कोलकाता8 मिनट पहले
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कैथोलिक में काम करने वाली एक महिला ने 3 मई को गवर्नर बोस के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी। (फाल्फ़)
पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों को लेकर टीएमसी की रणनीति बताई है। सोमवार (6 मई) को केरल दौरे से वापस आने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर आनंद बोस ने कहा- मैं बेवकूफी नहीं करूंगा।
बोस ने कहा- मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ममता को इन सब से बचाए, लेकिन यह काम भगवान के लिए भी मुश्किल है। मुझ पर लगे आरोप ड्रामाबाजी है। राज्य में हो रही हिंसा और संघर्ष को मिलाने की मेरी कोशिश जारी रहेगी। मुझे इस अंक पर अब और कुछ नहीं कहा गया है।
दरअसल, वैशाली में काम करने वाली महिला के खिलाफ 3 मई को गवर्नर बोस पर यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई गई थी। महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का अनुरोध लेकर बोस के पास गया था। तब बोस ने उनके साथ बदसालूकी की थी।
उधर, मामले को लेकर टीएमसी नेता संतनु सेन ने कहा- ममता बनर्जी पर आरोप है कि पहले बोस को अपनी सफाई पर ध्यान देना चाहिए। अगर उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया तो उन्हें डरने की ज़रूरत नहीं है। एसएससी पुलिस के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
बोस के कर्मचारियों को आदेश दें- पुलिस के सामने आवेदन करें
बोस पर लगे आरोप को लेकर पुलिस ने जांच के लिए एक टीम स्टूडियो की थी। टीम ने निकोलस के कर्मचारियों से पूछताछ के लिए समन जारी किए। बोस ने 5 मई के कर्मचारियों को पुलिस के समान को नजरअंदाज करने का आदेश दिया।
बोस ने एक्स पर स्क्रीनशॉट के कर्मचारियों के लिए एक पोस्ट में लिखा कि यह स्पष्ट है कि संविधान के अनुच्छेद 361 (2) और (3) के तहत राज्य पुलिस गवर्नर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। राष्ट्रपति, राज्यपाल के पद पर रहने के दौरान उनके खिलाफ किसी भी अदालत में कोई आपराधिक जुर्माना नहीं लगाया जा सकता है।
पुलिस ने शनिवार को 4 कर्मचारियों को तलब किया था
पीटीआई ने शनिवार को एक वरिष्ठ पुलिस गश्ती दल को बताया- हमने एक जांच टीम बनाई है जो अगले कुछ दिनों में इस मामले में कुछ गवाहों से बात करेगी। हमारे यहां निकोलस सामिल से मुलाकात की भी अपील की गई है।
विशेष जांच दल (एसईटी) ने गवर्नर बोस के खिलाफ़ नियुक्तियों पर कोलकाता के 4 कर्मचारियों को तलब किया है। उन्हें आज शाम 4 बजे तक हरे स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में पेशी के लिए बुलाया गया है।
विधान में पुलिस के प्रवेश पर रोक
संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत स्थायी गवर्नर के खिलाफ किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। निकोलस ने भी एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें गवर्नर बोस ने निकोलस में पुलिस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। बोस का कहना है कि भ्रष्टाचार के दौरान अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए पुलिस की अयोग्यता से जांच की जा सकती है।

टीएमसी ने कहा- क्या मोदीजी गवर्नर से सफाई मांगेंगे
यूक्रेनियन कांग्रेस पार्टी सागरिका घोष ने महिला के पति को लेकर एक वीडियो बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस पर गंभीर आरोप लगाया गया है। एक महिला जब गवर्नर सीवी आनंद बोस के पास गई तो उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न और गलत व्यवहार किया। महिला अब पुलिस स्टेशन पहुंच गई है, जहां वह अपनी शिकायत दर्ज करा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि ये गंभीर आरोप तब लग रहे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता पहुंच रहे हैं। मोदी जी नेपोलियन में ही रहेंगे। क्या मोदी जी राज्यपाल से सफाई मांगेंगे? मोदी जी पूछेंगे कि किस तरह की घटना घटी?

सुवेंदु अधिकारी बोले- आरोप साजिश तो नहीं
गवर्नर पर लगे किसी को लेकर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह देखना होगा कि आरोप सही हैं या फिर साजिश है। 26,000 की नौकरी छोड़ दी गई, टेलीकॉम ग्रैमी पर संदेशखाली मुद्दा। देखियेगा कि ये याचिका राजनीतिक साजिश है या नहीं। यदि यह सच है तो निश्चित तौर पर केंद्र सरकार कार्रवाई करेगी।
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महिला की शिकायत के बावजूद गवर्नर बोस के खिलाफ अभी तक यौन उत्पीड़न की धाराओं में केस दर्ज नहीं हुआ है। बंगाल पुलिस कानूनी सलाह ले रही है कि इस मामले में कार्रवाई कैसे की जाएगी? इसका कारण यह है कि राज्यपाल के पद पर रहने वाले व्यक्ति को संविधान से केश और राष्ट्रपति से एमिटी मिल गई है। बोस पर अभी एक्शन क्यों नहीं हो सकता… पढ़ें पूरी खबर…