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Airtel network down | एयरटेल का नेटवर्क डाउन: ​​​​​​​फोन कॉल नहीं कर पा रहे यूजर्स, UPI ट्रांजेक्शन अटकने की भी शिकायतें

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नई दिल्ली1 मिनट पहले

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भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल का नेटवर्क सर्विस पोर्टफोलियो के कई सिद्धांत पिछले 24 घंटों से डाउन चल रहे हैं। उपभोक्ता फोन कॉल नहीं कर पा रहे हैं, मोबाइल इंटरनेट ठीक से काम नहीं कर रहा है और कुछ को तो सिग्नल ही नहीं मिल रहे हैं। कुछ उपभोक्ता ने UPI ट्रांजेक्शन अटकने की भी कमाई की है।

35% लोगों ने नो सिग्नल की रिपोर्ट दी

वेबसाइट और ऑनलाइन का रियल टाइम स्टेटस दिखाने वाले प्लेटफॉर्म प्लेटफॉर्म डिटेक्टर के अनुसार, एयरटेल की लिस्टिंग में 10 अक्टूबर शाम 7 बजे से समस्या देखने को मिल रही है। उपभोक्ता ने सोशल मीडिया पर अपनी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया।

वहीं, शाम आज (11 अक्टूबर) 6:30 बजे सबसे ज्यादा करीब 40 रिकॉर्ड की शुरुआत। फेस कर रहे करीब 9% लोग मोबाइल फोन पर परेशान हैं। 57% लोगों के मोबाइल में इंटरनेट की समस्याएँ गायब हैं। वहीं, 35% लोगों ने नो सिग्नल की रिपोर्ट दर्ज की है।

सोशल मीडिया पर नेटवर्क की तरफ से उपभोक्ताओं का गुस्सा…

एक लेखक ने लिखा, ‘आपके नेटवर्क में क्या खामियां हैं? मैं बूस्टर से बस कुछ मीटर दूर हूं, लेकिन फिर भी एक ट्वीट (एक्स पोस्ट) तक नहीं भेजा जा रहा है।’

एक और यात्री ने लिखा कि वह शुक्रवार को @Airtel_Presence नेटवर्क की समस्या को लेकर शिकायत की थी, लेकिन जवाब शनिवार की सुबह मिल सका।

दो महीने में दूसरी बार डाउनलोड हुई सेवाएं

एयरटेल की सेवाएं दो महीने में दूसरी बार डाउनलोड हुई हैं। इससे पहले 18 अगस्त को भी कई उपभोक्ताओं ने नेटवर्क, मोबाइल डेटा, नो सिग्नल और वॉयस में मुद्दों की रिकॉर्डिंग की थी। तब एयरटेल ने कहा था, ‘हम मौजूदा समय में नेटवर्क आउटेज का सामना कर रहे हैं।’ हमारी टीम इस समस्या को हल करने और पुनः आरंभ करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उपभोक्ता को हुई गड़बड़ी के लिए खेद है।’ हालाँकि, इस बार सेवाएँ प्रभावित होने के 24 घंटे बाद भी कंपनी की ओर से कोई निजीकरण नहीं आया है।

पहली तिमाही में कंपनी को ₹7,422 करोड़ का लाभ हुआ

वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को ₹7,422 करोड़ का लाभ हुआ है। अर्द्धवार्षिक आधार पर यह 57.31% बढ़ा है। अप्रैल-जून 2024 में यह ₹4,718 करोड़ रहा।

अप्रैल-जून में रेवेन्यू 28% उछाल ₹49,463 करोड़

पहली तिमाही (Q1FY2026) में कंपनी ने ऑपरेशन से 49,463 करोड़ रुपये का राजस्व जनरेट किया। पिछले वर्ष के संयंत्र में यह 28.46% अधिक है। Q1FY2025 में कंपनी ने ₹38,506 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने वाली कुल राशि रेवेन्यू होती है।

एयरटेल के होम्स बिजनेस का राजस्व 26% बढ़ा

  • एयरटेल बिजनेस: राजस्व में 7.7% की गिरावट आई। होम्स बिजनेस के राजस्व में 25.7% की वृद्धि हुई। तिमाही तिमाही में 9,39,000 नए ग्राहक जुड़े, जो टु होम और फिक्स्ड शेयर बाजार में मजबूत गति के कारण किसी भी तिमाही में सबसे ज्यादा है।
  • डिजिटल टीवी: डिजिटल टीवी के राजस्व में सकल आधार पर 1.8% की कमी आई।

टेक्नोलॉजी डेटा ग्राहक 2.13 करोड़ हुआ, तिमाही आधार पर 39 लाख बढ़ा

  • मोबाइल सेवा: मोबाइल सेवा के राजस्व में 21.6% की वृद्धि हुई है, जो ARPU में सुधार और उपकरणों की वृद्धि से प्रेरित है।
  • मोबाइल एआरपीयू ₹250 रहा, जो आंकड़ों के आधार पर वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ₹211 था। यानी एआरपीयू पर औसत आधार 18.4% बढ़ा।
  • टेक्नोलॉजी डेटा अनुपात की संख्या औसत आधार पर 2.13 करोड़ और तिमाही आधार पर 39 लाख है। यह कुल मोबाइल ग्राहक आधार का 77% है।
  • मोबाइल डेटा की रिपोर्ट का औसत आधार 21.6% महंगा है, प्रति ग्राहक मकान 26.9 जीबी/महीना है।

1995 में हुई थी भारती एयरटेल की शुरुआत

भारत सरकार ने 1992 में पहली बार मोबाइल सेवा के लिए लाइसेंस की शुरुआत की। कंपनी के संस्थापक सुनील मैथ्यू ने इस अवसर को समझाया और फ्रेंच कंपनी विवेंडी के साथ मिलकर दिल्ली और आस-पास के जिलों के लिए लाइसेंस हासिल किया। 1995 में मैथ्यूज ने भारती सेल यूनिवर्सल लिमिटेड के लिए सेल यूनिवर्सल सर्विस ऑफर करने की पेशकश की और इसके तहत एयरटेल ब्रांड बनाने का काम शुरू किया।

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