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Lok Sabha Election 2024 Phase 6 BJP Congress Candidates List; Bansuri Swaraj | Manohar Lal Khattar | 8 राज्यों की 58 सीटों पर वोटिंग कल: महबूबा मुफ्ती समेत 3 पूर्व मुख्यमंत्री, 3 केंद्रीय मंत्रियों की साख दांव पर; पूर्व हाईकोर्ट जज भी मैदान में

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नई दिल्ली2 मिनट पहले

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बिहार में 2 लाख जीविका दीदियों ने मेहंदी के जरिए वोटिंग अवेयरनेस अभियान चलाया।  - दैनिक भास्कर

बिहार में 2 लाख जीविका दीदियों ने मेहंदी के जरिए वोटिंग अवेयरनेस अभियान चलाया।

2024 के लोकसभा चुनाव के छठे चरण में शनिवार (25 मई) को 7 राज्यों और 1 केन्द्र शासित प्रदेश की 58 सीटों पर मतदान होगा।

जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना था, लेकिन इसे रोमांचक बना दिया गया था। अब यहां छठे फेज में वोटिंग हो रही है।

2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा 40, तेज 4, बीजेडी 4, सपा 1, जेडीयू 3, टीएमसी 3, एलजेपी 1, आजसू 1 सीटें जीती थीं। कांग्रेस और आप अपना खाता भी बंद नहीं कर पाए।

इस चरण में 3 केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कृष्ण पाल सिंह गुर्जर और राव इंद्रजीत सिंह मैदान में हैं। इस सूची में महबूबा मुफ्ती, मनोहर लाल खट्टर और जगदंबिका पाल का नाम शामिल है।

इनके अलावा मनोज तिवारी, मेनका गांधी, नवीन जिंदल, बांसुरी स्वराज, संबित पात्रा, राज बब्बर, निरहुआ भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

चुनाव आयोग के मुताबिक, चुनाव के छठे चरण में 889 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें 797 पुरुष और 92 महिला उम्मीदवार हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के अनुसार, छठे फेज के 889 मामलों में से 183 मामलों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 39% यानी 343 उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। केवल एक उम्मीदवार ने अपनी संपत्ति 2 रुपए निर्धारित की है।

इस फेज में सबसे अमीर हरियाणा के कुरुक्षेत्र सीट से भाजपा उम्मीदवार नवीन जिंदल हैं। उनके पास 1241 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

543 लोकसभा सीटों में पांचवे चरण तक 429 सीटों पर मतदान हो गया है। 25 मई तक कुल 487 सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा। अंतिम और सातवें चरण में 56 सीटों पर वोटिंग होगी।

183 उम्मीदवार आपराधिक मामलों में, 141 हत्या-अपहरण जैसे गंभीर अपराध में शामिल
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 183 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 141 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन पर हत्या, अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से 12 शिशुओं को किसी न किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। 6 शवों पर हत्या और 21 पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 24 पुलिसकर्मी पर दर्ज हैं। 3 अपराधों के विरुद्ध सबूत (IPC-376) का केस दर्ज है। वहीं, 16 उम्मीदवारों पर शानदार भाषण देने का केस दर्ज है।

39% उम्मीदवार करोड़पति, भाजपा के सबसे ज्यादा 48
कांग्रेस चुनाव के छठे चरण में 889 सीटों पर 39 फीसदी यानी 343 करोड़पति हैं। इन उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 6.21 करोड़ रुपये है। सबसे ज्यादा भाजपा के 48 उम्मीदवार करोड़पति हैं। कांग्रेस से भाजपा में आए नवीन जिंदल सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। उनके पास 1241 करोड़ की संपत्ति है।

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर गौरव मिश्रा (482 करोड़ रुपए) और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सुशील गुप्ता (169 करोड़ रुपए) हैं। बीजू जनता दल के सभी 6 उम्मीदवार, राजद और जेडीयू के सभी 4 उम्मीदवार, सपा के 11, टीएमसी के 7, कांग्रेस के 20 और आम आदमी पार्टी के 4 उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ या उससे ज्यादा है।

सबसे कम संपत्ति वाले प्रक्षेपण में SUCIC (C) के उम्मीदवार रामकुमार यादव का नाम है। उनके पास 1686 रुपए की संपत्ति है। वहीं, रोहतक से वैलंट उम्मीदवार मास्टर रणधीर सिंह के पास संपत्ति के नाम पर महज 2 रुपये हैं।

