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98 IIT and NIT students committed suicide in 8 years Surpeme Court Warns IITs IIMs to Join Suicide Survey or Face Adverse Order | 8 साल में 98 IIT-NIT स्‍टूडेंट्स ने सुसाइड किया: फिर भी SC की जांच में 57 हजार इंस्टीट्यूट्स नहीं कर रहे सहयोग

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  • 8 साल में 98 आईआईटी और एनआईटी छात्रों ने आत्महत्या की सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी, आईआईएम को आत्महत्या सर्वेक्षण में शामिल होने या प्रतिकूल आदेश भुगतने की चेतावनी दी
7 मिनट पहले

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2018 से 2025 तक देश के बड़े शिक्षण संस्थानों में करीब 98 छात्रों ने आत्महत्या की है। इनमें 39 आईआईटी, 25 एनआईटी, 25 सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 4 आईआईएम शामिल थे। ग्रेजुएट डॉयंट्स डेंटिस्ट्स असाइमेंट परमोटिव्स स्मारक लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें इस एजेंसी का कारण पता करने के लिए सर्वे करने की बात कही गई थी।

समिति ने सर्वोच्च न्यायालय को दी गई जानकारी में कहा है कि अधिकांश शैक्षणिक संस्थान इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। समिति द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण में देश के 57,000 से अधिक वैज्ञानिक संस्थान सहयोग नहीं कर रहे हैं, जिनमें अधिकतर आईआईटी, आईआईएम, एम्स और एनआईटी शामिल हैं।

3,500 ने उत्तर दिया; 57,000 ने उत्तर नहीं भेजा

कोर्ट सुप्रीमो ने इस अनाकर्षक पर अनायास की मूर्ति बनाई है। वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच को बताया गया कि चार बार रिमाइंडर प्रेषण के लिए सर्वेक्षण के बावजूद 17 आईआईटी, 15 आईआईएम, 16 एम्स और 24 एनआईटी ने कोई जवाब नहीं दिया। अब तक केवल करीब 3,500 अभ्यर्थियों ने सर्वे का जवाब दिया है।

बेंच ने कहा, ‘ये पूरा प्रयास छात्रों के हित में किया जा रहा है। सभी आवेदकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस काम में पूरी सहायता और सहायता लें, ताकि राष्ट्रीय कार्य बल अपनी रिपोर्ट तैयार कर सकें।’

बेंच ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया, ‘हम केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस मुद्दे को बहुत चुनिंदा से ले लें और सभी संभावनाओं को इस सर्वेक्षण में सहयोग करने के लिए प्रेरित करें। करे।’

कोर्ट ने कहा, ‘हम दोनों को एक आखिरी मौका दे रहे हैं।’ यदि उन्होंने सहायता नहीं की है, तो हमें ऐसे ऑर्डर इमेज पोस्ट कर सकते हैं जो उन्हें पसंद नहीं आएगा और उनके अनुयायियों को भी गलत तरीके से प्रभावित करेगा।’

कोर्ट ने निर्देशात्मक जज देव भट्ट की देखरेख में टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें मनोचिकित्सक, बेस्टल साइकोलॉजी स्टार्स, और शिक्षा नीति के विशेषज्ञ शामिल हैं। टास्क फोर्स का उद्देश्य छात्रों में आत्महत्या के आरोपियों की पहचान करना और उन्हें रोकने का तरीका सुझाना है।

मार्च में कोर्ट ने टास्क फोर्स बनाने का आदेश दिया था

सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मार्च में छात्रों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और आत्महत्या की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ‘राष्ट्रीय कार्य बल’ (एनटीएफ) बनाने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटीज न केवल लर्निंग सेंटर, बल्कि छात्रों के कल्याण और विकास के लिए जिम्मेदार संस्थान की भूमिका भी निभाएं।

13,000 से अधिक छात्रों ने की आत्महत्या – एनसीआरबी रिपोर्ट

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानि NCRB 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, 13,000 से ज्यादा छात्रों ने आत्महत्या की, जो पिछले दशक की तुलना में लगभग दोगुना है। 2022 के आंकड़ों में आत्महत्या में 7.6% सक्सेसफुल छात्र शामिल थे, जिनमें 1.2% मामले अमीर या पेशेवर थे और 1.2% परीक्षा में शामिल रहे।

10 साल से लगातार बढ़ रहे मेडिकलटूडेंट्स की मौत

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी की टॉयलेट रिपोर्ट के, साल 2023 में 13,892 लोगों को शहीद कर दिया गया। ये पात्र पिछले दस साल में सबसे ज्यादा है। 2023 में हुई आत्महत्याओं में 8.1% लोगों ने की थी आत्महत्या।

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