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दिल्ली की सत्र अदालत ने आज, 19 नवंबर को अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जवाद अहमद शेखावत को 13 दिनों के लिए ईडी की कस्टडी में भेज दिया है।
इससे पहले मंगलवार शाम को ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग सपोर्ट एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। गिरफ़्तारी के बाद असबाब को रसेल सेशन जज शीतल चौधरी प्रधान के सामने पेश किया गया।
NAAC पर गलत दावे का आरोप
ईडी ने आरोप लगाया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि वो यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी है। साथ ही यूनिवर्सिटी ने NAAC यानी नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेड एजुकेशनल काउंसिल की रेटिंग भी गलत तरीके से पेश की है।
NAAC एक ऑटोनॉमस बॉडी है, जो देश में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स का आकलन और रेटिंग करती है। इसकी फंडिंग यूजीसी करती है।
दिल्ली शोरूम में दर्ज की गई FIR
ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के खिलाफ दिल्ली पुलिस की टीम के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि गरीब स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने गलत तरीके से लाभ के इरादे से छात्रों, जमीन और हितधारकों को धोखा देने के लिए एनएएसी की मान्यता के बारे में मूल्यांकन और मूल्यांकन के दावे किए हैं।
यूजीसी द्वारा अनुमोदित दस्तावेज़ दस्तावेज़
एफआईआर में बताया गया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12 (बी) के तहत गलत इरादे से छात्रों और आम जनता को धोखा देने का दावा किया था।
हालाँकि, यूजीसी ने कहा था कि विश्वविद्यालय केवल एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में धारा 2(एफ) के तहत शामिल है, उसने कभी भी धारा 12(बी) के तहत शामिल होने के लिए अनुमति नहीं दी है और उस परियोजना के तहत अनुदान के लिए पात्र नहीं है।

यूनिवर्सिटी ने अब तक अपनी वेबसाइट पर गलत जानकारी लिंक जारी की थी।
भट्टी के धौज गांव में बनी है यूनिवर्सिटी
अल-फलाह यूनिवर्सिटी हरियाणा के चौधरी जिले के धौज गांव में है। यह एक निजी विश्वविद्यालय है। यूनिवर्सिटी वेबसाइट के अनुसार, हरियाणा विधानसभा ने 2014 में अधिनियम संख्या 21 के तहत यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी।
यह अधिनियम हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी अधिनियम 2006 में संशोधन के बाद 2014 में लागू हुआ। विश्वविद्यालय की अधिसूचना 2 मई, 2014 को जारी हुई थी। साल 2015 में यूजीसी ने इसे जारी किया था।
अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट विश्वविद्यालय चलाता है
यह यूनिवर्सिटी अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से उपलब्ध है। यूनिवर्सिटी असिस्टेंट, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट कोर्सेज प्रदान करती है।
विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अनुसार, टॉयलेट में पहले 9 विभाग/कॉलेज संचालनकर्ता हो रहे थे। वहीं, इंप्रेशन के बाद विभागों की संख्या 5 हो गई।

यूनिवर्सिटी वेबसाइट के अनुसार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी देश की उन शुरुआती यूनिवर्सिटीज में से है जिसने 2015 में यूजीसी के निर्देशों पर चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) शुरू किया था। यानी छात्र अपनी रुचि के खाते से कोर, पोर्टफोलियो और पोर्टफोलियो-बेस्ड सब्जेक्ट्स चुन सकते हैं।
ये सुविधा दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसे प्रीमियर इंस्टीट्यूट भी अपने मित्रों को प्रदान करती है। इसी वर्ष यूनिवर्सिटी ने दो वर्षीय बीएड और एमएड कार्यक्रम भी शुरू किया है।
70 नॉकट में यूनिवर्सिटी पितॉल का प्रचार किया गया है
वैलेरी के मस्जिदों के तलहाटी में स्थित यह यूनिवर्सिटी 70 आर में बनी है। इसका पैल पूरी तरह से शांत और हरा-भरा है। यूनिवर्सिटी को ‘रैगिंग-फ्री’ और पूरी तरह से वाई-फाई से लैस करने की सलाह दी गई है।
विश्वविद्यालय में लेक्चर हॉल, लैब्स, लाइब्रेरी, कॉमर्स, स्पोर्ट्स फैसिलिटी और कैफेटेरिया सहित सभी सुविधाएं और हाईटेक सुविधाएं हैं।
अल-फलाह ट्रस्ट का अस्पताल भी है
अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के तहत एक अस्पताल, अल-फलाह हॉस्पिटल भी मौजूद है। यह 650 बेड का मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल है और आसपास के लिए बड़ी सुविधा वाला माना जाता है।

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10 नवंबर की शाम दिल्ली में हुई कार बम विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और वे घायल हो गए। भारत सरकार ने इसे आतंकवादी घटना यानी आतंकवाद अधिनियम कहा है।
कार की ड्राइविंग कर रहे व्यक्ति की पहचान डॉ. मोहम्मद उमर नबी के रूप में हुई। ये हरियाणा की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का फैकल्टी था। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी में 12 लोगों को हिरासत में लिया है। पढ़ें पूरी खबर…
