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Cancer Insurance | New India Assurance Medical Health Insurance Claim Case | हाईकोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी पर 50 हजार जुर्माना लगाया: फर्म का कैंसर पेशेंट को 11 लाख क्लेम देने से इनकार, HC बोला-4 हफ्ते में दें

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नई दिल्ली18 मिनट पहले

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दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यू इंडिया कंपनी पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। असल में कंपनी ने 11 लाख के क्लेम को वैज्ञानिक कैंसर के पेशेंट से खारिज कर दिया था। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।

उच्च न्यायालय ने दस्तावेज़ कंपनी को 4 सप्ताह में पेशेंट का क्लेम साफ़ करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि मेडीकलम काउंसलिंग में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। आपने 2 लाख की जो सब-लिमिट रखी है, वह कैंसर के इलाज कीमो-इम्यूनोथायरेपी के लिए पर्याप्त नहीं है।

उच्च न्यायालय के 3 मठाधीश

  • बीमा लोकपाल की तरफ से पास न्याय का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। इसी ने कंपनी को निर्माताओं का सलाहकार बनाने का निर्देश दिया था।
  • अदालत ने बीमा कंपनी के वकील की इस दलील से इनकार करते हुए कहा कि बीमा कंपनी के दावे का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।
  • बीमा कंपनी ने पहले ही बिक्री को 37 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है, इसे स्थायी क्लेम के खाते से नहीं माना जा सकता है। बीमा कंपनी को बिक्री के दावे के अनुसार ही राशि का भुगतान करना होगा।

दाखिल-खारिज में कहा गया-अधिकतम सीमा का हवाला देते हुए क्लेम को अस्वीकार कर दिया गया
महिला ने कंपनी से 44.5 लाख लाख का कीमती पत्थर का कवर लिया था। उनका विचित्र कैंसर के चौथे चरण का इलाज चल रहा था। उनके दोनों फेफड़ों में कैंसर फैल गया था। महिला कीमो और इमीनोथायरेपी चल रही थी।

महिला ने आवेदन में कहा था कि मैंने सीरिलय ली, लेकिन अधिकतम सीमा का हवाला देते हुए क्लेम देने की बात को खारिज कर दिया। महिला ने बीमा लोकपाल से भी की थी शिकायत। इलाज में खर्च हुआ 11 लाख रुपए का दावा, आंकी गई थी रकम।

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दिल्ली एचसी बोला- स्कूल में एसी का खर्च पेरेंट्स का दावा: प्रबंधन पर आर्थिक बोझ नहीं डाला जा सकता, यह सुविधा लैब-स्मार्ट क्लास की तरह

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि स्कूल में एयर कंडीशनिंग (एसी) का खर्चा वहां पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को उठाना होगा। बच्चों के लिए AC की सुविधा। इसलिए, इसका इकोनोमिक पावर प्लांट अकेले स्ट्रेंथ स्कूल में नहीं डाला जा सकता है।

कोर्ट ने 2 मई को एक पेरेंट्स की याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह टिप्पणी की। पीएस अरोड़ा की बेंच ने कहा कि एसी का चार्ज लैबोरेटरी और स्मार्ट क्लास के लिए दी जाने वाली फीस की तरह है। पूरी खबर पढ़ें…

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