24.5 C
New York

7 terrorist incidents in one year in Rajouri Poonch Jammu and Kashmir | जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ में एक साल में 7 आतंकी हमले: 3 में तरीका एक जैसा; एक्सपर्ट बोले- सेना के मूवमेंट की ड्रोन से निगरानी हो

Published:


उत्तर4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
पंच हमलों के बाद रविवार (5 मई) को सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन ऑपरेशन चलाया।  लुटेरों ने हर आने-जाने वाले वाहनों की चेकिंग की।  - दैनिक भास्कर

पंच हमलों के बाद रविवार (5 मई) को सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन ऑपरेशन चलाया। लुटेरों ने हर आने-जाने वाले वाहनों की चेकिंग की।

जम्मू कश्मीर के पंच में शनिवार शाम (4 मई) को एयरफोर्स के काफिले पर हमला हुआ था। इसमें 1 लावारिस शहीद और 4 जवान घायल हो गए। इस हमले को जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैरायटी ने लोकसभा चुनाव से पहले लोगों में फैलाने की साजिश बताई है।​

उन्होंने कहा-​ राजौरी-पुंछ वाली सैंडविच में एक्टिविस्ट की चिंता बढ़ाने वाली बात है। एक साल में दो आतंकवादियों के 120 किमी के हिस्से में 7 आतंकवादी हमले हुए हैं। इनमें से 3 विद्रोहियों के हमले पर हुए हैं। इन दावों में सुरक्षा दोष की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। सेना के प्रस्थान की शुरुआत से निगरानी होनी चाहिए।

दोनों की सीमा सीमा करीब 30 किमी दूर है। यह पुराना जंगली पहाड़, घने जंगल वाला है। कश्मीर की सीमा पर बिजली की बढ़त के बाद आतंकवादी जम्मू रीजन में स्थानांतरित हो गए हैं। 2022 तक राजौरी-पुंछ दोनों में शांति थी, लेकिन अब कलाकार कलाकार सबसे ज्यादा सक्रिय हैं।

एसपी वैद्य ने कहा- राजौरी 2630 तो पंच 1674 वर्गवर्ग का क्षेत्र है। यहां सेना की अच्छी पहुंच भी है, सीमा पर निगरानी कई तकनीकें हैं, फिर भी इसके अलावा बार-बार समुद्र में घुसपैठ हो रही है। 2023 में यहां 25 जवान शहीद हो गए, जबकि हमारे 20 जवान शहीद हो गए।

4 मई को पंच में हुए हमले में 4 साइंटिस्ट ने रेजीडेंसी के समान वाहनों पर प्लांट लगाया।

4 मई को पंच में हुए हमले में 4 साइंटिस्ट ने रेजीडेंसी के समान वाहनों पर प्लांट लगाया।

सेना के आक्रमण की शुरुआत से निगरानी होती तो हमलों पर रोक लगाई जा सकती थी
पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने कहा- एक साल में तीन बदमाशों पर हमले हुए हैं। यदि पहले हमलों के बाद ही हम पूरे रास्ते के कालों की निगरानी के लिए डूबे या एस्कॉर्ट्स का उपयोग करते थे तो दूसरा-तीसरा हमला भी देखा जा सकता था। हमें काफिरों की सुरक्षा और इन दो छात्रावासों में कार्यशाला की रणनीति फिर से बनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा- अनंतनाग-राजसौरीसोम सीट पर 25 मई को मतदान होना है। 370 के बाद राज्य में पहला बड़ा चुनाव हुआ। इसलिए इन इलाक़ों में आतंकवादियों को 25 से 30 तक ऑपरेट कर रहे थे, क्योंकि ये हमला करने के बाद पाकिस्तान लौट जाते हैं। यह स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है।

नाटो सेना का हथियार पाकिस्तान के रास्ते अब कश्मीर आ रहा है
सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सुरनकोट हमलों में पर्यटक स्थल शामिल थे। उनके पास अमेरिकी हथियार थे। 2021 में जब नाटो सेना अफगानिस्तान से वापस लौटी, तब वे आतंकवादियों का एक बड़ा जखीरा तालिबान थे। अब यही हथियार जम्मू-कश्मीर भेजे जा रहे हैं।

पंच में एयरफोर्स के काफिले पर 4 स्टार्स ने स्टील गोलियाँ बिछाईं, 1 बम शहीद

पंच के सुरनकोट में शनिवार शाम 6 बजे 15 मिनट पर एयरफोर्स पर हमला हुआ था। 4 साइंटिस्ट ने सनाई टॉप जा राईस्ट की दो स्ट्रेंथ पर लेज़र की। इसमें एक वाहन एयरफोर्स का था।

हमलों में पांच युवा घायल हो गए, जिन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर के अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान कोरलोर माउंटेन माउंटेन की मौत हो गई। बाकी 4 प्रतिद्वंद्वियों में एक की स्थिति गंभीर है। हमलों के बाद सभी साथी जंगल की ओर भाग गए थे। उन्हें सर्च करने के लिए 2 दिन बाद भी ऑपरेशन जारी किया जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें…

सिद्धांत के अनुसार, 250-300 आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं
16 दिसंबर 2023 को बीएसएफ के एक वरिष्ठ सहयोगी ने सुरक्षा बलों के जवानों से जानकारी ली कि पाकिस्तान सीमा पर 250 से 300 सैन्य दल तैनात हैं। ये जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की फिराक में हैं। व्होटे ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया जाएगा।

विशेष के आईजी अशोक यादव ने आतंकियों को बताया कि हम (बीएसएफ) और सेना गठबंधन को नजर बनाए रखा गया है और हिरासत में लिया गया है। पिछले कुछ प्राचीन काल में सॉसेज और कश्मीर के लोगों के बीच के तत्वों में वृद्धि हुई है। अगर लोग हमारा सहयोग करें तो हम विकास के कौशल को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

Related articles

spot_img

Recent articles

spot_img