छठे चरण में 3 मुख्यमंत्री, 3 केंद्रीय मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं…

छठे चरण की हॉट डाइस, जिन पर रहेगी नजर…

1. नई दिल्ली

दाएं हाथ की नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं, 15 साल का अनुभव रखते हैं। खुद पीएम मोदी ने इनके नाम का सुझाव दिया था। उनका सामना आम आदमी पार्टी के 3 बार विधायक रह चुके सोमनाथ भारती से है, और सोमनाथ भी उनके वकील हैं।

2. उत्तर दिल्ली

भाजपा-कांग्रेस का उत्तर दिल्ली में सीधा मुकाबला है। लेकिन दो बार के सांसद मनोज तिवारी का पलड़ा भारी है। कन्हैया इससे पहले 2019 का चुनाव हार चुके हैं। तब वे बेगूसराय से सीपीआई की टिकट पर चुनाव लड़े थे। हालांकि इसके बाद कन्हैया कांग्रेस से जुड़ गए। कन्हैया पर देश विरोधी नारों की छाप लगी है।

3. सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश

सुल्तानपुर सीट पर जातीय समीकरण चुनाव पलट सकते हैं। पिछले दोनों चुनावों में भाजपा ने यहां जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार निषाद और कुर्मी वोट काटने के लिए सपा-बसपा ने अपनी दोनों समाजों के ही नारे लगाए हैं। इससे भाजपा की लय बिगड़ने का असर है। हालांकि 8 बार संसद रह चुकी मेनका जातीय समीकरण को काटने का माद्दा रखती हैं।

4. कुरुक्षेत्र, हरियाणा

10 साल के ब्रेक के बाद दूसरी पारी की शुरुआत कर रहे नवीन जिंदल के लिए इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाना बड़ी चुनौती है। नवीन का मुकाबला आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और इनेलो के अभय सिंह चौटाला से है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में जिंदल की जीत के साथ पार्टी यहां जीत की हैट्रिक लगा सकती है।

5. गुडगाँव, हरियाणा

इस बार पंजाबी और मुस्लिम बहुल गुट कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर है। एक तरफ राज बब्बर का स्टारडम है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा को गुटबाजी से नुकसान का डर है। 2019 के चुनाव में राव इंद्रजीत ने कांग्रेस के कैप्टन अजय सिंह को 4.95 लाख वोटों से हराया था। लेकिन 3 बार के सांसदों के सामने कांग्रेस के अलावा जेजेपी के राहुल यादव भी हैं।

6. आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

आजमगढ़ सीट पर निरहुआ और धर्मेद्र यादव दूसरी बार आमने-सामने हैं। 2022 बाइपोल में मिली जीत से निरहुआ का कॉन्फिडेंस हाई है, लेकिन गुड्डू जमाली के स्पैम में जाने से निरहुआ की राह मुश्किल हो सकती है। उधर, अखिलेश के भाई धर्मेंद्र को सपा के साथ भारतीय गठबंधन का भी समर्थन मिल रहा है। आजमगढ़ में रिपब्लिकन के लिए नाक बचाने की लड़ाई है। परिवार की सीट को वापस पाने के लिए पूरा यादव कुनबा सक्रिय है।

7. करनाल, हरियाणा

चुनाव से ठीक पहले, सीएम चेहरा बदलने से भी विपक्ष को आक्रामक होने का मौका मिल गया। दिव्यांशु का यह पहला ही चुनाव है, लेकिन उन्हें नेताओं की गुटबाजी से जूझना पड़ रहा है। पिछली बार भाजपा नेताओं के विनिंग मार्जिन के लास से करनाल सीट देश में दूसरे नंबर पर रही थी। भाजपा ने यहां 6 लाख वोटों से ज्यादा से जीत दर्ज की थी।

8. अनंतनाग-राजौरी, जम्मू कश्मीर

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पहली बार कांग्रेस चुनाव हो रहे हैं। अनंतनाग-राजौरी सीट पर पहले तीसरे चरण में वोटिंग हुई थी, लेकिन बाद में इसे छठे चरण के लिए शेड्यूल कर दिया गया। इस बार पीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की साख दांव पर है। हालाँकि यहाँ महबूबा से ज्यादा मियां अल्ताफ का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

