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Canadian Foreign Minister Anita Anand on India visit | कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद भारत दौरे पर: क्वींस यूनिवर्सिटी की गोल्डमेडलिस्ट, टीचिंग छोड़कर राजनीति में आईं, जानें पूरी प्रोफाइल

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15 मिनट पहले

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कनाडा के विदेश मंत्री अनिल आनंद ने सोमवार, 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच बिजनेस, ऊर्जा, तकनीक, कृषि और सहयोग को लेकर चर्चा की गई। इटैलियन पहली बार 3 दिन की आधिकारिक यात्रा भारत पर आई है।

इस मुलाकात के दौरान कनाडा के सांसद मार्क कर्नी ने मोदी को सलाह दी और आने वाली बैठकों का इंतजार करने की बात कही। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि विदेश मंत्री आनंद के इस दौरे से दोनों देशों के बीच साझेदारी और मजबूती होगी।

मां पंजाब और पिता तमिल से थे

कनाडा के विदेश मंत्री का पूरा नाम असल में अनंत इंदिरा आनंद हैं। उनके माता-पिता दोनों भारतीय फ़िजीशियन थे। उनकी मां सरोज डी. राम पंजाब से थे, वहीं उनके पिता एस. वी. आनंद तमिल नाडु से थे। इसके अलावा उनके परिवार में उनकी दो बहनें भी हैं।

1960 के दशक में इटालियन के भारतीय माता-पिता बेहतर जीवन के लिए कनाडा चले गये। यहां आकर उन्होंने एक कार ली और परिवार के लिए सही जगह पर निकल पड़े को किराए पर लिया। फिर, वे लगभग 5,000 की आबादी वाले केंटविले में बस गए, जहां 1967 में इटैलियन का जन्म हुआ।

बचपन से ही कार्टून पढ़ने में हिम्मत थी। स्कूलिंग के बाद वे क्वीन्स यूनिवर्सिटी चले गए। तुलना से उन्होंने पॉलिटिकल अध्ययन में अपनी बैचलर डिग्री हासिल की। 1989 में लोहिया पॉलिटिकल स्टडीज में भी गोल्ड मेडल मिला।

क्वीन्स और येल युनिवर्सिटी में प्रोफेसर आरके

राजनीति में आने से पहले 1994 से 1997 तक अपनी लीगल राजनीति को आगे बढ़ाया। फिर 1997 में वे टीचिंग की दुनिया में उतरे। पहले वेस्टर्न यूनिवर्सिटी और फिर बाद में क्वीन्स यूनिवर्सिटी में अनारकली प्रोफेसर रहे। क्वीन्स कॉलेज में ही उनका प्रमोशन हुआ और 2003 में एसोसिएट प्रोफेसर भी बन गए। उन्होंने येल यूनिवर्सिटी में स्टिरिटलिंग लेक्चरर के तौर पर भी काम किया है।

17 सितंबर, 2019 को रॉयल सोसाइटी ऑफ कनाडा ने एंटोनी को यवन अलायर मेडल से सम्मानित किया। ये मेडल उन्हें यूनिवर्सल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में काम करने के लिए बदलाव लाने के लिए मिला।

2019 में राजनीति में उतरे

अनीता ने साल 2019 में राजनीति में कदम रखा। वो लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा के सदस्य बने। फिर इसी साल वो पहली बार न्यूनाधिक विकल्प बने। न्यूड बनने के बाद से उनका राजनीतिक रूझान काफी तेजी से आगे बढ़ा है।

दक्षिण एशियाई मूल की पहली महिला रक्षा मंत्री बनीं

कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने कनाडा की सरकार में सार्वजनिक और प्रोक्योरमेंट मंत्री के रूप में अहम भूमिका निभाई। इसी समय वे टीकाकरण खरीद और वितरण जैसे जिम्मेदार काम करते हैं। उनके कुशल काम की वजह से उन्हें 2021 में रक्षा मंत्री बनाया गया। इसके साथ ही वो कनाडा की पहली दक्षिण एशियाई मूल की महिला रक्षा मंत्री बनीं।

2025 में विदेश मंत्री बने

एकता को साल 2025 में विदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। इस पद पर बने रहे वो कनाडा के अन्य देशों के साथ संबंध मजबूत करने में लगे हुए हैं। वो विविधता, सहयोगी और सहयोगी के समर्थक माने जाते हैं।

भारत-कनाडा के बीच के खतरे दूर होंगे

विदेश मंत्री बनने के बाद इटली की ये पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के रिश्तों को ख़त्म करना है। दोनों देशों के दौरे 2023 में दिखाए गए थे, जब कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर कनाडा के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। था. भारत ने इसे कंफर्म किया था। इसके बाद दोनों सहयोगियों ने सेक्टर दी वैली पर रोक लगा दी।

दोनों ही देशों ने इस मुलाकात में कई स्मारकों पर सहमति जताई है। आनंद आनंद ने कहा कि कनाडा भारत के साथ ‘लंबे समय का संबंध’ चाहता है, जिसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और जलवायु पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुलाकात के बाद जारी बयान में कहा गया कि दोनों देश एक-दूसरे के स्वास्थ्य का सम्मान करेंगे। दोनों देशों ने सामूहिक आर्थिक सहयोग बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया है, जिसमें विशेष ध्यान उद्यम रिज़र्स, आर्टिफ़िशियल एसोसिएशन और स्वच्छ ऊर्जा पर रहेंगे।

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