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Afghanistan Rashid Khan Struggle Story; Refugee Camp | T20 World Cup | अफगानी कप्तान राशिद की कहानी: रिफ्यूजी कैंप में रहे, यूट्यूब से गेंदबाजी सीखी, अब टी-20 के सुपर स्टार

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खेल3 मिनट पहले

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अफगानिस्तान की टीम भले ही टी-20 विश्व कप 2024 के सेमीफाइनल में हार गई हो, लेकिन उनके यहां तक ​​सफर को पूरे क्रिकेट जगत में सखा जा रहा है। वैसे टीम इंडिया के कप्तान राशिद खान का नाम इस समय हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर है। उनकी कप्तानी वाली टीम ने आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीमों को टूर्नामेंट में हराकर पहली बार विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई।

कप्तान राशिद खान का यहां तक ​​सफर आसान नहीं रहा है। उनका बचपन बहुत दुखद था। 2001 में अफगानिस्तान में अमेरिका और तालिबान के बीच छिड़े युद्ध ने उनके परिवार को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। बच्चों की सुरक्षा के लिए परिवार अफगानिस्तान छोड़कर पाकिस्तान सीमा के पास रिफ्यूजी कैंप में रहने लगा। उस समय राशिद की उम्र महज 3 साल थी। हालात सुधरने के बाद परिवार लौटा, लेकिन कुछ समय बाद फिर वही स्थिति बनी तो पूरा परिवार पाकिस्तान लौट गया। दहाड़ पेशावर की पंक्तियों में गाते हुए उनका जीवन आगे बढ़ा।

एक बार राशिद को अचानक अंग्रेजी बोलने का जुनून सवार हो गया। मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद उन्होंने 6 महीने तक अंग्रेजी की स्पेशल परीक्षा ली। इसके बाद खुद इंग्लिश सीखें।

करियर : 21 साल की उम्र में बने अफगानिस्तान टीम के कप्तान
मात्र 17 साल की उम्र में 2015 में राशिद खान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ वन-डे और टी 20 इंटरनेशनल में डेब्यू किया था। इसके बाद 2018 में उन्होंने भारत के खिलाफ पहला टेस्ट खेला। 2019 में मात्र 21 साल की उम्र में उन्हें टीम के तीन फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) का कप्तान बना दिया गया। हालांकि इसी साल उन्हें असगर जिंदाबाद कप्तानी दे दी गई। राशिद ने अब तक कुल 201 मैचों (टेस्ट, वनडे और टी20) में 269 विकेट लिए हैं। उनके नाम मात्र 53 मैचों में 100 टी20अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने का रिकॉर्ड है। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के अलावा आईपीएल और बीबीएल सहित अन्य लगभग सभी बड़ी क्रिकेट लीग में खेलते हैं। 2024 के टी20 विश्व कप के लिए उन्हें एक बार फिर से टीम का कप्तान बनाया गया था।

प्रारंभिक जीवन : डॉक्टर बनाना चाहती थी मां
राशिद खान का जन्म अफ़गानिस्तान के नंगरहार प्रांत में हुआ था। पिता खोदादाद खान टायर उद्यमी थे। राशिद पढ़ाई में बहुत होशियार थे। उनकी मां का सपना था कि राशिद बड़े डॉक्टर हों, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान और अमेरिका के बीच बार-बार होने वाले युद्ध के कारण उन्हें कभी अफगानिस्तान तो कभी पाकिस्तान में रहना पड़ा। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई। जब राशिद बड़े हो रहे थे उस समय पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी के खुमार लोगों पर छाया हुआ था। उन्हें देखकर राशिद ने भी वैसी ही बैटिंग और स्पिन सीखी। क्रिकेट के अभ्यास के लिए वे भाइयों के साथ खेलते हैं। और इस तरह उनका क्रिकेटर बनने का सफर शुरू हुआ। राशिद के 6 भाई और 4 बहनें हैं।

राशिद से जुड़ी कुछ अहम बातें

  • 2020 में ICC ने राशिद खान को दशक के सर्वश्रेष्ठ टी-20 क्रिकेटर के रूप में सम्मानित किया था।
  • राशिद ने बॉलिंग से जुड़े कई गुर यूट्यूब से सीखे हैं। अच्छी कोचिंग की व्यवस्था न होने पर वे पसंदीदा स्पिनर्स की तकनीक का वीडियो देखकर सीख रहे थे।
  • कई पाकिस्तानी और अंग्रेज उन्हें ‘अफगान अफरीदी’ भी कहते हैं। पाकिस्तान के हरफनमौला खिलाड़ी शाहिद अफरीदी उनके आदर्श रहे हैं।
  • राशिद पाकिस्तान की घरेलू टीम की ओर से भी खेल चुके हैं। 2013 में पाकिस्तान-अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच हुए टूर्नामेंट में पाकिस्तान की ‘सिबी’ टीम की ओर से खेले गए थे।
  • क्रिकेट के अलावा वे फुटबॉल के जबर्दस्त प्रशंसक हैं। एक इंटरव्यू में राशिद ने बताया था कि अगर वे क्रिकेटर नहीं होते तो फुटबॉल में करियर बनाते। उन्हें बॉलीवुड फिल्मों का बहुत शौक है। सलमान उनके फेवरेटएक्टक्टर हैं।

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