकल रहा।
  • नई कार का ओडोमीटर 30-50 किमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर एनीमेशन 30-50 किमी से ज्यादा है, तो इस बारे में बचपन से बात करें।
  • बहुविकल्पी को 5 लीटर कॉम्प्लिमेंट्री फ़्यूल देते हैं। फ़्यूल फ़्यूल स्टेशन की जाँच करें और देखें कि फ़्यूल फ़्यूल स्टेशन तक पहुँचने में फ़्यूल हुआ है या नहीं।

स्टेप-5: कार के दस्तावेज़

  • कार के सभी पेपर्स जैसे- नामांकन प्रॉपर्टी, पेंटिंग कवर, आर्किटेक्चर, स्वतंत्रता कार्ड, रोडसाइड असिस्टेंस नंबर और सर्विस बुक चेक करें।
  • ‘फॉर्म 22’ लेने वाले से पहले यह जरूर जांच लें कि इसमें कार का इंजन नंबर, चेसिस नंबर और कार निर्माण के महीने और साल की जानकारी है।
  • यह जांचें कि कार का सामान पहचान-पत्र नंबर (वीआईएन), इंजन नंबर और चेसिस नंबर नीचे दिए गए दस्तावेजों से मेल खाता है या नहीं।

स्टेप-6 : टेस्ट ड्राइव लें

  • बिग रिप्रेजेंटेटिव के साथ एक बार टेस्ट ड्राइव जरूर लें। टेस्ट ड्राइव के दौरान कार की ताकत, गियरशिफ्टर, ब्रेक और ड्रॉप की जांच करें।
  • ध्यान दें कि गाड़ी में ज्यादा आवाज तो नहीं आ रही और जांच लें कि गाड़ी में ज्यादा आवाज तो नहीं आ रही। इंजन के शोर को भी नोटिस करें।

स्टेप-7: इंस्पेक्शन का वीडियो ट्यूटोरियल

साड़ी गाड़ियों की जांच करने के बाद ही उस कार को अपने नाम पर रजिस्टर करें। नामांकन होने के बाद उस कार पर नज़र बनाए रखें। कार को वापस सर्विस सेंटर के अंदर न जाने दें। अगर कार को अंदर इस्तेमाल किया जाता है तो किसी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत करें। अगर आप और ज्यादा सिक्युरिटी चाहते हैं तो पूरे इंस्पेक्शन का एक वीडियो बनाएं।

कार की खरीदारी के बाद क्या करें

कार गायब होने के बाद उसका इनवॉइस (बिल) अच्छी तरह से चेक किया जाना चाहिए। गाड़ियों के एक्स-शोरूम में कई डॉयचे शुरू होते हैं, प्रॉपर्टीज़ और RTO चार्ज असेंबल ऑन रोड प्रॉपर्टीज़ बताते हैं।

गाड़ियों के गायब होने के बाद जब हम बिल देखते हैं तो काफी सारे हिडन चार्जेज होते हैं, जैसे- फाइल चार्जेज, सर्विस चार्जेज, हैंडलिंग चार्जेज और मेमोरीज चार्जेज। कुल मिलाकर लगभग 5-10 हजार रुपए के हिडन चार्जेज नीचे दिए गए हैं। बताएं कि सेवा शुल्क अन्यत्र है।

इस तरह का आरोप आप अपने बिल में देख रहे हैं तो तुरंत आपत्ति, वृत्तचित्र या फिर शोकसभा के समय ही छुपाया जा सकता है।

ये जरूरी टिप्स भी जान लें…

  • अगर पीडीआई करने से व्यवसाय शुरू होता है तो समझ लीजिए कार में कुछ समानता है। ऐसी कार लेने से आप मना कर सकते हैं।
  • पीडीआई में कोई बड़ी कार नहीं मिलती तो ऐसी कार न लेना ही समझदारी है। इससे भविष्य में आपका खर्च बढ़ सकता है।
  • फ़्राईस्पैक्शन करने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप एक ख़राब या डैमेज गाड़ी लेने से बच जाते हैं।
  • कई बार ज़रा सी फ़ायदे के कारण नुक्सान उठाये जाते हैं या फिर बाद में शोरूम के चक्कर निर्माता फ़िल्में पेश की जाती हैं।

चलते-चलते जान लें कि आपको क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए

  • पहले बजट तय करें और उसके अनुसार कार चुनें। इसके अलावा, हमेशा अपनी ज़रूरत के हिसाब से कार का चुनाव कराना चाहिए। एक ही शो-रूम से डिलिवरी फाइनल न करें, बेहतर डिजायन के लिए तीन-चार और डिजायनों से कोटेशन लेकर डिलिवरी फाइनल करें।
  • आप शो-रूम में जो भी कार देखने जा रहे हैं, तो उसके बारे में सेल्समैन से पूरी जानकारी लें, सभी सुविधाओं और इंजनों के बारे में पढ़ें। वही छात्र उन सुविधाओं का चयन करें जिन्हें आप ग्रेड का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा गाड़ी का टेस्ट ड्राइव भी जरूर करें।
  • अगर आपको नई कार के लिए लोन चाहिए, तो सबसे पहले आप अलग-अलग बैंकों के ब्याज दरों के बारे में पता कर लें और जो बैंक सबसे कम ब्याज दर पर लोन दे, उसी से कार फाइनेंस पर लोन लें।

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