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बजाज ऑटो ने ऑस्ट्रियन बाइक निर्माता केटीएम का अब पूरा कंट्रोल हासिल कर लिया है। कंपनी ने KTM की मूल कंपनी पियरर मोबिलिटी एजी (PMAG) को खरीद लिया है। जिससे बजाज केटीएम, हस्कवर्ना और गैसगैस ब्रांड के एकमात्र मालिक बन गए हैं।
कंपनी ने बीएसई-एनएसई फाइलिंग में इस डीलर की जानकारी दी है। अब बजाज को केटीएम की रणनीति, उत्पाद और व्यवसाय पर फुल डिसिजन लेने की बिजली मिल गई है।
नागपुरशिप से ओनरशिप तक का सफर
बजाज और केटीएम की 17 साल पहले 2007 में राघवशिप हुई थी। तब बजाज ने KTM में 14.5% स्टेक बर्बाद कर दिए थे। इसके बाद 2012 में केटीएम ने भारत में एंट्री और बजाज की मदद से ड्यूक 200 लॉन्च किया। इस बाइक को भारतीय बाजार में अच्छा रिस्पांस मिला। इस बाइक की लाखों यूनिट्स बिकी और KTM को भारत में पसंदीदा बना दिया।
धीरे-धीरे केटीएम में बजाज का स्टेक बढ़ता गया, 2020 में ये 48% हो गया और अगले ही साल 49.9% तक पहुंच गया। हाल के पुराने में केटीएम को नरसंहार क्राइसिस का सामना करना पड़ा। कंपनी मोटोजेप बाइक्स की वडोदरा तक पर जबरदस्ती हो गई थी।
ऐसे में बजाज ने केटीएम के ऑपरेशन्स को सपोर्ट दिया। आज बजाज ऑटो इंटरनेशनल होल्डिंग्स बीवी (बीएआईएचबीवी) ने पीएमएजी को खरीद लिया, जिससे बजाज को पीएमएजी में 74.9% शेयरहोल्डिंग मिल गई। अब PMAG बजाज ऑटो की सहायक कंपनी बन गई है।
बजाज ऑटो ने KTM की मूल कंपनी पियरर मोबिलिटी एजी (PMAG) को खरीद लिया है।
डिल की डिटेल्स: नाम बदला हुआ और इलेक्ट्रानिक रिज़ॉल्वर शुरू हुआ
डीआईआर के तहत पीएमएजी का नाम मायर बजाज मोबिलिटी एजी कर दिया गया है। साथ ही पियर बजाज एजी का नाम बजाज ऑटो इंटरनेशनल स्टॉक्स एजी हो गया। एफ़आईआर और बोर्ड सदस्यों में भी बदलाव किया गया है, ताकि संचालन को सुचारू तरीके से चलाया जा सके।
बजाज के सुपरस्टार राहुल बजाज ने कहा, ‘ये स्टेप लार्ज-टर्म नागपुरशिप को नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है। ‘केटीएम की स्ट्रेंथ भारत और वैश्विक बाजारों में आएगी।’ हालाँकि, मार्केटप्लेस में डील वैल्यू का ज़िक्र नहीं किया गया है, लेकिन ये साफ है कि बजाज अब KTM के फ़्यूचर पर फुल कंट्रोल रखेगा।
भारतीय बाजार में केटीएम की बिक्री में नया उछाल आएगा
भारतीय टू-आचार्य संस्थान में ये डिलर गेम चांगर साबित हो सकता है। केटीएम की ड्यूक और एडवेंचर सीरीज जैसी प्रीमियम बाइक्स पहले से ही युवाओं में पसंदीदा हैं। बजाज की मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रेंथ और केटीएम की टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन से अब नए मॉडल जल्द ही लॉन्च हो जाएंगे।
केटीएम को भारत में बजाज ने ही रीच दी थी। पहले ये बाइकें सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित थीं, लेकिन बजाज के नेटवर्क से ये छोटे शहरों और कश्मीर तक पहुंच गईं। इसका फैन बेस भी काफी बढ़ा हुआ है। ग्लोबली बजाज को KTM की रिसर्च डेटा से फ़ायदा होगा, जो अपनी बाइक्स को इम्प्रेस करने में मदद करेगा। स्टूडेंट्स का मानना है कि ये मूव भारतीय बाइक इंडस्ट्री को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाएगा।

बजाज और केटीएम की 17 साल पहले 2007 में राघवशिप हुई थी।
भविष्य के प्लान: रिकॉल से चमकेगा केटीएम का भविष्य
अभी से ही बजाज ने केटीएम के इम्प्रूवमेंट और ऑरेशंस में रिबाइकिंग शुरू कर दी है। कंपनी का फोकस अब प्रोडक्ट्स इनोवेशन पर रहेगा। विशेष रूप से इलेक्ट्रिक और हाई-परफॉर्मेंस बाइक कंपनी पर काम करते हैं। केटीएम के मोटो जेपी प्रोजेक्ट्स को भी रिवाइव करने के लिए कंपनी चल रही है।
बजाज के एमडी राजीव बजाज ने कहा, ‘हम केटीएम को नई कीमत पर ले जाएंगे। ‘ये सिर्फ बिजनेस डील नहीं है, बल्कि दो कंपनियों के फ्रैगमेंट हैं जो ग्लोबल मार्केट में बदलाव कर देंगे।’ आने वाले महीनों में नए लॉन्च और एक्सपेंशन प्लान की घोषणा हो सकती है। कुल मिलाकर ये नागारलशिप अब फुल ऑनरशिप में बदल गई है, जो दोनों कंपनियों के लिए ब्राइटर फ्यूचर का संकेत दे रही है।