9. डुमरियागंज, उत्तर प्रदेश

डुमरियागंज सीट से भाजपा ने पूर्व सीएम जगदंबिका पाल को पांचवीं बार चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व सीएम इसी सीट पर कांग्रेस पार्टी से जीत चुके हैं, लेकिन 2014 के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थी। भीम ने नदीम और सपा ने इंडी गठबंधन से सीट बंटवारे के तहत भीम शंकर कुशल तिवारी को टिकट दिया है।

10. फरीदाबाद, हरियाणा

इस सीट पर अब तक हुए चुनावों में कांग्रेस को 6 बार जीत मिली है, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 5 बार जीत मिली है। मौजूदा सरकार में केंद्रीय मंत्री गुर्जर के पास हैट्रिक का मौका है। दोनों बड़ी पार्टियों ने जाटों के दबदबे वाली सीट पर गुर्जर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस की तरफ से चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह कृष्णपाल को टक्कर देंगे। हालांकि महेंद्र और कृष्णपाल 20 साल पहले विधानसभा चुनाव में भी प्रतिद्वंद्वी रह चुके हैं।

11. संबलपुर, ओडिशा

ओडिशा के संबलपुर गांधीनगर सीट से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मैदान में हैं। कांग्रेस ने नागेंद्र कुमार प्रधान और बीजू जनता दल ने प्रणब प्रकाश दास को टिकट दिया है। यह सीट पिछले 3 चुनावों से हर बार दूसरी पार्टी ने जीती है। 2019 में भाजपा के नितेश गंगा देब ने जीत हासिल की थी। बीजद उम्मीदवार नलिनि कांता प्रधान 9162 वोटों से हार गए थे।

12. पुरी, रॅण्डा

पुरी सीट को बीजू जनता दल का गढ़ माना जाता है। नेशनल पॉलिटिकल सेलेब्रिटी के तौर पर मशहूर व्यक्ति और आईपीएस रहे अरूप मोहन की इस सीट पर टक्कर दिलचस्प होगी। हालाँकि भगवान जगन्नाथ को लिखे पत्र की टिप्पणी से संबंधित पात्रा की मधुर मार्किंग हो गई है। संभवतः 2019 में भी मात्र 11 हजार वोटों से यह सीट हार गई थी।

13. सिवान, बिहार

सिवान में हिना शहाब के आदर्श चुनाव लड़ाई से मुकाबला तीन तरफा हो गया है। वे पिछले 3 चुनाव हार चुके हैं, लेकिन पति शहाबुद्दीन की मौत के बाद यह पहला चुनाव होगा। जेडीयू ने लक्ष्मीपुरूष को टिकट दिया है। आरजेडी हिना से किनारा करके 3 बार के विधायक अवध बिहारी को मैदान में लाए हैं।

14. तामलुक, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार की केंद्र सरकार से लगातार हर मुद्दे पर जंग देखने को मिली है। चल मैदान में भी यही नज़र है। कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज के खिलाफ टीएमसी ने एक युवा चेहरे को टिकट दिया है। यही सीट अधिकारी बंधुओं के वर्चस्व के लिए भी जानी जाती है। यहां टीएमसी-बीजेपी दोनों के लिए जीतना बेहद अहम है।

ओडिशा में विधानसभा की 42 सीटों पर भी मतदान
ओडिशा में शनिवार (25 मई) को 42 विधानसभा सीटों पर भी मतदान होगा। 147 विधानसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव हो रहे हैं। 13 मई को 28 सीटों पर और 20 मई को 63 सीटों पर मतदान हुआ है। इसके बाद आने वाले 1 जून को बाकी 42 सीटों पर वोटिंग होगी। कांग्रेस पार्टी की मतगणना 4 जून को होगी।

ओडिशा में बीजू जनता दल (बीजद), भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) प्रमुख हैं। राज्य में अभी सीएम नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजद की सरकार है। वो 5 मार्च 2000 से लगातार सीएम हैं। पटनायक सीएम पद पर रहने वाले देश के दूसरे सबसे बड़े नेता हैं। वे 24 साल से लगातार पद पर हैं। उनसे आगे सिक्किम के पूर्व सीएम पवन चामलिंग हैं, जो 24 साल 166 दिन तक सीएम पद पर रहे।

ओडिशा में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजद ने 147 में से 113 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को 23, कांग्रेस को 9, सीपीआई (एम) और चुनाव को 1-1 सीटें मिलीं।

राष्ट्रीय चुनाव 7 फेज में हो रहे, नतीजे 4 जून को आएंगे

देश की 543 सीटों के लिए चुनाव सात चरणों में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी की हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। पूरी खबर पढ़ें…

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