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SpaceX Starship Rocket Launch LIVE Photos Video Updates | Elon Musk | दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट: बोका चिका से लॉन्च किया गया रॉकेट; बूस्टर की पानी में लैंडिंग कराई गई

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टेक्सासकुछ ही क्षण पहले

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दुनिया के सबसे मशहूर रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट मंगलवार (14 अक्टूबर) को होने वाला है। रॉकेट को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया।

ये टेस्ट 1 घंटा 6 मिनट का है। स्टारशिप फ्लाइट 11 का सबसे अहम मकसद नेक्स्ट जेनरेशन सुपर हेवी बूस्टर के लिए डेटा कलेक्ट करना, हिटशील्ड का स्ट्रेस टेस्ट और फ्यूचर रिटर्न टू लॉन्च की गई साइट मैन्यूवर्स का प्रदर्शन है।

दुनिया की सबसे अमीर कंपनी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने यह डिज़ाइन बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट (ऊपरी भाग) और सुपर हैवी बूस्टर (निचला भाग) को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इस बंगले की ऊंचाई 403 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूज़ेबल है।

मिशन का उद्देश्य: आवश्यक प्रयोग कर डेटा प्रौद्योगिकी

  • अगले जेनरेशन सुपर हेवी बूस्टर के लिए डेटा कलेक्ट करना: फ़्लाइट प्रयोगों से अगली पीढ़ी के बूस्टर के लिए आवश्यक जानकारी एकत्रित की जाएगी।
  • स्टारशिप के हीटशिल्ड को स्ट्रेस टेस्ट करना: ऑउंस के वैलनर एनाल एरियाज का परीक्षण करने के लिए कुछ टाइलें हटा दी गई हैं, विशेष रूप से जहां कोई लेक्चर नहीं है।
  • फ्यूचर रिटर्न्स टू ने मेन्यूवर्स शो के लिए साइट लॉन्च की: ऊपरी स्टेज के फाइनल अप्रोच को मिमिक करने वाले मैन्युवर्स, जैसे कि नेड मॉनिटर और सबसोनिक गाइडेंस म्यूजिक्स का टेस्ट।
  • बूस्टर के लिए यूनिक माउंट बर्न इंजन कॉन्फ़िगरेशन: 13 इंजनों से 5 इंजनों को शिफ्ट पर शुरू किया गया, फिर 3 इंजनों को रिडेंसी टेस्ट के लिए V3 सुपर हेवी से शुरू किया गया।
  • स्टार लिंक सिम्बॉलर्स डिप्लोयमेंट: 8 सिम्बलर्स ने लॉन्च किया, जो अगले-जनवरी उपग्रहों के आकार के हैं और डिमाइजहोग पर प्रवेश करते हैं।

10वां टेस्ट: पहली बार आठवां डेमी सैटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़ा

स्टारशिप का 10वां टेस्ट रविवार (27 अगस्त) को किया गया, जो सफल रहा। रॉकेट को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया।

ये टेस्ट 1 घंटा 6 मिनट का था. इस मिशन में स्टार लिंक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने से लेकर इंजन को चालू करने की तरह सभी ऑब्जेक्टिव को पूरा किया गया।

स्टार लिंक सैटेलाइट सैटेलाइट के डेमी हैं। इसमें प्रयुक्त स्टारशिप की सैटेलाइट डिप्लोयमेंट क्षमता को परखने के लिए उपयोग किया जाता है।

मिशन में पहली बार आठ स्टार लिंक सिम्युलेटर डिप्लॉय किया गया।

मिशन में पहली बार आठ स्टार लिंक सिम्युलेटर डिप्लॉय किया गया।

स्टारशिप की पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश के दौरान 26,000 किलोमीटर प्रति घंटा था।

स्टारशिप की पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश के दौरान 26,000 किलोमीटर प्रति घंटा था।

स्टारशिप के ऊपरी हिस्सों की भारतीय ओशन में कंट्रोल्ड वॉटर-लैंडिंग की गई।

स्टारशिप के ऊपरी हिस्सों की भारतीय ओशन में कंट्रोल्ड वॉटर-लैंडिंग की गई।

29 जून को स्टारशिप में विस्फोट हो गया था

इससे पहले ये टेस्ट 29 जून को हुआ था, लेकिन स्टेटिक फायर टेस्ट के दौरान स्टारशिप में ब्लास्ट हो गया था। इस टेस्ट में रॉकेट को जमीन पर ले जाकर उसके इंजन को चालू किया जाता है, ताकि लॉन्च से पहले सब कुछ ठीक हो, ये चेक किया जा सके। परीक्षण के दौरान रॉकेट के ऊपरी हिस्से में अचानक विस्फोट हो गया। देखते ही देखते पूरा डिजाइन आग के गोले में बदल गया।

