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- टीडीपी प्रमुख कौशल विकास मामला|चंद्रबाबू नायडू की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली1 घंटा पहले
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आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को आज सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ सजा सुनाई जाएगी। यह आवेदन आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया है। नायडू को 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
31 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दे दी थी। तब वे राजमुंडरी जेल से करीब 53 दिन बाद बाहर आए थे। 20 नवंबर को उच्च न्यायालय ने उन्हें रेस्टॉरेंट बेल दे दी। आंध्र प्रदेश में नायडू के खिलाफ पांच अलग-अलग मामलों की जांच चल रही है।
इसके बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने के निर्देश की मांग की थी। सरकार ने कहा है कि नायडू एक विचारधारा वाले व्यक्ति हैं। वे एक सरकारी कर्मचारी हैं जिनमें उनके दो प्रमुख सहयोगी पहले ही देश से यात्रा की व्यवस्था कर चुके हैं।

30 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने चंद्रबाबू नायडू को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए 4 सप्ताह की सजा दी थी। 31 अक्टूबर को वे जेल से बाहर आये और स्मारक पर कब्जा कर लिया।
नायडू के खिलाफ इन 5 केस की जांच चल रही है…
1. आर्किटेक्चरल डेवेलपमेंट प्लेसमेंट
डिवेलपमेंट डेवलपमेंट के प्रमुख में नायडू को सीआईडी ने 9 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था। 73वें साल के नायडू पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने साल 2015 में मुख्यमंत्री के साथ मिलकर आयोलेडिएल कॉर्पोरेशन के सहयोगियों का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया था, जिससे राज्य के मूल्यांकन को 371 करोड़ का नुकसान हुआ था। इस मामले में नायडू को एक नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में थे मगर बाद में 31 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने उन्हें 28 दिन की अंतरिम जमानत दे दी।
2. शराब लाइसेंस लाइसेंस
चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ ताजा मामला शराब लाइसेंस घोटाला का है। सीआईडी ने सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की अदालत में नामांकन दाखिल करते हुए सीआईडी की ओर से नायडू के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दे दी। नायडू राजमुंदरी सेंट्रल जेल से वर्चुअली इस सुनवाई में जुड़े।
3. अंगालू हिंसा केस
अंगालू हिंसा केस में भी सीआईडी नायडू के खिलाफ जांच कर रही है। हालाँकि इस केस में बिल्डर से भागने के लिए नायडू आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय थे। कोर्ट ने 12 अक्टूबर को मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रखा था। अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को इस केस में कोर्ट ने नायडू को जमानत दे दी थी। इसी वर्ष अंगालू हिंसा मामला तीन देसम पार्टी (टीडीपी) की एक रैली से ख़त्म हो गया है। रैली के दौरान ही परिवर्तन हुआ, जिसमें कई पुलिसवाले, टीआईपी और नियुक्त एआईएसआरसीपी समर्थक घायल हो गए थे। इसके बाद अन्नामैया और चित्तूर में दंगे भड़क उठे।
4. अमरावती इनर रिंग रोड केस
अमरावती इनर रिंग रोड केस हाईकोर्ट में लंबित है। नायडू ने इस मामले में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की है। कोर्ट इस मामले में 7 नवंबर को सुनवाई करेगा। अमरावती इनर रिंग रोड घोटाला 2014-2019 के दौरान, जब नायडू की सरकार थी। आरोप है कि सरकार में उच्च अधिकारी ने योजना में बदलाव किया और इस दौरान अमरावती के मास्टर प्लान की डिजाइनिंग और रिंग रोड और अन्य उद्योगों को जोड़ने की योजना धांधली में छोड़ दी गई।
5. खरगोश खरगोश केसे
प्लास्टिक के खिलौने के खिलाफ पहले चरण में हुई कर्मचारियों की सीआईडी जांच कर रही है। सीआईडी ने नायडू पर आरोप लगाया है कि उनकी फायदे वाली कंपनी को इस योजना में 330 करोड़ रुपये के कारोबार का ठेका देने से राज्य को भारी नुकसान हुआ है। काम होने तक भी कंपनी के छात्र-छात्राएं मिल गए हैं। इस मामले में सीआईडी ने नायडू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसे रद्द करने के लिए नायडू ने HC में जो पर्चा दाखिल किया था, उसे रद्द कर दिया गया है।

स्कूल भवन के स्टूडियो में चंद्रबाबू नायडू की गर्लफ्रेंड के बाद अब तक की टाइमलाइन…
9 सितंबर: पूर्व सीएम नायडू को CID ने 371 करोड़ रुपए के करोड़ों रुपए के घोटाले में गिरफ्तार किया।
10 सितंबर: चंद्रबाबू नायडू को विजय में वेस्ट इंडीज ब्यूरो (एसीबी) की अदालत में पेश किया गया। फिर कोर्ट ने उन्हें 23 सितंबर तक 14 दिन के लिए धार्मिक स्थलों में भेज दिया।
11 सितंबर: टीडीपी कैथोलिक ने सीएम चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ डेमोक्रेटिक और डेमोक्रेटिक डेमोक्रेटिक पार्टी का विरोध किया। इसी दिन पुलिस ने चित्तूर जिले में टीडीपी के सैनिक कंचेरला शेख समेत कई पार्टी नेताओं पर भी कब्जा करने की कोशिश की।
12 सितंबर: टीडीपी ने पूरे राज्य में बंदों की बुकिंग की है। आंध्र प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी है।
13 सितंबर: चंद्रबाबू के वकीलों ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दाखिल कीं। जिसपर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने एसीबी कोर्ट की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी। नायडू ने 18 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में न लेने का आदेश दिया था। नायडू की FIR रद्द करने की याचिका 19 सितंबर तक जारी कर दी गई थी।
15 सितंबर: नायडू की लीगल टीम ने ज़मानत के लिए परमिट और एक दस्तावेज़ की नींव रखी। इसका अवलोकन उस दिन नहीं हो सकता।
22 सितंबर: HC ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आपराधिक मामले की जांच के शुरुआती चरण में FIR रद्द नहीं की जा सकती.
23 सितंबर: नायडू ने एचसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
3 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट में चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई।
13 अक्टूबर: SC की सुनवाई में CID ने बताया कि नायडू के केंद्रीय विपक्ष भी कर रहे हैं विरोध।
16 अक्टूबर: राज्य पुलिस ने नायडू के खिलाफ नेट केस जारी किया।
17 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने नायडू की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
20 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने दिवालियापन मामले में फैसला आने तक अन्य मामलों में गिरवी पर रोक लगा दी।
31 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने नायडू को मेडिकल कंडीशन में 4 हफ्ते की जमानत दी।
20 नवंबर: हाई कोर्ट ने नायडू को डांटा बेल दी। उन्हें चुनाव में प्रचार की अनुमति भी दी गई।
21 नवंबर: आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश जारी कर दिए हैं।
28 नवंबर: कोर्ट सुप्रीमो ने आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर नायडू से जवाब मांगा।
26 फरवरी: आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से चंद्रबाबू नायडू की जमानत रद्द करने की अपील की। सरकार ने यह सेवा दी कि चंद्रबाबू नायडू के परिवार से प्रभावित लोगों की जांच के लिए लोक अधिकारियों को डराया-धमकाया गया।
16 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम वकील और मॅंकश मॅक की बेंच ने आंध्र सरकार की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से वकील ने इंटरनैशनल आवेदन की पेशकश की है, हालांकि यह रिकॉर्ड में दिखाई नहीं दे रहा है। कोर्ट ने आवेदन को सूचीबद्ध करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 7 मई के लिए टाल दी।
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