1.5 C
New York

Padma Shree Darshanam Mogilaiah Works as labourer in Hyderabad | पद्मश्री दर्शनम मोगिलैया कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी कर रहे: कहा- हर माह 7000 की दवाई आती है, सरकार से मिलने वाले 10 हजार रुपए बंद हुए

Published:


राज3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
दर्शनम मोगिलैया को 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।  - दैनिक भास्कर

दर्शनम मोगिलैया को 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

दुर्लभ म्यूजिकल आर्टिस्ट ‘किन्नारा’ का अविष्कार करने वाले पद्मश्री दर्शनम मोगिलैया आर्थिक पहलू से जुड़े हुए हैं। हाल ही में उन्हें हैदराबाद में एक कॉन्स्ट्रक्शन साइट पर देखा गया है। 73 साल के दर्शनम को 2022 में राष्ट्रपति मिर्जा ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था।

दर्शनम ने कहा कि सरकार से मिलने वाले हर महीने 10 हजार रुपये बंद हो जाते हैं। उनके और उनके बेटे की दवा का खर्च हर महीने 7 हजार रुपये हो जाता है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने किन्नारा बजाना छोड़ दिया।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने भी उन्हें सम्मान के तौर पर 1 करोड़ रुपये दिए थे, जो उनके बच्चों की शादी और अन्य साख में खर्च हो गए। कुछ दिन पहले उन्होंने रेजिडेंट सिटी के बाहर एक प्लॉट खरीदा था। इस पर मकान पैसा बनाना भी शुरू हो गया था, लेकिन कमी के कारण काम रुक गया।

कर्नाटक सरकार के 1 करोड़ रुपए के अलावा सरकार ने उन्हें रंगारेड्डी जिले में 600 स्कवॉयर यार्ड का प्लॉट देने का भी वादा किया था, लेकिन यह अभी तक मुझे नहीं बताया गया है।

दर्शनम बोले- सरकारी गैजेट्स के चक्कर केट, किसी ने मदद नहीं की
9 बच्चों के पिता दर्शनम की पत्नी का निधन 4 साल पहले हो गया था। उन्होंने कई लोगों से संपर्क करने के लिए काम किया। इसपर कुछ लोगों ने अपनी प्रति हमदर्दी स्टारडम हासिल की। कुछ लोगों ने उन्हें कुछ पैसे भी उधार दिए। लेकिन इन सब के बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी।

दर्शनम ने कहा- मेरे और मेरे बेटों की तबीयत खराब है। सिर्फ दवाइयों के लिए मुझे हर महीने 7 हजार रुपये मिलने चाहिए। इसके बाद मेडिकल टेस्ट का खर्चा अलग होता है। दर्शनम की आर्थिक स्थिति तब और खराब हो गई, जब सरकार ने उन्हें प्रतिमाह 10 हजार रुपए का मिलने वाला बंद कर दिया। दर्शनम ने इसे लेकर सरकारी गेस्टों के चक्कर केट को प्रस्तुत किया। सभी ने मदद करने का भरोसा दिया, लेकिन असल में कोई मदद नहीं की।

बीआरएस नेता ने की मदद
भारतीय राष्ट्र समिति के नेता केटी रामा राव ने टाइम्स की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद दर्शनम की मदद करने की बात कही है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर कहा- यह खबर लाने के लिए धन्यवाद। मैं दर्शनम की फैमिली का ध्यान रखूंगा। मेरी टीम तुरंत संपर्क कर रही है।

ये खबरें भी पढ़ें…

मजदूर भाई के बेटे की आईएएस बनने की कहानी, भाई की तैयारी के लिए मजदूरों ने पुराने मोबाइल का नामकरण किया

कच्चा घर। फ्रूटी-किराएदार। पास में बॉस जानवर। चूल्हा और लकड़ी की लकड़ी। खपरैल के नीचे खिलौना खिलखिलाती छोटी बहन और मुस्कुराती माँ। पास में शिक्षक बैठे पिता। यह घर है यूपीएससी क्रैक करने वाले 24 साल के पवन कुमार का। पवन की यूपीएससी में 239वीं रैंक आई है। पूरी खबर पढ़ें…

किसान के बेटे ने बनाया जेईई-मेन टॉपर: कहा- घर की आर्थिक स्थिति खराब थी, स्कॉलरशिप से मिली मदद

ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जॉम (जेईई)-पुरुषों में एक बार फिर कोटा का परिणाम सबसे अच्छा रहा है। ऑल इंडिया यूनिट रैंक कोटा के एलन इंस्टीट्यूट के स्टोर नीलकृष्ण की रही। नीलकृष्ण किसान परिवार से मिलते हैं। उनका कहना है कि माता-पिता के साथ और कोचिंग सेंटर के मार्गदर्शन से सफलता की प्राप्ति होती है। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

Related articles

spot_img

Recent articles

spot_img