नमूना चित्र
मैंगलूरु नगर निगम ने शहर में पीने के पानी की बड़ी समस्या उत्सववती नदी के बड़े हिस्सों के सूखने और अंगूठे में तेजी से घटने के कारण शहर में एक दिन के अंतराल पर जलापूर्ति का निर्णय लिया है। आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बताया कि दक्षिण कन्नड़ जिले के अछूता मुल्ली मुहिलान की राजधानी में शनिवार को मंगलुरु नगर निगम के अधिकारियों और अन्य संबद्ध अधिकारियों की बैठक में इस कार्य का निर्णय लिया गया। आज की बैठक में जजमेंट के लिए शहर के क्षेत्र को अब दो दिन में एक बार ही जलाए जाने की बात कही गई।
मंगलुरु में जल संकट के बाद
इसके अलावा प्रशासन ने लोगों को जल के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी भी दी है और कहा है कि वे घरेलू उपयोग के अलावा किसी अन्य उद्देश्य से पानी को नष्ट न करें। जो लोग बगीचों में पानी डालते हैं, वाहन धोते हैं और अन्य उपयोग के लिए नल के पानी का उपयोग करते हैं, उन्हें जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में पहली बार मंगलुरु शहर को इस स्थिति का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 2019 में ऐसी स्थिति बनी थी। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि दक्षिण-पश्चिमी आबादी समय पर है तो पानी की स्थिति में सुधार होगा। ग़ौरतलब मुहिलान ने कहा कि हमें अपने जल संसाधनों में उपलब्ध जल को लंबे समय तक उपयोग के लिए सुरक्षित बनाए रखने के लिए कदम उठाना पड़ रहा है।
विश्व जल संकट
बता दें कि इससे पहले फ़्रॉसी शहर को जलसंकट से डाउनलोड किया गया था। बेंगलुरु जल आपूर्ति और इलेक्ट्रिकल बोर्ड ने डेज़ डेज में स्विमिंग पूल में पीने के पानी के उपयोग पर रोक लगा दी थी। यहां ऑर्डर जारी करते हुए बोर्ड ने गेस्ट पूल में पीने के पानी को भी बुलाया है, जिसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बोर्ड ने ऑर्डर जारी करते हुए कहा कि अगर ऑर्डर का उल्लंघन हुआ तो 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। बता दें कि कर्नाटक में एक के बाद एक अलग-अलग शहरों में पानी की दुकानों के लोगों का सामना करना पड़ रहा है।
(इनपुट-भाषा)