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- दिल्ली DCW कर्मचारी नियुक्ति विवाद; एलजी वीके सक्सेना बनाम स्वाति मालीवाल
नई दिल्ली9 घंटे पहले
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
स्वाति मालीवाल को जुलाई 2015 में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया था
दिल्ली एलजी वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग से 223 कर्मचारियों को हटा दिया गया है। आरोप है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बिना किसी वैधानिक संस्थान की सदस्यता ली थी।
आदेश में DCW अधिनियम का हवाला देते हुए कहा गया है कि आयोग में केवल 40 कर्मचारी ही रह सकते हैं, लेकिन LG की मंजूरी के बिना 223 नए पद बनाए गए हैं। आयोग के पास कर्मचारियों की पेशकश का अधिकार नहीं है।
स्वाति मालीवाल बोलीं- ये तुगलकी बोली है। मैं अपने जीतजी आयोग को बंद नहीं कर रहा हूं।
स्वाति मालीवाल ने जनवरी 2024 में आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें 2015 में आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की ओर से उन्हें समाजवादी पार्टी से समाजवादी पार्टी में नामित किया था।
महिला बाल एवं विकास विभाग (DWCD) ने 29 अप्रैल को दिल्ली महिला आयोग (DCW) को इस संबंध में ऑर्डर भेजा है। DWCD-DCW के बीच कलाकारों के बीच बातचीत हुई थी। कलाकारों से कार्रवाई को समझा जा सकता है…
महिला आयोग ने नियुक्तियों के संबंध में 2016 में पत्र भेजा
डीडब्ल्यूसीडी को महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की ओर से 10 सितंबर 2016 को एक पत्र मिला। इसमें लिखा था कि 9 सितंबर 2016 को हुई मीटिंग में महिला आयोग ने DCW एक्ट 1994 का इस्तेमाल करते हुए 223 अतिरिक्त नियुक्तियां कीं। डीडब्ल्यूसीडी में नियुक्तियों की आवश्यकता, इम्प्लाई की योग्यता और अनुभव के बारे में जानकारी भी दी गई है।
DWCD की पहली ख़त- 27 सितम्बर 2016
डीडब्ल्यूसीडी ने महिला आयोग के सदस्य सचिव को पत्र लिखा। इस पत्र में महिला आयोग की ओर से नियुक्त नियुक्तियों के लिए वित्तीय सहायता के नियम और शर्ते बताई गई हैं। कहा कि बिना आयोग में वित्तीय विभाग और प्रशासन के विस्तार के लिए ऐसी कोई गतिविधि नहीं की जा सकती, जिसमें अतिरिक्त वित्तीय भार पड़े। नईयों की नियुक्ति करना और राष्ट्रीय राजधानी में स्थायी आवास से अधिकांश लोगों को शामिल करना भी शामिल है। आयोग ने जो नियुक्तियां की हैं, उनका बजट 2 करोड़ से भी ज्यादा है।
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डीडब्ल्यूसीडी का दूसरा पत्र- 5 अक्टूबर 2016
डीडब्ल्यूसीडी ने महिला आयोग को बताया कि नियुक्तियों के लिए एलजी को छूट नहीं दी गई है। दिल्ली महिला आयोग अधिनियम 2013 के अनुसार सरकार को महिला आयोग को ऐसे कर्मचारियों और कर्मचारियों पर नियुक्ति की आवश्यकता है। महिला आयोग को ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति करने का अधिकार नहीं है।
महिला आयोग का दूसरा पत्र- 28 नवम्बर 2016
महिला आयोग ने एलजी को पत्र लिखकर बताया कि डीसीडब्ल्यू में समस्याएं आ रही हैं। कमियाँ और नौकरानियाँ हैं। आयोग ने बिना एलजी की नियुक्तियों की घोषणा की और इसके लिए अलग-अलग श्रेणी बनाई। इसका कारण यह है कि नियुक्तियों के लिए कोई वक्ता पोस्ट नहीं किया गया था। आयोग के अध्यक्ष की कई बैठकों में यह सलाह दी गई कि वो फाइनेंस विभाग की मंजूरी ले लें। राष्ट्रपति ने इस सलाह पर विचार नहीं किया, जिसमें नियुक्त किए गए 223 कर्मचारियों के पेडल मेंबर्स को रिलीज नहीं किया गया। मेंबर कॉस्टेट ने बताया कि यह नियुक्ति प्रक्रिया के अंतर्गत नहीं है।
कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय में भर्ती की
मीना कुमारी सहित 223 कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय में भर्ती के लिए उन्हें मेहनताना दिया। उच्च न्यायालय ने अस्थायी आदेश में रिहाई का आदेश दिया। इसके बाद डीडब्ल्यूसीडी ने हाई कोर्ट में फिडेविट की नियुक्ति की। डीडब्ल्यूसीडी ने उच्च न्यायालय को बताया कि इन नियुक्तियों में नियमों और कर्मचारियों का उल्लंघन किया गया है। डीडब्ल्यूसीडी मिल ने उच्च न्यायालय को बताया कि जांच रिपोर्ट में कई साटियां भी हैं। इसके बाद एंटी करप्शन कार्यालय में मामला दर्ज किया गया।
फरवरी 2017 में नियुक्तियों की जांच शुरू हुई
एलजी ने महिला आयोग में अवैध नियुक्तियों और आर्थिक सलाहकारों की जांच के लिए डीडब्ल्यूसी मेंबर की जांच के लिए कमेटी बनाई।
जून 2017 में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट जारी की
समिति ने कहा कि डीडब्ल्यूसी के ऑपरेशन में बड़े स्तर पर लोकतंत्र और प्रशासन की साखियां हैं। गैर आधिकारिक मैन पावर का उपयोग किया जाता है, नियुक्तियां की जाती हैं। एलजी की ओर से नियुक्त किये गये बर्स्टर को खारिज कर दिया गया है। बिना आज़ाद परियोजना का शुभारंभ किया गया। निजी निवेशकों और गैर सरकारी संगठनों को लाभ मिला। बिना पढ़े अंतिम संस्कार चला गया। 223 नियुक्तियों में तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, न ही एलजी की छूट ली गई।
दिल्ली सरकार ने महिला आयोग को 40 पोस्ट दी हैं। 223 नियुक्तियों द्वारा कई पदों और पदनामों का उल्लंघन किया गया है। इन नियुक्तियों की आवश्यकता क्यों है, नियुक्त किये गये लोगों की गुणवत्ता व्यवस्था क्या है, इसके लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया। प्रशासन और वित्त विभाग से छूट की छूट नहीं।
रिपोर्ट की जांच के आधार पर एलजी ने कार्रवाई की
कमेटी की जांच के आधार पर एलजी वीके सक्सेना ने निर्णय लिया कि 223 नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है। ऐसे में रद्द कर दिया जाए और DWC में काम ना करने दिया जाए। दिल्ली सरकार ने महिला आयोग से कहा कि कभी-कभी सभी सांस्कृतिक कर्मचारियों को भी नियुक्त किया जाए।
स्वाति मालीवाल बोलीं- 90 का स्टाफ, सरकार ने दिए सिर्फ 8 आर्टिकल
स्वाति मालीवाल ने कहा, “एलजी साहब ने तुगलकी योजना बनाई है। आज महिला आयोग में कुल 90 कर्मचारी हैं, जिसमें सिर्फ 8 लोग सरकार ने दिए हैं। बाकी 3-3 महीने के लिए कॉन्स्ट्रेक्ट पर हैं। अगर सभी कॉन्ट्रेक्ट स्टाफ को हटा दिया जाएगा।” तो महिला आयोग पर ताला और लग जाएगा। ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून-पसीने से बनी संस्था है। आप कहां से खत्म हो रहे हैं? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं कर रहा हूं। मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पर जुल्म ना करो।”
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जयहिंद बोले- स्वाति-आप से हो गया तलाक, अब उनका नाम जोड़ा जाएगा
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स्वाति और जयहिंद की 23 जनवरी 2013 को शादी हुई थी और 2020 में तलाक हो गया था।
लाहौर में जयहिंद सेना के प्रमुख नवीन जयहिंद ने पूर्व पत्नी स्वाति मालीवाल से नाम जोड़ने को लेकर मीडिया से बात की। इस दौरान जयहिंद ने कहा कि उनकी स्वाति मालीवाल और आम आदमी पार्टी से तलाक हो गया है, अब उनके नाम के साथ दोनों को जोड़ा नहीं जाना चाहिए। न्यू जयहिंद ने स्वाति मालीवाल का नाम साओगामी में भेजा पर खुशी जाहिर की। पढ़ें पूरी खबर…