हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक और झटका लगा, जब राज्य में उसकी महिला शाखा की नेता गायत्री देवी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गईं।
देवी हांसी विधानसभा सीट से टिकट न मिलने से नाराज थीं। विनोद भयाना2024 के विधानसभा चुनावों के लिए सीट से विधायक हैं।
देवी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “2014 में जब मैंने टिकट मांगा था, तो मुझे सरकार बनने तक इंतजार करने को कहा गया था। मैंने सहमति जताई और पार्टी के लिए पूरी लगन से काम किया।”
हरियाणा में भगवा पार्टी को बगावत का सामना करना पड़ा है, जहां मंत्रियों सहित शीर्ष नेताओं ने टिकट नहीं मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया है। कथित तौर पर ‘दलबदलुओं’ को वितरित किया गया 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए।
भगवा पार्टी द्वारा 4 सितंबर को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद विद्रोह की खबरें आईं। 67 उम्मीदवार पार्टी ने 21 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की 10 सितंबरहरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में देवी ने कहा, “भाजपा में पार्टी कार्यकर्ताओं की कोई नहीं सुनता। उनके नेता सिर्फ़ बड़े-बड़े भाषण देते हैं और दावा करते हैं कि उन्होंने पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है, लेकिन क्या उन महिलाओं को कोई स्थान मिला जिन्होंने अपनी जगह बनाई है? भाजपा सिर्फ़ विधायकों की पत्नियों या विधायकों के बेटों की पत्नियों को ही पुरस्कृत करती है। घर-घर जाकर प्रचार करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या?”
भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को पार्टी ने 20 वादों वाला घोषणापत्र जारी किया।
‘दलबदलुओं को टिकट’
टिकट वितरण को लेकर बगावत करने वाले हरियाणा भाजपा नेताओं में राज्य के ऊर्जा मंत्री भी शामिल हैं। रणजीत सिंह चौटाला और सामाजिक न्याय राज्य मंत्री बिशम्बर सिंह बाल्मीकि। दोनों मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया, जबकि मुख्यमंत्री सैनी उन्हें शांत करने का प्रयास किया गया।
बागियों की नाराजगी यह है कि पार्टी ने टिकट वितरण में वफादारों के बजाय दलबदलुओं को तरजीह दी है। 67 नामों की सूची 4 सितम्बर को जारी किया गया। भाजपा ने दो मंत्रियों सहित आठ मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया।
भाजपा केवल विधायकों की पत्नियों या विधायकों के बेटों की पत्नियों को ही पुरस्कृत करती है। घर-घर जाकर प्रचार करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं का क्या?
देवी ने कहा, “विनोद भयाना, जो एक अलोकप्रिय नेता हैं, को उनके खिलाफ कई शिकायतों के बावजूद तरजीह दी गई। उन्होंने हांसी को बर्बाद कर दिया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘एक समय भाजपा संगठन पर आधारित पार्टी थी लेकिन आज यह उद्योगपतियों की पार्टी बन गयी है। हरयाणाउन्होंने कहा, ‘‘चाहे महाराष्ट्र हो या राजस्थान, पार्टी को 10-15 लोग चलाते हैं।’’