डोंगरगढ़ : श्री दिगम्बर जैन समाज डोंगरगढ़ द्वारा संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का 58 वाँ मुनि दीक्षा स्मृति महोत्सव एवं 105 आर्यिका रत्न आदर्शमति माता जी का ३४ वाँ आर्यिका दीक्षा दिवस हर्षोलाश के साथ धूम – धाम से मनाया गया |
प्रातः 7 बजे भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, आरती हुई तत्पश्चात 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के चरण चिन्ह का प्रक्षाल कर उनकी महा मनोहर अष्ट द्रव्य से सामूहिक पूजन एवं मंगल आरती कि गयी |

प्रातः 9 बजे श्री दिगम्बर जैन समाज डोंगरगढ़ द्वारा प्रभावना स्वरुप जुलूस निकाल कर नगर भ्रमण किया गया |
जिसमे सभी वर्ग के लोगो ने काफी उत्साह से साथ बारिश के बीच गुरु के प्रति अपनी भक्ति प्रस्तुत करते हुए भजन, नृत्य, जयकारा के साथ शामिल हुए |
पुरुष एवं महिलाओं द्वारा संगीतमय भजन प्रस्तुत किया गया एवं गुरु देव का जयकारा लगाया गया वही बाल मंडल के द्वारा मिलट्री ड्रेस में बैंड, ड्रम आदि बजाकर उपस्थित गुरु भक्तों का उत्साह बड़ाकर जुलूस कि शोभा बढ़ाई |

दोपहर 2 बजे श्री दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ क्षेत्र चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का 58 वाँ मुनि दीक्षा स्मृति महोत्सव एवं 105 आर्यिका रत्न आदर्शमति माता जी का ३४ वाँ आर्यिका दीक्षा दिवस हर्षोलाश के साथ मनाया गया |
आचार्य श्री के समाधी स्थल पर आचार्य श्री के चरणों का प्रक्षाल कर पूजन एवं भव्य आरती कि गयी |
प्रतिभास्थली कि छात्राओं द्वारा मनमोहक नाटक एवं नृत्य कि प्रस्तुति दी गयी जिसे देखकर उपस्थित लोग मंत्रमुग्ध हो गए एवं उपस्थित पालकों को अपने बच्चों कि ऐसी प्रस्तुति देखकर गौरवान्वित हुए |

डोंगरगढ़ से एवं बाहर से आये डोंगरगांव, राजनंदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर महिला मंडल के द्वारा भी उत्कृष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम कि प्रस्तुति दी गयी एवं मुख्य पात्रों के साथ मिलकर सभी भक्तों द्वारा साज – सज्जा युक्त अति सुन्दर, मनोरम अष्ट द्रव्य कि थाल आचार्य श्री कि पूजन में अर्घ्य स्वरुप चढ़ाई गयी जिससे उपस्थित गुरु भक्तों में उत्साह का माहोल बन गया और सभी गुरु का जयकारा लगाने लगे |
इंदौर से पधारे श्री मोनल जैन ने बनने वाले भव्य समाधी स्मारक का ऑडियो – विडियो – प्रेजेंटेशन सभी के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने बताया कि यह समाधी स्मारक लगभग 5 एकड़ भूमि पर बनेगा जिसमे जैन म्युजियम, म्यूजिकल फाउंटेन, आचार्य श्री कि फोर डी होलोग्राम से निर्मित वर्चुअल प्रतिमा दिखेगी और ए.आई. द्वारा उनके प्रवचनों के संकलन से उपस्थित जन उनसे जो भी सवाल करेगा उसका जवाब उसे वहाँ मिलेगा |

इस प्रकार कि टेक्नोलॉजी का भारत में पहली बार प्रयोग किया जा रहा है जो कि हमारे लिये बहुत ही गौरव का विषय है और हमारा परम सौभाग्य है कि हम गुरु जी के समाधी स्मारक को अति भव्य रूप से बनाये |
तत्पश्चात 105 आर्यिका रत्न आदर्शमति माता जी ने अपने प्रवचन में कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी को 30 जून १९६८ (आषाढ़ शुक्ल पंचमी) को दादा गुरु आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज जी ने अजमेर (राजस्थान) में मुनि दीक्षा दी थी |
इस मुनि दीक्षा के पूर्व 26 जून १९६८ से लगातार 5 दिनों तक वहाँ बिनोली (बारात) निकाली गयी थी |
मुनि दीक्षा के पूर्व बहुत से विद्वानों ने आचार्य ज्ञानसागर जी को इतनी कम उम्र के शिष्य को मुनि दीक्षा देना गलत लग रहा था लेकिन आचार्य ज्ञानसागर जी को अपने शिष्य पर पूर्ण विश्वास था कि वह अपने दिगम्बर मुनि धर्म को उत्कृष्ट साधना और संयम के साथ निभाएगा और उन्होंने बाल ब्रह्मचारी विद्याधर को दिगम्बर मुनि दीक्षा देकर नया इतिहास रच दिया |
आचार्य श्री ने संघ को गुरुकुल बनाया और अपने मूलगुणों का शास्त्रों में वर्णित अक्षरसः पालन किया और संघ को भी करना सिखाया |
ऐसा पहली बार हुआ है कि आचार्य श्री के दीक्षा दिवस कि तारीख और तिथि आज भी वही है जो उनकी दीक्षा के दिन थी 30 जून १९६८ (आषाढ़ शुक्ल पंचमी) और आज 30 जून २०२५ (आषाढ़ शुक्ल पंचमी)| ऐसा बहुत दुर्लभ होता है |
चंद्रगिरी तीर्थ क्षेत्र का और यहाँ से जुड़े सम्पूर्ण भारत वर्ष के लोगो का सौभाग्य है कि उनको गुरुवर का इतना सानिध्य प्राप्त हुआ और तीर्थ के साथ – साथ प्रतिभास्थली, गौशाला, हाथ करघा, समाधी स्थली का आशीर्वाद प्राप्त हुआ |
अब सभी को मिलकर 108 विद्यानिधि आचार्य श्री समयसागर महाराज जी के निर्देशानुसार जल्द से जल्द चंद्रगिरी मंदिर और समाधी स्मारक निर्माण को पूर्ण करना है |
उक्त कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये चंद्रगिरी के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन, कोषाध्यक्ष श्री सुभाष चन्द जैन, महामंत्री श्री निर्मल जैन, उपाध्यक्ष श्री राजकुमार जैन, श्री दिगम्बर जैन समाज डोंगरगढ़ के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार जैन, कोषाध्यक्ष श्री जय कुमार जैन, सचिव श्री सुरेश चन्द जैन, श्री राजेन्द्र जैन, श्री प्रदीप जैन, श्री नितिन जैन, श्री निशांत जैन, श्री राजेन्द्र जैन, श्री सुशील जैन, श्री सुनील जैन, श्री राहुल जैन, विद्यायतन के ट्रस्टी श्री निखिल जैन, श्री सोपान जैन, श्री अमित जैन, श्री दीपेश जैन, श्री नरेश जैन, श्री सप्रेम जैन एवं सभी सदस्यों ने प्रतिभास्थाली कि ब्रह्मचारिणी दीदियों का, सम्पूर्ण जैन समाज का एवं बाहर से आये गुरु भक्तों को सादर अभिवादन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया | उक्त जानकारी निशांत जैन (निशु) द्वारा दी गयी है |