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- अरविंदर सिंह लवली बीजेपी ज्वाइनिंग अपडेट; अमित मलिक | लोकसभा चुनाव
नई दिल्ली6 मिनट पहले
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अरविंदर लवली के अलावा कांग्रेस के 4 नेता भी अपने साथ बीजेपी में शामिल हो गए।
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली शनिवार को भाजपा में शामिल हुए। 6 दिन पहले यानी 28 अप्रैल को उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ा था। उन्होंने तब कहा था कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा। लवली के साथ नीरज बसोया, राजकुमार चौहान, भाग्य सिंह और अमित आमिर भी भाजपा में शामिल हुए।
अरविंदर सिंह लवली की बीजेपी में यह दूसरी पारी है। लवली 7 साल पहले 18 अप्रैल 2017 को भी कांग्रेस ने बीजेपी को खत्म कर दिया था। हालाँकि, 10 महीने बाद ही वे 17 फरवरी 2018 को वापस कांग्रेस में शामिल हो गए। 31 अगस्त 2023 को लवली को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
28 अप्रैल को मल्लिकार्जुन खड़गे पर 4 पेज की चिठ्ठी रिकॉर्डिंग पार्टी के प्रभारी पर मठ बनाने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे ब्लॉक अध्यक्ष तक नियुक्त करने का अधिकार नहीं है। इसके अलावा लवली ने आप से गठबंधन पर भी ऐतराज बज़्ज़ा रखा था।
लवली ने अपनी चिट्ठी में लिखा- दिल्ली कांग्रेस यूनिट उस पार्टी के गठबंधन के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी के कातिल, मानगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण गठन के आरोप पर आधारित थी। इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है।
लवली की हत्या के बाद कांग्रेस ने 30 अप्रैल को मेमोरियल यादव को दिल्ली इकाई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
दिल्ली की 7 कॉमन्स में से 4 पर आप, 3 पर कांग्रेस लड़कियाँ रही

दिल्ली में जॉन के 7 दर्शनीय स्थल हैं। गठबंधन के तहत आप में से 4 और कांग्रेस 3 प्राइमरी चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने निरंजन चौक से उत्तर-पूर्व दिल्ली से डॉयचे कुमार और उत्तर-पश्चिम दिल्ली से उदित राज को मैदान में उतारा है। दिल्ली में 25 मई को छठे चरण में वोटिंग होगी।
2019 में बीजेपी ने सातों पूजनोत्सव का आयोजन किया

2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली में बीजेपी ने सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी के सहयोगी दल को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले, जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर और आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर खिसक गयी.
त्रिकोणीय गुट में भाजपा हर सीट पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से बड़े गुट के अंतर से आगे रही थी। बीजेपी को 56 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. जबकि कांग्रेस को 22.5 प्रतिशत और आप को 18.1 प्रतिशत वोट मिले थे। 2014 में बीजेपी को 46.4 फ़ीसदी वोट मिले थे।