रॉकेट के ऊपरी हिस्से में, जहाँ फ़्यूल टैंक मौजूद हैं, अचानक विस्फोट हो गया। देखते ही देखते पूरा डिजाइन आग के गोले में बदल गया।

रॉकेट के ऊपरी हिस्से में, जहाँ फ़्यूल टैंक मौजूद हैं, अचानक विस्फोट हो गया। देखते ही देखते पूरा डिजाइन आग के गोले में बदल गया।

नौवां परीक्षण: बूस्टर लैंड हो गया था, लेकिन जहाज ने नियंत्रण खो दिया

28 मई 2025 को 9वें टेस्ट में लॉन्चिंग के करीब 30 मिनट बाद स्टारशिप ने कंट्रोल खो दिया था, जिसकी वजह से पृथ्वी के पर्यावरण में एंटर करने पर ये धमाका हुआ था।

ऐसा लगातार तीसरी बार हुआ था जब स्टारशिप स्काई ही नष्ट हो गया था। हालाँकि, बूस्टर ने अमेरिका की खाड़ी में हार्ड लैंडिंग की।

इलॉन मस्क स्टारशिप के 9वें फ़्लाइट टेस्ट के दौरान कंट्रोल रूम में बैठे रहे।

इलॉन मस्क स्टारशिप के 9वें फ़्लाइट टेस्ट के दौरान कंट्रोल रूम में बैठे रहे।

आठवां परीक्षण: बूस्टर लैंड तो हो गया था, लेकिन जहाज में विस्फोट हो गया था

स्टारशिप का आठवां टेस्ट भारतीय समय पर 7 मार्च को हुआ था। लॉन्चिंग के 7 मिनट बाद बूस्टर (निचला भाग) अलग से वापस लॉन्च किया गया पैड पर आ गया।

लेकिन 8 मिनट बाद जहाज (ऊपरी भाग) के छह इंजनों में से 4 काम करना बंद कर दिया जिससे जहाज ने नियंत्रण खो दिया।

इसके बाद ऑटोमेटेड एबॉर्ट सिस्टम ने जहाज में विस्फोट कर दिया। मियामी, ऑरलैंडो, पाम बीच और फ़ोर्ट लॉडरडेल के हवाई जहाज़ों की उड़ानें प्रभावित हुईं।

मैक्सिकन परीक्षण में इंजन बंद होने के बाद स्टारशिप के ऊपरी हिस्से में विस्फोट हो गया था। सोशल मीडिया पर ये वीडियो शेयर किए गए थे.

मैक्सिकन परीक्षण में इंजन बंद होने के बाद स्टारशिप के ऊपरी हिस्से में विस्फोट हो गया था। सोशल मीडिया पर ये वीडियो शेयर किए गए थे.

सातवां टेस्ट: बूस्टर वापस आया; लेकिन अंतरिक्ष यान आकाश में ही विस्फोट हो गया

17 जनवरी 2025 को भी स्टारशिप का सातवां टेस्ट पूरी तरह से सफल नहीं रहा। लॉन्चिंग के 8 मिनट बाद बूस्टर (निचला भाग) में अलग से वापस लॉन्च किया गया पैड आ गया था, लेकिन जहाज (ऊपरी भाग) में ऑक्सीजन लाइक से ब्लास्ट हो गया था।

प्रथम परीक्षण में ब्लॉस्ट के बाद जहाज के टुकड़े जमीन पर टूट गए। इलॉन मस्क ने सोशल मीडिया पर अपनी फोटो शेयर की थी.

प्रथम परीक्षण में ब्लॉस्ट के बाद जहाज के टुकड़े जमीन पर टूट गए। इलॉन मस्क ने सोशल मीडिया पर अपनी फोटो शेयर की थी.

छठा टेस्ट: लॉन्च किए गए पैड पर लैंडिंग में शामिल तो पानी पर लैंड फ्लैट, ट्रंप भी मौजूद रहे

स्टारशिप का छठा टेस्ट 20 नवंबर 2024 को दोपहर 03:30 बजे किया गया था। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी टेस्ट देखने के लिए स्टारबेस क्षेत्र थे।

इस टेस्ट में बूस्टर को लॉन्च करने के बाद लॉन्च किए गए पैड को वापस पकड़ लिया गया था, लेकिन सभी मशीनें ठीक नहीं होने के कारण इसे पानी में जमीन पर उतारने का निर्णय लिया गया।

स्टारशिप के इंजन को अंतरिक्ष में फिर से चालू किया गया। इसके बाद हिंद महासागर में प्रवेश हुआ।

20 नवंबर 2024 को स्टारशिप की छठवीं लॉन्चिंग की गई थी। टैब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी टेस्ट देखने के लिए स्टारबेस क्षेत्र थे। स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने उन्हें बचाया था।

