कोलकाता9 घंटे पहले
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शाहजहाँ शेख को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें सीबीआई को सौंप दिया था।
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जमीन पर स्वामित्व और महिलाओं के खिलाफ अपराध (यौन शोषण) मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में गुरुवार (2 मई) को सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी उसे जांच में सहयोग नहीं दे रहे हैं। मामले में एजेंसी की जांच जारी है। ऐसे में कोर्ट एजेंसी की रिपोर्ट का खुलासा नहीं करना चाहते। क्योंकि इससे जांच पर प्रभाव पड़ सकता है।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति हिरण्यमय भट्टाचार्य की पीठ ने सीबीआई की रिपोर्ट को विश्वास बनाए रखने की अपील भी मन ली। केस की अगली सुनवाई 13 जून को होगी।
कोर्ट ने खुद के मामले की जांच करते हुए खुद पर नजर रखने की बात कही है। साथ ही कहा गया है कि यौन उत्पीड़न के पुतले में पैदा होना चाहिए। इसलिए सीबीआई की महिला अधिकारियों की एक टीम भी होगी तैनात।
न्यायालय का निर्देश- जांच में सहायता करें राज्य सरकार
जांच के दौरान सीबीआई ने कहा कि जमीन पर 900 से अधिक का आरोप है। इसलिए कोर्ट स्टेट्स को सहयोग करने के निर्देश दे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सरकार के पास कर्मचारियों की कमी है, तो अतिरिक्त कर्मचारी रखें। जो सीबीआई के साथ मिलकर काम करेंगे। कोर्ट ने 13 जून को सीबीआई को भी प्रोग्रेस रिपोर्ट सबमिट करने को कहा है।
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25 अप्रैल को सीबीआई ने पहली एफआईआर दर्ज की थी
इससे पहले 25 अप्रैल को कोलकाता एचसी के आदेश के बाद सीबीआई ने पहली एफआईआर दर्ज की थी। इसमें 5 मुख्य पुरालेखकों के नाम शामिल हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच में सी.बी.आई. को गिरफ्तार कर लिया था। उनके आदेश में कहा गया था कि सीबीआई कोर्ट की निगरानी में जांच और रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
खली की महिलाओं ने 8 फरवरी को पारंपरिक कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। केस में 3 बूबू शाह जहां शेख, शि हजारा और उत्तम सरदार 13 मई तक कस्टडी में हैं।
जांच सीबीआई ने पश्चिम बंगाल सरकार की एससी में दाखिल याचिका के खिलाफ गवाही दी
वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता हाईकोर्ट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उस 29 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। एससी ने सुनवाई के बाद जुलाई में मामले की सूची जारी की थी।
जस्टिस बीआर गंवाई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सवाल किया था कि निजी लोगों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने एक याचिका दायर की है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल को संदेशखाली केस में सीबीआई को अधिरोपित किया था। उच्च न्यायालय ने 2 मई को सुनवाई तय की थी, लेकिन इससे पहले ही ममता सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को निलंबित कर दिया था। पूरी खबर पढ़ें
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कौन है मुख्य बेघर शाहजहाँ शेख
मूल शाह जहां शेक संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में श्रमिक थे। वह भी सब्जी बेचने वाला था। फिर इकट्ठा-भट्ठे पर काम करने लगा। तुलना करें: शीट एडिटोरियल यूनियन बनाया गया। फिर सी पीएम से यात्रा। सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामलों की जमीन खिसकी तो 2012 में शाहजहाँ किशोरी कांग्रेस के दावेदार मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के दिग्गज नेता ज्योतिप्रिय शाहरूख के साझीदार पार्टी से जुड़ गए।
संदेशखाली के लोगों के अनुसार, शाहजहाँ के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, एकत्रित भठ्ठे, सैकड़ा ओक जमीन हैं। वो 2 से 4 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक है।
शेख के शेख ने ईडी की टीम पर हमला किया था
कोरोना के दौरान कथित तौर पर ईडी ने 5 जनवरी को बंगाल में 15 प्रतिशत पर छापे मारे गए थे। टीम उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां और शंकर अध्या के घर भी रेड डाली गई थी। इस दौरान उन पर टीएमसी ने नवजात पर हमला किया था। इसमें तीन अधिकारी घायल हो गए।
आरोप लगाने वाली पीड़ित महिलाओं का कहना है कि शाहजहाँ शेख ने उसे अपने हवस का शिकार बनाया था। ईडी के रेड के बाद वह बैचलर हो गई थी। करीब 55 दिन बाद 29 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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जमीन गंवाने वालों के लिए सीबीआई ने मैसेजखाली छात्रवृत्ति के लिए मेल आईडी बनाई
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कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद 11 अप्रैल को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में जमीन के स्वामित्व वाले लोगों के शिकार के लिए सीबीआई ने मेल आईडी-sandheshkhali@cbi.gov.in बनाई। सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि पीड़ित इस मेल आईडी पर अपनी शिकायत भेजेगा। राजकुमारी के आधार पर केस दर्ज किया गया। पढ़ें पूरी खबर…