श्री दिगंबर जैन तीर्थ चंद्रगिरि डोंगरगढ़ जिला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ में महासमाधि धारक परम पूज्य
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित एवं परम पूज्य
आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज एवं आर्यिका श्री आदर्श मति माताजी ,आर्यिका श्रीसंवर मति माताजी ,आर्यिका श्री विनीत मति माताजी , एवं ब्रह्मचारी मनोज भैया जी जबलपुर के निर्देशन में

17नवंबर 2025 को मांगलिया क्रियाये संपन्न हुई,
मुनि संघ ने प्रतिभा स्थली, समाधि स्थल ,हथकरघा परिसर का अवलोकन किया,
, इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भावसागर जी महाराज ने कहा कि पंच नमस्कार मंत्र के प्रभाव से सभी सिद्धियां हासिल हो जाती हैं,इस मंत्र से शाश्वत पद की प्राप्ति होती है, श्रीफल चढ़ाने से एक राज्य की प्राप्ति होती है प्रतिदिन भगवान को श्रीफल चढ़ाना चाहिए नहीं चढ़ा सकते हैं प्रतिदिन तो, सप्ताह में, महीने में भी चढ़ा सकते हैं, प्रभु के यहां कभी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए ,भगवान को जितना चढाते हैं उससे कहीं ज्यादा पाते हैं ,फल चढ़ाने से मोक्ष फल की प्राप्ति होती कमेटीनेबताया कि,18 नवंबर को प्रातः 8बजे से
समाधिस्थ परम पूज्य
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरण चिह्न की प्रतिष्ठा होगी फिर
दोपहर 1 बजे से
दुनिया का प्रथम आयोजन होगा जिसमें
आचार्य श्री की विशेष 36 भाषाओं में पूजन, आचार्य छत्तीसी महाविधान, मुनि श्री,आर्यिकाश्री के प्रवचनहोगे
*एक शाम गुरुवर के नाम*
*भजन संध्या एवं महाआरती* रात्रि 8बजे से होगी ,
छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ मूल गुणधारी आचार्य परमेष्ठी का महाविधान प्रथम बार नए तरीके से संपन्न होगा,
36 विशेष माडने पर विधान होगा,
36 प्रकार की विशेष स्वर्ण, रजत , रतन,की द्रव्य रहेगी
धान के कटोरे के36 प्रकार के चावल रहेंगे,
36 फीट का विश्व का प्रथम माडना होगा जिस पर भारत के प्रत्येक समाज के व्यक्ति 36श्रीफल अर्पण करेंगे,
हथकरघा की पूजन की अलग-अलग रंगों में विशेष वेशभूषा होगी, इस कार्यक्रम में भारत के कई नगरों से लोग शामिल होंगे
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