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- दिल्ली लाल किला ब्लास्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीरी छात्रों ने लगाया दुर्व्यवहार का आरोप
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‘दिल्ली शहीला सीता के बाद से कॅशमीरी छात्रों को ‘सार्वजनिक’ में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। जहां कुछ डॉक्युमेंट्री स्टूडेंट्स को डेटरीया तराजू ने राशन देने से मना कर दिया, वहीं कुछ को ससपेंड भी किया जा रहा है।’
जम्मू-कासमीयर मार्टियटूडेंट्स एसोसिएशन यानी जेकेएसए ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस का आयोजन कर ये बात कही।
एक छात्रा ने कहा कि उसके परिवार पर ‘आतंकी संबंध’ के आरोप लगने के बाद उसके परिवार पर ‘आतंकी संबंध’ का आरोप लगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के नॉर्थ पेट्रोलियम के एक कॉलेज में पढ़ने वाले डॉक्यूमेंट्री में बताया गया कि 10 नवंबर की घटना के बाद जब वह वहां गया, तो किसी ने चिल्लाकर कहा- ‘तुम्हारी बेटी से कहो कि उग्रता बंद कर दो।’

जम्मू-कासमीयर मार्टियटूडेंट्स एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेस की नेशनल एसोसिएशन ऑफ नेशनल एसोसिएशन ऑफ आर्ट्स में दाखिला लिया।
मूल रूप से इसके अपराधी के रहने वाले डेंटिस्ट ने कहा, ‘मैं इस घटना की निंदा करता हूं, लेकिन सजा मुझे क्यों मिली? मैं अपना घर यहां पढ़ने आया हूं।’
19 साल के छात्र ने बताया कि यह पहली बार नहीं है। पिछले साल पहलगाम की घटना के बाद उन्हें भी ऐसे ही सुनने पड़े थे। कुछ दिनों तक कमरे से बाहर निकलना भी मुश्किल होता है, और जब भी बाहर जाता है तो उसे खतरा महसूस होता है।
उन्होंने कहा, ‘जब मैंने इस हफ्ते खाना खाया तो किसी ने पूछा कि मैं कहां गई हूं।’ मैंने कहा पंजाब। अपनी पहचान मुझे बिना प्रेमिका छुपनी पड़ रही है।’
सहकर्मियों ने दूध देने से मना कर दिया- DU मेमोरियलटूडेंट
अनंत की रहने वाली 20 साल की डीयू मेडिकल स्टूडेंट ने कहा कि पिस्सू परिवार चुप रहना, भीड़ से दूर रहना और हिजाब ना की सलाह देती है। स्कूटर ने बताया, ‘धमाके के अगले दिन मैं नॉर्थ पेट्रोलियम में दूध ले गया। दिग्गज टीवी पर खूबसूरत की खबर देख रही थी। उन्होंने मुझे देखकर कहा कि वह किसी भी अभिनेत्री का सामान नहीं बेचतीं।’
‘मुझे एहसास हुआ है कि लोग हमें एक खास नजर से देखते हैं। ‘कॉलेज में मेरे बास्केटबॉल मॉस्को हैं कि मैं अपने बैग में पत्थर या एके-47 लेकर घूमता हूं।’
डीयू के एक और रेस्टोरेन्ट आर्किटेक्ट ने बताया, ‘हम स्टूडेंट में बैठे परीक्षा के बाद घर जाने की बात कर रहे थे। तभी मेरी एक जूनियर बोली- घर चले जाओ न तो तुम हम सब लोग दोगी।’ मैं हिजाब पोशाकती हूं जिसकी वजह से पायल के बाहरी नजारे और ज्वालामुखी बने हुए हैं। मेट्रो में लोग लगातार घूमते रहते हैं। इसके बावजूद मैं पब्लिक प्लेयर्स को पसंद करता हूं, ये पैदल यात्री से सुरक्षित लगता है।’

जेकेएसए के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी (दाने) ने पीएम मोदी से मदद की अपील की है।
12 नवंबर से डीयू में सुरक्षा व्यवस्था
12 नवंबर को प्रोक्टोरियल बोर्ड की बैठक के बाद डीयू ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। उद्यमों और दस्तावेजों की विस्तृत जांच और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। हालाँकि, यूनिवर्सिटी ने जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा का ज़िक्र नहीं किया है।
जेकेएसए ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के बाद कई उत्तरी राज्यों में मैथ्यू स्टूडेंट्स को ‘निकले जाने और डराने-धमकाने’ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप कर समुदाय को ‘बदनाम करने की प्रक्रिया’ को रोकने की अपील की।
जेकेएसए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नासिर खुएहामी ने कहा, ‘कश्मीरी छात्र भारत के लोकतंत्र और बुनियादी ढांचे पर विश्वास रखते हैं, पर नहीं।’ लेकिन कई राज्यों में उन्हें स्थानीय और लोक अधिकारियों द्वारा प्रोफाइल किया जा रहा है और बदनाम किया जा रहा है।’
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