20 नवंबर 2024 को स्टारशिप की छठवीं लॉन्चिंग की गई थी। टैब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी टेस्ट देखने के लिए स्टारबेस क्षेत्र थे। स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने उन्हें बचाया था।

सुपर हेवी बूस्टर की तरह स्टारशिप का भी पानी में कंट्रोल किया गया। इसे हिंद महासागर में लैंड किया गया।

सुपर हेवी बूस्टर की तरह स्टारशिप का भी पानी में कंट्रोल किया गया। इसे हिंद महासागर में लैंड किया गया।

पांचवां टेस्ट: पहली बार बूस्टर को लॉन्चपैड पर कैच किया गया था

स्टारशिप का पांचवां टेस्ट 13 अक्टूबर 2024 को किया गया था। इस परीक्षण में पृथ्वी से 96 किमी ऊपर भेजे गए सुपर हैवी बूस्टर को लॉन्च किया गया पर वापस लाया गया, जिसे मैकेजिला ने पकड़ लिया। मैकेज़िला टू मेटल आर्म्स जो चॉपस्टिक्स की तरह दिखाई देते हैं।

वहीं स्टारशिप की पृथ्वी के विध्वंस में री-एंट्री वॉल्स को हिंद महासागर में नियंत्रित किया गया। स्टारशिप ने जब पृथ्वी के पर्यावरण की शुरूआत की तो उसकी झील 26,000 किमी प्रति घंटा थी और तापमान 1,430 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

सुपर हैवी बूस्टर को पृथ्वी से 96 किमी ऊपर ले जाने के बाद लॉन्च किए गए साइट पर रीकैच किया गया।

सुपर हैवी बूस्टर को पृथ्वी से 96 किमी ऊपर ले जाने के बाद लॉन्च किए गए साइट पर रीकैच किया गया।

स्टारशिप की पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश के दौरान समुद्र तट प्रति घंटे 26,000 किलोमीटर चला और तापमान 1,430°C तक पहुंच गया।

स्टारशिप की पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश के दौरान समुद्र तट प्रति घंटे 26,000 किलोमीटर चला और तापमान 1,430°C तक पहुंच गया।

स्टारशिप की पृथ्वी के द्वीप में री-एंट्री फ़्लोरिडा हिंद महासागर में उतारा गया। इसे स्प्लैशडाउन कहा जाता है।

स्टारशिप की पृथ्वी के द्वीप में री-एंट्री फ़्लोरिडा हिंद महासागर में उतारा गया। इसे स्प्लैशडाउन कहा जाता है।

चौथा परीक्षण: स्टारशिप अंतरिक्ष में ले गईफिर पानी में लैंडिंग हुई

स्टारशिप का चौथा टेस्ट 6 जून 2024 को हुआ था, जो सक्सेसफुल रहा था। 1.05 घंटे के इस मिशन को बोका चिका से शाम 6.20 बजे लॉन्च किया गया था। स्टारशिप को अंतरिक्ष में ले जाया गया, फिर पृथ्वी पर पुनः पानी पर भूमि स्थापित की गई।

टेस्ट का मेन गोल यह देखना था कि स्टारशिप पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश के दौरान सर्वाइव कर पाता है या नहीं। परीक्षण के बाद कंपनी के मालिक एलन मस्क ने कहा, ‘कैस टाइल्स के नुकसान और एक डेमेज्ड फ्लैप के बावजूद स्टारशिप ने समुद्र में सॉफ्ट लैंडिंग की।’

तीसरा परीक्षण: रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क किया गया था

ये टेस्ट 14 मार्च 2024 को हुआ था. स्पेसएक्स ने बताया था कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाया, लेकिन उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं इलोन मस्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल आधी लागत वाली स्टारशिप उड़ान भरेंगे।

  • पेलोड डोर के खुलने और बंद होने के बाद स्टारशिप ने ऑर्बिट में प्रवेश किया।
  • डिज़ाइन के अंदर दो टैंकों के बीच कई टन तरल ऑक्सीजन को चलाया गया।
  • स्टारशिप की पृथ्वी के माहौल में एंट्री तो हुई, लेकिन संपर्क टूट गया।
तीसरे परीक्षण के लॉन्च के 46 मिनट बाद स्टारशिप ने पृथ्वी के माहौल में रीएंट्री की शुरुआत की, जब रॉकेट 65 किलोमीटर ऊपर था और उसका टैब संपर्क टूट गया।

तीसरे परीक्षण के लॉन्च के 46 मिनट बाद स्टारशिप ने पृथ्वी के माहौल में रीएंट्री की शुरुआत की, जब रॉकेट 65 किलोमीटर ऊपर था और उसका टैब संपर्क टूट गया।

