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China Now Eyes on PoK secret military base being built at 13000 feet height in Tajikistan revealed by satellite imagery – India Hindi News

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पड़ोसी देश चीन हमेशा अपनी विस्तारवादी नीति को ख़त्म करता रहा है। इस कारण से पड़ोसी देशों के साथ उसकी या तो सीमा विवाद हो रहा है या उसकी विस्तारवादी सोच के तहत वन बेल्ट वन रोड प्रारंभिक योजना काम करती जा रही है। इसी क्रम में चीन लंबे समय से पाकिस्तान में अपनी अतिमहत्वकांक्षी परियोजना को अंजाम दे रहा है। अब खबर है कि मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान में चीन 13000 फीट की ऊंचाई पर एक गुप्त सैन्य अड्डा बना रहा है। ताजिकिस्तान सोवियत रूस से अलग एक स्वतंत्र देश बना हुआ है। यह चारों तरफ से भूमि से निर्मित देश है।

हालांकि, चीन ने इसे बदला है, लेकिन बदले हुए चित्र इस बात की तस्दीक करते हैं कि पड़ोसी देश का मंसूबा ठीक नहीं है। ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट में सच्चे इमेजरी के पृष्ठों से कहा गया है कि चीन पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के सटे इलाके ताजिकिस्तान में 13000 फीट की ऊंचाई पर गुप्त सैन्य द्वार का निर्माण पिछले एक दशक से कर रहा है।

बीजिंग ने इस खबर का खंडन किया है और कहा है कि चीन ताजिकिस्तान में किसी तरह का कोई गुप्त सैन्य अड्डा नहीं बना रहा है। चीन ने यह भी कहा है कि चीन-ताजिकिस्तान वार्ता में यह मुद्दा भी शामिल नहीं था। मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा उपलब्ध कराए गए बाह्य अंतरिक्ष चित्र सैन्य अड्डा, हेलीपैड, चारदीवारी, रोड और वाच टावर के संकेत में मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस स्थान पर चीन सैन्य अड्डा बना रहा है वह काफी अहम है क्योंकि वह अफगानिस्तान सीमा से नजदीक है।

रक्षा जानकारों का कहना है कि भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रूस की सीमा से सटे जिस इलाके में गुप्त सैन्य अड्डा बन रहा है, वह मध्य एशिया का एक अहम केंद्र है। चीन इसीलिए उस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। संकट के समय में किसी भी देश में सेना सुखद चीन के लिए ना सिर्फ सरल और सहज होगा बल्कि स्वतंत्रता रूप से भी काफी अहम हो सकता है। इसके अलावा मध्य एशिया चीन की प्रमुख बेल्ट और रोड पहल की अहम कड़ी है। बीजिंग अपने मार्गों से यूरोप में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है।

बता दें कि पिछले सप्ताह ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताजिकिस्तान का दौरा किया था और ताजिकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने का ऐलान किया था। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशाम्बें पहुंच पर पारंपरिक वेशभूषा में 1,500 से अधिक ताजिक युवाओं ने जीवंत चीनी और ताजिक गीत और नृत्य प्रस्तुत कर उनका स्वागत किया था।



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