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2G Spectrum Case | Supreme Court Rejects Plea Over Spectrum Without Auction | सुप्रीम कोर्ट ने कहा-स्पेक्ट्रम का बिना नीलामी आवंटन नहीं: सरकार की अर्जी नामंजूर; रजिस्ट्रार बोले- स्पष्टीकरण के नाम पर फैसले के रिव्यू की मांग गलत

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नई दिल्ली13 घंटे पहले

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सुप्रीम कोर्ट रेस्ट्रेल ने कुछ स्पेक्ट्रम की बिना नीलामी के किताबों की कॉपी देने वाली केंद्र की अर्जी मंजूर कर दी। सरकार ने 22 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जनरल के लिए याचिका दायर की थी। ये ग़लत है. विचार का कोई कारण नहीं है.

फाइल में सरकार ने 2जी मामले के फैसले को स्पष्ट करने की बात कही थी। साथ में ही कहा गया था कि 2012 के जजमेंट में कुछ सार्वजानिक प्रकाशन के अलावा अन्य माध्यमों से स्पेक्ट्रम पर रोक नहीं है।

ख़ारिज ख़ारिज ने क्यों वापस की
असली, इस आधार पर नामांकन दाखिल करना संभव नहीं है। हालाँकि, याची 15 दिन में फिर से अपील कर सकता है। यानी केंद्र के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का उपाय है। 2012 में 2जी केस के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फरवरी में सार्वजनिक विज्ञापन का टिकट सार्वजनिक रूप से खोला जाना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पेक्ट्रम में ‘पहले आओ, पहले पाओ’ का नियम रद्द कर दिया था।

केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में क्या आवेदन दिया था
केंद्र की ओर से पेश वकील जनरल आर वेंकटरमणी ने सीजेआई बीबी चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच में एक आवेदन दिया था। इस पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी।

बेंच को बताया गया था कि 2012 के जजमेंट में संशोधन की मांग की गई है, क्योंकि केंद्र सरकार कुछ मामलों में 2जी लाइसेंस लाइसेंस देना चाहती है। हालांकि, बाद में एक सूत्र में यह दावा किया गया कि सरकार 2012 के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को बदलने की मांग नहीं कर रही है।

2जी स्पेक्ट्रम केस में क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2012 को अपने फैसले में जनवरी 2008 में जनरल मिनिस्टर ए किंग के पद के दौरान अलग-अलग फर्मों को दिए गए 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस को रद्द कर दिया था।

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कांग्रेस बोली- भाजपा के पाखंड की सीमा नहीं

कांग्रेस ने केंद्र सरकार की 2जी स्पेक्ट्रम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में बदलाव की मांग को पाखंड बताया है। का कहना है कि बीजेपी के पाखंड की कोई सीमा नहीं है, क्योंकि एक तरफ यूपीए सरकार में 2जी स्पेक्ट्रम के सरकारी शेयरिंग में कांग्रेस को शामिल किया गया था। वहीं, दूसरी तरफ अब नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से फिल्म के बिना स्पेक्ट्रम की प्रस्तुति के लिए सुप्रीम कोर्ट से कानूनी मांग की जा रही है। पढ़ें पूरी खबर…

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