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ब्रिटिश विद्वान फ्रांसेस्का ओरसिनी को 20 अक्टूबर की देर रात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया। उनके भारत में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। सरकारी ऑफिशियल्स के मुताबिक, उन्हें मार्च 2025 से ‘ब्लैकलिस्ट’ किया गया था।
वजीर के आश्रम में प्रवेश नहीं मिला
ओरसिनी हिंदी और भारतीय साहित्य को समझने के लिए बार-बार भारत आती रहती है। इसी तरह वो हांगकांग से भारत की यात्रा के लिए। हालाँकि उन्हें IGI एयरपोर्ट पर ही रोक लगा दी गई।
सरकारी आधिकारिक के अनुसार, ओरसिनी टूरिस्ट जादूगर भारत आए थे, लेकिन उन्होंने चमत्कार का उल्लंघन किया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ओरसिनी का कहना है कि उनके पास मयारी स्वामी थे, फिर भी उन्हें भारत में प्रवेश नहीं दिया गया।
हालाँकि, ओरसिनी ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत के दौरान बताया कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है, कोई कारण नहीं बताया गया है। बस इतना पता है कि भारत से उन्हें वापस भेजा जा रहा है।
हांगकांग वापस भेज दिया गया
ओरसिनी लंदन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (एसओएएस) में प्रोफेसर एमेरिटा हैं। वो हांगकांग से भारत आई थी, लेकिन वापस उन्हें हांगकांग भेज दिया गया।

फ्रांसेस्का ओरसिनी मूल रूप से इटली के विद्वान हैं, जो दक्षिण एशियाई साहित्य, विशेष रूप से हिंदी और अरबी साहित्य के विद्वान हैं।
पीएचडी थीसिस पुस्तक के रूप में छपी
ओरसिनी ने स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज (एसओएएस) से अपनी पीएचडी कंप्लीट की। उनकी पीएचडी शोध थीसिस के बाद पुस्तक के रूप में छपी।
का नाम है- द हिंदी पब्लिक स्फेयर, 1920-1940: लैंग्वेज एंड लिट्रेचर इन बुक द एज ऑफ नेशनलिज्म (द हिंदी पब्लिक स्फीयर, 1920-1940: लैंग्वेज एंड लिटरेचर इन द एज ऑफ नेशनलिज्म)। इसमें उन्होंने दिखाया है कि आज़ादी के दौर में साहित्य और राष्ट्र के बीच किस तरह का रिश्ता बना।

‘डी हिंदी पब्लिक स्टोर, 1920-1940: लैंग्वेज एंड लिटचर इन द एज ऑफ नेशनलिज्म’ पुस्तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा वर्ष 2002 में छपी।
हार्वर्ड समेत कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाई होती है
2013-14 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के रैडक्लिफ इंस्टीट्यूट में फेलो रंक। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया में भी स्टोनसिल्वेनिया के प्रोफेसर के रूप में काम किया। फिर 2017 में उन्हें ब्रिटिश अकादमी (एफबीए) का फेलो चुना गया।
ओरसिनी ने हिंदी और उर्दू साहित्य पर कई किताबें लिखी हैं। इनमें से 2 प्रमुख हैं –
- 2009 में पोपी प्रिंट एंड प्लेजर: प्रतिष्ठित साहित्यकार और मनोरंजक फिक्शन्स इन कोलोनियल नॉर्थ इंडिया (प्रिंट एंड प्लेजर: पॉपुलर लिटरेचर एंड एंटरटेनिंग फिक्शन्स इन कोलोनियल नॉर्थ इंडिया)
- 2009 में चैपी ईस्ट ऑफ दिल्ली: मल्टीलिंगुअल लिटरेरी कलचर एंड वर्ल्ड लिट्रेचर (ईस्ट ऑफ दिल्ली: मल्टीलिंगुअल लिटररी कल्चर एंड वर्ल्ड लिटरेचर)

2020 में उन्होंने डॉ. बी.आर. कॉमम यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत पर व्याख्यान दिया गया था।
पति कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर
ओरसिनी की शादी 1998 में एक ब्रिटिश जापान कॉन्स्टिशन पीटर कोर्निकी से हुई। पीटर एक इतालवी नागरिक हैं और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एमेरिटस प्रोफेसर हैं।
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