दूसरा परीक्षण: स्टेज सेपरेशन के बाद काम शुरू हुआ

स्टारशिप का दूसरा टेस्ट 18 नवंबर 2023 को शाम करीब 6:30 बजे किया गया। लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपरवी है बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर पृथ्वी पर वापस आ गया था, लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 किलोमीटर ऊपर चला गया।

वहीं स्टारशिप प्लान के अनुसार आगे बढ़ोतरी हुई। करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 किमी ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गई, जिसके कारण उसे नष्ट करना पड़ा। इसके द्वारा फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम को नष्ट कर दिया गया।

दूसरे परीक्षण में रॉकेट और स्टारशिप को अलग करने के लिए पहली बार हॉट स्टैगिंग एस्ट्रो का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह से सक्सेसफुल रही थी। सभी 33 रैप्टर इंजन भी लॉन्च सेपरेशन तक ठीक से चालू हो गए थे।

बूस्टर को पृथ्वी पर भूमि थी, लेकिन इससे 90 किलोमीटर ऊपर तेजी से आगे बढ़ा गया

बूस्टर को पृथ्वी पर भूमि थी, लेकिन इससे 90 किलोमीटर ऊपर तेजी से आगे बढ़ा गया

पहला परीक्षण: लॉन्चिंग के 4 मिनट बाद हुआ था विस्फोट

20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल परीक्षण किया गया था। इस टेस्ट में बूस्टर 7 और शिप 24 को लॉन्च किया गया था। उड़ान की पुष्टि के 4 मिनट बाद ही मैक्सिको की खाड़ी के करीब 30 किमी ऊपर स्टारशिप में विस्फोट हो गया।

स्टारशिप के फेल होने के बाद भी इलॉनमस्क और एम्प्लॉइज खुशी मना रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि रॉकेट का लॉन्च पैड से उड़ना ही बड़ी सफलता थी। मस्क ने दो दिन पहले लॉन्चिंग में कहा था- सक्सेस शायद मिले, लेकिन एक्साइटमेंट की उपलब्धि है।

स्टारशिप की 20 अप्रैल को पहली टेस्ट उड़ान भरी थी। इसके 4 मिनट बाद मैक्सिको की खाड़ी के करीब 30 किलोमीटर ऊपर विस्फोट हुआ था।

स्टारशिप की 20 अप्रैल को पहली टेस्ट उड़ान भरी थी। इसके 4 मिनट बाद मैक्सिको की खाड़ी के करीब 30 किलोमीटर ऊपर विस्फोट हुआ था।

स्पेसएक्स ने कहा था- पृथक्करण चरण से पहले ही इसका एक हिस्सा अचानक अलग हो गया था, जबकि यह तय नहीं था। इस तरह के एक टेस्ट के साथ हम जो सिखाते हैं, हमें सफलता मिलती है। आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलेबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा। रिकॉर्ड किए गए डेटा को रिव्यू करना जारी करें और अगले फ़्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करें।

स्टारशिप सिस्टम

  • हायट: 403 फीट
  • डायमीटर: 9 मीटर
  • पेलोड कैपेसिटी: 100-150 टन

स्टारशिप क्या-क्या कर सकती है?

  • पेल्लोड स्टोर
  • चंद्रमा मिशन
  • अर्थ-तु-अर्थ लॉन्चेशन
  • इंटरप्लेनेटरी बिज़नेस

स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा

ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है, क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों के लिए इंटरप्लेनेटरी बनाया गया है। यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर कदम रखेगा। मस्क 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं। अंतरिक्ष यान इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से भी कम समय में नामांकन में भी अक्षम करेगा।

मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की क्या आवश्यकता है?

मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की जरूरत पर इलोन्मास्क कहते हैं- ‘पृथ्वी एक लाइफ एंडिंग इवेंट पर इंसान के अंत का कारण बन सकती है, लेकिन अगर हम मंगल ग्रह पर अपना बेस बनाते हैं तो वहां इंसान बन जाते हैं।’ जीवित रह सकता है।’ करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर स्टार्स का भी अंत एक लाइफ एंडिंग इवेंट के कारण हुआ था। वहीं, प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने भी 2017 में कहा था कि अगर इंसान जीवित रहना है तो उनका विस्तार 100 साल तक करना होगा।

आर्टेमिस प्रोग्राम स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट का हिस्सा है

इस मिशन का सक्सेसफुल होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम का हिस्सा है। इसके माध्यम से 5 दशक बाद चंद्रमा पर वापसी होगी। स्टारशिप मून मिशन के अंतिम चरण को पूरा करेगा। एस्ट्रोनॉट को स्पेसक्रेट से लूनर ऑर्बिट तक ले जाया गया और चंद्रमा पर भी टेकनीगा को भेजा गया।

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