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इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने 22 अक्टूबर को आईटी नियम 2021 में कुछ बदलावों का मसौदा जारी किया है। ये डीपफेक और एआई से बनी सामग्री को लेबल करने और ट्रेस करने के लिए है। मतलब, ये साफ-साफ मार्क होगा कि किताब असली नहीं, एआई वाला है।
इसे मिसिन फॉर्मेशन और लॉरेंस धांधली जैसी लॉज पर लगाया गया। मिनिमम स्टोरी में इंटरनेट को ओपन, सेफ, ट्रस्टेड और अकाउंटेबल रखने के लिए ये जरूरी है। मंत्रालय ने स्टेक होल्डर्स से मांग की है। इसे 6 नवंबर तक ईमेल पर भेजा जा सकता है।
हर एआई वर्कशॉप पर वीडियो-वीडियो लेबल अपलोड किया जाएगा
नए रूल 3(3) के तहत, जो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एआई पेज जैसे ‘सिंथैटिकली क्रेटेड इन फॉर्मेशन’ क्रिएटर करेंगे, उन्हें हर ऐसे पैकेज पर प्रमुख लेबल लगाना होगा। स्थायी यूनिक मेटाडेटा/आइडेंटिफ़ायर एंबेडेड भी करना।
ये लेबल विजुअल में कम से कम 10% एरिया कवर विज़िट, या ऑडियन्स में पहले 10% समय में तय किया गया। मेटाडेटा को कोई परिवर्तन, हाइड या डिलीट नहीं किया जाएगा। प्लेटफॉर्म्स को टेक्निकल तरीके से उपयोग किया जाएगा ताकि अपलोड होने से पहले ही चेक हो जाए कि ये एआई वाला है या नहीं।

नवंबर में रश्मीका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था।

सचिन सावंत का डीपफेक वीडियो, जिसमें वे गेम ऐप को प्रोमोट करते थे।
सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी होगी
मुख्य जिम्मेदारी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडिएटरीज (एसएसएमआई) की है, जो आईटी में 50 लाख से अधिक कंपनियों वाले प्लेटफॉर्म पर राज करती है। इसमें फेसबुक, यूट्यूब, स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म लेबलिंग, मेटाडेटा टैगिंग और विजिबिलिटी के मानक फॉलो करेंगे।
टाइमलाइन क्या है, कब से लागू होगी?
ड्राफ्ट 22 अक्टूबर 2025 को रिलीज़ हुआ। अब MeitY 6 नवंबर तक फिक्शन कॉमिक्स। उसके बाद फाइनल रूल्स आधिकारिक, लेकिन वास्तविक प्रभाव तिथि निर्धारित नहीं की गई है। ग्रेजुएट्स का मानना है कि ये कुछ महीनों में लागू हो जाएगा, क्योंकि डीपफेक ईशुज तेजी से बढ़ रहे हैं।
उपभोक्ता और प्रतिष्ठान क्या दिखते हैं?
उपभोक्ता के लिए अच्छा- अब फ़्रैंच सामान आसानी से पहचानने योग्य, मिसिन फॉर्मेशन कम होगी। लेकिन क्रिएटर्स एक्स्ट्रा स्टेप्स करेंगे, जैसे लेबलिंग। संस्थान के लिए चुनौती ये होगी कि उन्हें मेटाडेटा और उनके सहयोगियों के लिए टेक जांच करनी होगी, जो संचालन को थोड़ा महंगा कर सकते हैं। लेकिन ओवरऑल, ये एआई मिसयूज प्रतिबंध में मददगार साबित होगा।
MeitY ने इन अद्यतन पर क्या कहा?
MeitY ने साफ कहा कि ये स्टेप ‘ऑपन, सेफ, ट्रस्टेड और अकाउंटेबल इंटरनेट’ बनाने के लिए है, जो जनरेटिव एआई से आने वाली मिसिन फॉर्मेशन, इम्पर्सनेशन और इलेक्शन मैनिपोलेशन जैसे जोखिम को संभालना चाहता है। इससे इंटरनेट का अधिकांश स्वामित्व बनता है।